health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 16.11 लाख के गबन का मामला,डीएफएससी के नोटिस हुए बेअसर , डेड लाइन पार
डबवाली न्यूज़ डेस्क(इंदरजीत अधिकारी )
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में राशनकार्ड बनाने की फीस के 16.11 लाख के गबन का मामले में डीएफएससी द्वारा विभागीय अधिकारियों को जारी किए गए नोटिस हवा-हवाई हो गए है।
जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को गबन की राशि सरकारी खजाने में जमा करवाने के लिए नोटिस दिया गया था, उनकी ओर से राशि जमा ही नहीं करवाई गई है। जबकि नोटिस में 5 अक्टूबर तक का ही समय दिया गया था। गबन करने वालों के हौंसले किस कदर बढ़े हुए है, इसका यह एक नमूना है। दरअसल, विभाग द्वारा ही आरटीआई में यह जानकारी दी गई है कि विभाग ने पीले, गुलाबी व हरे राशनकार्ड बनाने की एवज में जो राशि उपभोक्ताओं से वसूली थी, उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की गड़बड़ी को लेकर भीम कालोनी निवासी प्रेम जैन ने आरटीआई में जानकारी मांगी थी। विभाग द्वारा आरटीआई में ही यह जानकारी दी गई कि पीले-गुलाबी व हरे राशनकार्ड बनाने की एवज में उपभोक्ताओं से 29 लाख 76 हजार 480 की राशि वसूली गई। यह भी लिखित में बताया गया कि उक्त राशि में से 13 लाख 65 हजार 85 रुपये ही जमा करवाए है और 16 लाख 11 हजार 395 रुपये की राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वयं आरटीआई में इस आशय की स्पष्ट जानकारी और स्वीकारोक्ति किए जाने से मामला शीशे की भांति साफ और स्पष्ट है। इस मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सैनी द्वारा संबंधित एएफएसओ सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस देकर उपभोक्ताओं से वसूली राशि जमा करवाने की हिदायत दी थी। उनकी ओर से नोटिस में समय सीमा 5 अक्टूबर निर्धारित की गई थी। बताया जाता है कि गबन की गई राशि अभी तक सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई है।
जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में राशनकार्ड बनाने की फीस के 16.11 लाख के गबन का मामले में डीएफएससी द्वारा विभागीय अधिकारियों को जारी किए गए नोटिस हवा-हवाई हो गए है।
जिन अधिकारियों व कर्मचारियों को गबन की राशि सरकारी खजाने में जमा करवाने के लिए नोटिस दिया गया था, उनकी ओर से राशि जमा ही नहीं करवाई गई है। जबकि नोटिस में 5 अक्टूबर तक का ही समय दिया गया था। गबन करने वालों के हौंसले किस कदर बढ़े हुए है, इसका यह एक नमूना है। दरअसल, विभाग द्वारा ही आरटीआई में यह जानकारी दी गई है कि विभाग ने पीले, गुलाबी व हरे राशनकार्ड बनाने की एवज में जो राशि उपभोक्ताओं से वसूली थी, उसे सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाया। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की गड़बड़ी को लेकर भीम कालोनी निवासी प्रेम जैन ने आरटीआई में जानकारी मांगी थी। विभाग द्वारा आरटीआई में ही यह जानकारी दी गई कि पीले-गुलाबी व हरे राशनकार्ड बनाने की एवज में उपभोक्ताओं से 29 लाख 76 हजार 480 की राशि वसूली गई। यह भी लिखित में बताया गया कि उक्त राशि में से 13 लाख 65 हजार 85 रुपये ही जमा करवाए है और 16 लाख 11 हजार 395 रुपये की राशि सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई। विभागीय अधिकारियों द्वारा स्वयं आरटीआई में इस आशय की स्पष्ट जानकारी और स्वीकारोक्ति किए जाने से मामला शीशे की भांति साफ और स्पष्ट है। इस मामले में जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सैनी द्वारा संबंधित एएफएसओ सहित अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को नोटिस देकर उपभोक्ताओं से वसूली राशि जमा करवाने की हिदायत दी थी। उनकी ओर से नोटिस में समय सीमा 5 अक्टूबर निर्धारित की गई थी। बताया जाता है कि गबन की गई राशि अभी तक सरकारी खजाने में जमा नहीं करवाई गई है।
जल्द जमा हो जाएगी राशि : डीएफएससी
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सैनी ने बताया कि उपभोक्ताओं से वसूली राशि जमा न करवाने बारे संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनकी ओर से जल्द ही राशि जमा करवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि समय सीमा में कितनी राशि जमा हुई, इस बारे में चालान देखकर ही बताया जा सकता है। आश्चर्यजनक है कि 5 अक्टूबर की समय सीमा बीत जाने के चार कार्य दिवस के बाद भी डीएफएसी को यह ज्ञात नहीं की कितनी राशि जमा करवाई गई है?
प्रशासन बना मूकदर्शक!
भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाली सरकार में 16 लाख से अधिक के गबन के मामले का पर्दाफाश होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना यह सिद्ध करता है कि गबन करने वालों के कितने लंबे हाथ है और उन्हें किनका संरक्षण प्राप्त है? हैरानी की बात तो यह है कि लाखों के गबन के मामले में जिला प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ लगता है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी पिछले दो सालों से उपभोक्ताओं से वसूली राशि डकार रहे है। आरटीआई में ही अधिकारी यह स्वीकार कर रहे है कि उनकी ओर से 16 लाख से अधिक की राशि जमा नहीं करवाई गई है। जनवरी-2020 में ही मामले का खुलासा होने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई और न ही गबन की गई राशि की वसूली की दिशा में कदम उठाया गया? आखिर यह सब क्या है?
गबनकत्र्ताओं को राहत क्यों?
सरकारी महकमों में जब-जब गबन के मामले उजागर होते है, तब-तब विभागीय स्तर पर पुलिस में आपराधिक मामले दर्ज करवाए जाते है। गबनकत्र्ताओं से गबन की राशि की वसूली की जाती है और उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त किया जाता है। मगर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में लाखों के गबन का मामला उजागर होने के बाद भी ढिलाई बरती जा रही है। नोटिस देने का खेल खेला जा रहा है। क्या वजह है कि गबन करने वालों को बचाने की और बचने की राह दिखाई जा रही है? आखिर क्या वजह है कि गबन करने वालों के खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज नहीं करवाया जा रहा? आखिर किसके इशारे का इंतजार है? गबन करने वालों को इतनी राहत आखिर किसके दबाव में दी जा रही है? विभाग के अधिकारियों को यह स्पष्ट करना ही होगा?
जिला खाद्य एवं आपूर्ति नियंत्रक सुरेंद्र सैनी ने बताया कि उपभोक्ताओं से वसूली राशि जमा न करवाने बारे संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी किया गया है। उनकी ओर से जल्द ही राशि जमा करवा दी जाएगी। उन्होंने बताया कि समय सीमा में कितनी राशि जमा हुई, इस बारे में चालान देखकर ही बताया जा सकता है। आश्चर्यजनक है कि 5 अक्टूबर की समय सीमा बीत जाने के चार कार्य दिवस के बाद भी डीएफएसी को यह ज्ञात नहीं की कितनी राशि जमा करवाई गई है?
प्रशासन बना मूकदर्शक!
भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करने वाली सरकार में 16 लाख से अधिक के गबन के मामले का पर्दाफाश होने के बावजूद कोई कार्रवाई न होना यह सिद्ध करता है कि गबन करने वालों के कितने लंबे हाथ है और उन्हें किनका संरक्षण प्राप्त है? हैरानी की बात तो यह है कि लाखों के गबन के मामले में जिला प्रशासन भी मूक दर्शक बना हुआ लगता है। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी पिछले दो सालों से उपभोक्ताओं से वसूली राशि डकार रहे है। आरटीआई में ही अधिकारी यह स्वीकार कर रहे है कि उनकी ओर से 16 लाख से अधिक की राशि जमा नहीं करवाई गई है। जनवरी-2020 में ही मामले का खुलासा होने के बाद भी भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ न तो कार्रवाई की गई और न ही गबन की गई राशि की वसूली की दिशा में कदम उठाया गया? आखिर यह सब क्या है?
गबनकत्र्ताओं को राहत क्यों?
सरकारी महकमों में जब-जब गबन के मामले उजागर होते है, तब-तब विभागीय स्तर पर पुलिस में आपराधिक मामले दर्ज करवाए जाते है। गबनकत्र्ताओं से गबन की राशि की वसूली की जाती है और उन्हें नौकरी से भी बर्खास्त किया जाता है। मगर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में लाखों के गबन का मामला उजागर होने के बाद भी ढिलाई बरती जा रही है। नोटिस देने का खेल खेला जा रहा है। क्या वजह है कि गबन करने वालों को बचाने की और बचने की राह दिखाई जा रही है? आखिर क्या वजह है कि गबन करने वालों के खिलाफ पुलिस में आपराधिक मामला दर्ज नहीं करवाया जा रहा? आखिर किसके इशारे का इंतजार है? गबन करने वालों को इतनी राहत आखिर किसके दबाव में दी जा रही है? विभाग के अधिकारियों को यह स्पष्ट करना ही होगा?
Related Posts
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में 16.11 लाख के गबन का मामला,डीएफएससी के नोटिस हुए बेअसर , डेड लाइन पार
Reviewed by DabwaliNews
on
7:11:00 PM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment