नगर परिषद की प्रधानगी के चुनाव पर स्टे का मामला,वीरवार को होगी हाई कोर्ट में सुनवाई
डबवाली न्यूज़ डेस्क
नगर परिषद सिरसा के प्रधान पद के चुनाव पर स्टे याचिका के मामले में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में कल यानि वीरवार को सुनवाई होगी।अदालत में पिछली सुनवाई 16 अक्टूबर को हुई थी। कल की सुनवाई को लेकर सिरसा में उत्सुकता बनी हुई है कि अदालत का क्या आदेश रहता है। चूंकि नगर पार्षद बलजीत कौर की ओर से कोर्ट में इस आशय का पहले ही शपथ पत्र दाखिल किया जा चुका है कि उसकी ओर से ही स्टे याचिका दाखिल की है। जबकि 11 अगस्त को उसने सार्वजनिक रूप से स्टे याचिका दाखिल करने से इंकार किया था। पार्षद की वजह से ही मामला तूल पकड़ गया था। मामले में सरकार की ओर से एडवोकेट जनरल और कुछ पार्षदों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता गौरव अग्रवाल ने पार्षद की स्टे याचिका वापस लेने का विरोध किया था। पार्षदों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता गौरव अग्रवाल की ओर से पार्षद बलजीत कौर की सदस्यता निलंबित करने की मांग की गई थी। इसके साथ ही सिरसा नगर परिषद के प्रधान के चुनाव पर स्टे को भी खारिज किए जाने का आग्रह किया था। मामले में अदालत द्वारा सरकार को अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया था। इसके साथ ही अदालत ने एडवोकेट जनरल से पार्षद बलजीत कौर के मामले को लेकर साक्ष्य पैन ड्राइव में पेश करने के लिए कहा था। जोकि पिछले सुनवाई के समय अदालत में दिए गए थे। कल वीरवार की सुनवाई के दौरान अदालत का क्या रूख रहता है, इसको लेकर सिरसावासियों की निगाहें टिकी हुई है। यह जिज्ञासा बनी हुई है कि क्या अदालत प्रधान पद के चुनाव पर स्टे को खारिज करता है? वर्णनीय है कि प्रधान पद के लिए चुनाव की तारीख 11 अगस्त तय की गई थी। लेकिन 10 अगस्त की देर सायं इस आश्य की सूचना जिला प्रशासन के पास पहुंची की पार्षद बलजीत कौर की ओर से हाईकोर्ट से 7 अगस्त को ही स्टे हासिल कर लिया गया है। इसका प्रधान के चुनाव स्थगित कर दिए गए थे। मामले में 11 अगस्त को पार्षद बलजीत कौर द्वारा स्टे याचिका हासिल करने से इंकार किया गया था। उसकी ओर से धार्मिक स्थल में शपथ भी ली गई थी। मगर, मामला जब हाईकोर्ट में पहुंचा तब पार्षद बलजीत कौर की ओर से शपथ पत्र देकर इस आश्य की स्वीकारोक्ति की गई कि स्टे याचिका उसकी ओर से ही लगाई गई है। अब अदालत इस मामले में क्या रूख अपनाता है, इस पर लोगों की निगाह टिकी हुई है।
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