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गृहमंत्री अनिल विज के 'एक्शन' में आने से जगी उम्मीद, जल्द होगा फर्जी फर्मों के संचालकों का खेल खत्म
डबवाली न्यूज़ डेस्क
प्रदेशभर में फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकारी खजाने को घुन की भांति चट करने वालों का खेल जल्द ही खत्म होने की उम्मीद जगी है। प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के संज्ञान में मामला आने और उनकी ओर से टैक्स चोरों की रीढ़ तोडऩे के दिए गए आदेश के बाद उम्मीद की किरण जागी है। श्री विज की ओर से पुलिस महकमे को इस बारे में कार्रवाई करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा है। टैक्स चोरों की लॉबिग ऊंचे लेवल तक होने की वजह से अब तक टैक्स चोर बचने में कामयाब रहते थे। कराधान विभाग में ही अनेक भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की जा चुकी है। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। हकीकत तो यह है जिनके खिलाफ जांच होनी है, वे पदोन्नत होकर विभाग में ऊंचे ओहदे पर जा बैठे है। इसी प्रकार जो मामले पुलिस तक पहुंचें वे भी तो ठंडे बस्ते में रख दिए गए। जिसके कारण लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि फर्जी फर्म संचालकों का कुछ बिगड़ेगा। उम्मीद की एक ही किरण गृहमंत्री अनिल विज ही थी। जिनके संज्ञान में मामला आने के बाद उनकी ओर से सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। उम्मीद है कि अब टैक्स चोरों का खेल ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला। कराधान विभाग और पुलिस विभाग के कुछेक भ्रष्ट अधिकारी, जोकि टैक्स चोरों का बचाव कर रहे थे, उन पर नकेल कसी जाएगी। वर्णनीय है कि प्रदेश में कई हजार करोड़ रुपये के टैक्स चोरी के मामले उजागर हो चुके है। टैक्स चोरों के इतने हौंसले बुलंद रहें कि उन्होंने सरकारी खजाने से ही करोड़ों रुपये का रिफंड हासिल करके चपत लगा डाली।
प्रदेशभर में फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकारी खजाने को घुन की भांति चट करने वालों का खेल जल्द ही खत्म होने की उम्मीद जगी है। प्रदेश के गृहमंत्री अनिल विज के संज्ञान में मामला आने और उनकी ओर से टैक्स चोरों की रीढ़ तोडऩे के दिए गए आदेश के बाद उम्मीद की किरण जागी है। श्री विज की ओर से पुलिस महकमे को इस बारे में कार्रवाई करने और रिपोर्ट देने के लिए कहा है। टैक्स चोरों की लॉबिग ऊंचे लेवल तक होने की वजह से अब तक टैक्स चोर बचने में कामयाब रहते थे। कराधान विभाग में ही अनेक भ्रष्ट अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है। उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की अनुशंसा की जा चुकी है। लेकिन कार्रवाई नहीं की गई। हकीकत तो यह है जिनके खिलाफ जांच होनी है, वे पदोन्नत होकर विभाग में ऊंचे ओहदे पर जा बैठे है। इसी प्रकार जो मामले पुलिस तक पहुंचें वे भी तो ठंडे बस्ते में रख दिए गए। जिसके कारण लोगों ने उम्मीद ही छोड़ दी थी कि फर्जी फर्म संचालकों का कुछ बिगड़ेगा। उम्मीद की एक ही किरण गृहमंत्री अनिल विज ही थी। जिनके संज्ञान में मामला आने के बाद उनकी ओर से सख्त कार्रवाई करने के आदेश दिए गए है। उम्मीद है कि अब टैक्स चोरों का खेल ज्यादा दिन तक नहीं चलने वाला। कराधान विभाग और पुलिस विभाग के कुछेक भ्रष्ट अधिकारी, जोकि टैक्स चोरों का बचाव कर रहे थे, उन पर नकेल कसी जाएगी। वर्णनीय है कि प्रदेश में कई हजार करोड़ रुपये के टैक्स चोरी के मामले उजागर हो चुके है। टैक्स चोरों के इतने हौंसले बुलंद रहें कि उन्होंने सरकारी खजाने से ही करोड़ों रुपये का रिफंड हासिल करके चपत लगा डाली।
कराधान आयुक्त के आदेश डीईटीसी के पास अटके
आबकारी एवं कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से टैक्स चोरी के मामले में संलिप्त करार दिए गए विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के दिए गए आदेश डीईटीसी सिरसा के पास अटक गए। लगभग 11 माह का लंबा अरसा बीत चुका है, लेकिन डीईटीसी (टैक्स) की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई गई।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से 22 नवंबर 2019 को आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने की हिदायत दी थी। इन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की सीएम हरियाणा द्वारा भी अनुशंसा की जा चुकी थी। लेकिन उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) सिरसा की ओर से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके कारण विभागीय जांच में आरोपी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कराधान आयुक्त द्वारा अपने पत्र में तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अनिल मलिक, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, टीआई हनुमान सैनी, ईटीओ मालाराम के नाम का उल्लेख किया गया है। पत्र में इन अधिकारियों को मैसर्ज श्री ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी को बिना वेरिफिकेशन सी और एफ फार्म जारी करने के लिए जिम्मेवार ठहराया गया है। इसके अलावा इन अधिकारियों पर अन्य आरोप है।
46 फर्मों के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी हुए हवा
अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (टैक्स) द्वारा 8 नवंबर 2019 को सिरसा व कैथल के डीईटीसी को 46 फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के आदेश जारी किए थे। लगभग एक वर्ष का अरसा बीत जाने पर भी डीईटीसी सिरसा की ओर से इन फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज नहीं करवाए गए। इन 46 फर्मों में सिरसा की गंगाराम टे्रडर्स, विजय ट्रेडिंग कंपनी, नानकचंद अशोक कुमार, श्री तिरुपति ट्रेडर्स, श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, श्री बालाजी इंटरप्राइजिज, हजारी लाल श्याम सुंदर, रजत ट्रेडर्स, रोहित ट्रेडिंग कंपनी, पारस ट्रेडिंग कंपनी, जय भगवती ट्रेडिंक कंपनी, संजय सेल्ज एजेंसी, आरके ट्रेडिंग कंपनी ओढां, भीम चंद ताराचंद सिरसा, भूपेंद्र कुमार तुषार कुमार, जेसी इंटरप्राइजिज, भारत ट्रेडिंग कंपनी, जितेंद्र ट्रेडिंग कंपनी, आरडी ओवरसिज के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। इन फर्मों पर लाखों रुपये के टैक्स चोरी करने का आरोप है। लेकिन एक वर्ष बीत जाने पर भी डीईटीसी सिरसा की ओर से अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (टैक्स) के आदेशों की पालना नहीं की गई और पुलिस में मामला तक दर्ज नहीं करवाया गया।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से टैक्स चोरी के मामले में संलिप्त करार दिए गए विभाग के अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के दिए गए आदेश डीईटीसी सिरसा के पास अटक गए। लगभग 11 माह का लंबा अरसा बीत चुका है, लेकिन डीईटीसी (टैक्स) की ओर से इन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में एफआईआर तक दर्ज नहीं करवाई गई।
आबकारी एवं कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से 22 नवंबर 2019 को आधा दर्जन से अधिक अधिकारियों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने की हिदायत दी थी। इन अधिकारियों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई की सीएम हरियाणा द्वारा भी अनुशंसा की जा चुकी थी। लेकिन उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) सिरसा की ओर से इस मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया गया। जिसके कारण विभागीय जांच में आरोपी पाए गए अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई। कराधान आयुक्त द्वारा अपने पत्र में तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अनिल मलिक, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, टीआई हनुमान सैनी, ईटीओ मालाराम के नाम का उल्लेख किया गया है। पत्र में इन अधिकारियों को मैसर्ज श्री ट्रेडिंग कंपनी, मैसर्ज विनय टे्रडिंग कंपनी को बिना वेरिफिकेशन सी और एफ फार्म जारी करने के लिए जिम्मेवार ठहराया गया है। इसके अलावा इन अधिकारियों पर अन्य आरोप है।
46 फर्मों के खिलाफ एफआईआर के आदेश भी हुए हवा
अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (टैक्स) द्वारा 8 नवंबर 2019 को सिरसा व कैथल के डीईटीसी को 46 फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामला दर्ज करवाने के आदेश जारी किए थे। लगभग एक वर्ष का अरसा बीत जाने पर भी डीईटीसी सिरसा की ओर से इन फर्मों के खिलाफ पुलिस में मामले दर्ज नहीं करवाए गए। इन 46 फर्मों में सिरसा की गंगाराम टे्रडर्स, विजय ट्रेडिंग कंपनी, नानकचंद अशोक कुमार, श्री तिरुपति ट्रेडर्स, श्री बालाजी ट्रेडिंग कंपनी, श्री बालाजी इंटरप्राइजिज, हजारी लाल श्याम सुंदर, रजत ट्रेडर्स, रोहित ट्रेडिंग कंपनी, पारस ट्रेडिंग कंपनी, जय भगवती ट्रेडिंक कंपनी, संजय सेल्ज एजेंसी, आरके ट्रेडिंग कंपनी ओढां, भीम चंद ताराचंद सिरसा, भूपेंद्र कुमार तुषार कुमार, जेसी इंटरप्राइजिज, भारत ट्रेडिंग कंपनी, जितेंद्र ट्रेडिंग कंपनी, आरडी ओवरसिज के खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। इन फर्मों पर लाखों रुपये के टैक्स चोरी करने का आरोप है। लेकिन एक वर्ष बीत जाने पर भी डीईटीसी सिरसा की ओर से अतिरिक्त आबकारी एवं कराधान आयुक्त (टैक्स) के आदेशों की पालना नहीं की गई और पुलिस में मामला तक दर्ज नहीं करवाया गया।
पुलिस की एसआईटी भी कठपुतली साबित हुई!
फर्जी फर्मों और टैक्स चोरी के मामलों में पुलिस विभाग की ओर से एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया। क्षेत्र में टैक्स चोरी के मामले एसआईटी को सौंपे गए लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। चूंकि एसआईटी कठपुतली साबित हुई। टैक्स चोरी का कारोबार और फर्जी फर्मों का नेटवर्क बदस्तूर जारी रहा। हाल ही में आईजी हिसार रेंज द्वारा गठित एसआईटी के इंचार्ज एएसआई प्रह्लाद का आडियो वायरल हुआ जिसमें उसके द्वारा 5 लाख की मांग की गई थी। मामला पुलिस महानिदेशक के दरबार तक पहुंचा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में एसआईटी से की जा रही उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। गृह मंत्री श्री विज द्वारा अब जो स्टेंड लिया गया है, उससे पुलिस महकमे की जवाबदेही तय होगी और एसआईटी को भी निर्णायक कदम उठाना पड़ेगा। जब प्रशासनिक तंत्र सक्रिय होगा, तभी समाज को कंटकों से मुक्ति मिलेगी। तभी सरकार को टैक्स के रूप में चूना लगाने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जा सकेगा।
फर्जी फर्मों और टैक्स चोरी के मामलों में पुलिस विभाग की ओर से एसआईटी (विशेष जांच टीम) का गठन किया गया। क्षेत्र में टैक्स चोरी के मामले एसआईटी को सौंपे गए लेकिन परिणाम शून्य ही रहा। चूंकि एसआईटी कठपुतली साबित हुई। टैक्स चोरी का कारोबार और फर्जी फर्मों का नेटवर्क बदस्तूर जारी रहा। हाल ही में आईजी हिसार रेंज द्वारा गठित एसआईटी के इंचार्ज एएसआई प्रह्लाद का आडियो वायरल हुआ जिसमें उसके द्वारा 5 लाख की मांग की गई थी। मामला पुलिस महानिदेशक के दरबार तक पहुंचा लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ऐसे में एसआईटी से की जा रही उम्मीदों पर पानी फिरता दिखाई दे रहा है। गृह मंत्री श्री विज द्वारा अब जो स्टेंड लिया गया है, उससे पुलिस महकमे की जवाबदेही तय होगी और एसआईटी को भी निर्णायक कदम उठाना पड़ेगा। जब प्रशासनिक तंत्र सक्रिय होगा, तभी समाज को कंटकों से मुक्ति मिलेगी। तभी सरकार को टैक्स के रूप में चूना लगाने वालों को सलाखों के पीछे भेजा जा सकेगा।
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Reviewed by DabwaliNews
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5:51:00 AM
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क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
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