health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
कराधान विभाग के अधिकारी हुए बेनकाब,पुलिस अधीक्षक के समक्ष नहीं चल पाई चतुराई,दो अधिकारियों को बचाने की कोशिश नहीं हुई कामयाब,
डबवाली न्यूज़ डेस्क
आबकारी एवं कराधान विभाग सिरसा के अधिकारियों की चाल पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के समक्ष चल नहीं पाई। विभागीय अधिकारियों ने सुनियोजित ढंग से अपने महकमे के दो अधिकारियों का बचाव करने का प्रयास किया था। लेकिन अनुभवी पुलिस अधीक्षक के समक्ष उनकी चाल कामयाब नहीं हो पाई। पुलिस अधीक्षक ने विभागीय अधिकारियों को तलब किया और फर्जी फर्मों के मामले में उन दो अधिकारियों सहित अन्य की शिकायत तलब की। इसके बाद उनके आदेश पर विभाग के पांच अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज हो पाया। दरअसल, कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से 22 नवंबर 2019 को अपने महकमे के डीईटीसी को आदेश दिया गया था कि लगभग 52 करोड़ के टैक्स चोरी के मामले में छ: अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाया जाए। कराधान विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की। विभाग की ओर से पत्राचार का ड्रामा किया गया। मामला गृहमंत्री अनिल विज और नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के संज्ञान में आया तो उनकी ओर से मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 28 अक्टूबर को विभाग के पत्र अनुसार चार अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। विभागीय अधिकारियों ने कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेश के बावजूद अपने ही विभाग के दो अधिकारियों का बचाव किया और उनके नाम पुलिस को नहीं दिए। जबकि कागजों में दो ड्राफ्ट का जिक्र किया। एक ड्राफ्ट में चार अधिकारियों व दो फर्मों तथा दूसरे ड्राफ्ट में पांच अधिकारियों व दो फर्मों के नाम का उल्लेख था। कराधान विभाग के अधिकारियों ने पुलिस के पास एक ही ड्राफ्ट भेजा। इस कारण दो अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं हुआ। जब दो ड्राफ्ट में 6 अधिकारियों का नाम का उल्लेख होने और महज चार के खिलाफ मामला दर्ज होने पर पुलिस पर ऊंगली उठी, तब पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने सोमवार को विभागीय अधिकारियों को तलब किया और उनसे दूसरे ड्राफ्ट की जानकारी मांगी। पुलिस अधीक्षक के समक्ष कराधान विभाग के अधिकारियों की चतुराई नहीं चल पाई और वे उन अधिकारियों का भी बचाव नहीं कर पाए, जिन्हें वे बचाने के लिए पुलिस को चकमा दे रहे थे। विभागीय अधिकारियों ने पुलिस अधीक्षक के समक्ष छिपाए गए ड्राफ्ट नंबर-दो को पेश किया। जिसके बाद सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 2 नवंबर को एफआईआर नंबर 367 दर्ज की, जिसमें 5 अधिकारियों व दो फर्मों को नामजद किया गया है। जबकि सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 28 अक्टूबर को एफआईआर नंबर 355 दर्ज की थी, जिसमें चार अधिकारियों व दो फर्मों को नामजद किया गया था।
कराधान आयुक्त को भी किया भ्रमित
कराधान विभाग सिरसा के अधिकारी पुलिस को चकमा देने के साथ-साथ अपने महकमे के मुखिया कराधान आयुक्त हरियाणा को भी चकमा देने का काम किया है। विभागीय अधिकारियों की ओर से 28 अक्टूबर को दर्ज करवाई गई एफआईआर का हवाला देते हुए कराधान आयुक्त को पत्र लिखकर मामले पर पर्दा डालने की कोशिश की गई। डीईटीसी की ओर से पत्र क्रमांक 1996 दिनांक 28 अक्टूबर में कराधान आयुक्त हरियाणा को बताया गया कि उनके आदेशों की पालना करवा दी गई है। अचरज की बात तो यह है कि विभागीय अधिकारियों ने कराधान आयुक्त को भेजे पत्र में ड्राफ्ट-1 तथा ड्राफ्ट-दो का उल्लेख किया। लेकिन पुलिस को ड्राफ्ट-दो दिया ही नहीं। पुलिस अधीक्षक के प्रयासों से कराधान आयुक्त हरियाणा को चकमा देने की कोशिश भी विफल हो गई। ऐसे में विभागीय अधिकारियों से यह अपेक्षा करना कि वे फर्जी फर्मों के मामले में संलिप्त अन्य अधिकारियों व कर्मचारियों को चिह्नित करेंगे, बेमानी है।
पुलिस के लिए आसान नहीं तिलिस्म तोडऩा!
नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह द्वारा फर्जी फर्मों मामले में कड़ा संज्ञान लिया गया है। उनके आदेश पर ही जिला पुलिस द्वारा लगभग 20 फर्मों सहित विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। पुलिस अधीक्षक की ओर से मामले में एसआईटी का भी गठन किया गया है। लेकिन विभागीय अधिकारियों व फर्जी फर्मों के सरगनाओं के गिरोहबाजी को तोडऩा आसान नहीं होगा। ताजा प्रकरण से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि विभागीय अधिकारी किस प्रकार पुलिस को भ्रमित कर सकते है। ऐसे में नामजद अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में पुलिस का इनसे मदद की उम्मीद करना बेमानी होगा। अपने अधिकारियों को बचाने के लिए हो सकता है कि रिकार्ड ही मुहैया न करवाएं? यह भी हो सकता है कि रिकार्ड को खुर्दबुर्द कर दिया जाए? जब विभागीय अधिकारी कराधान आयुक्त द्वारा आरोपी बनाए गए अधिकारियों का बचाव कर सकते है, तब वे अन्य कर्मचारियों व अधिकारियों को किस प्रकार शिकंजे में ले सकेंगे? कराधान विभाग के ही कुछेक भ्रष्ट अधिकारियों की वजह से ही सरकार को करोड़ों रुपये के टैक्स चोरी झेलनी पड़ी। सीएजी (महालेखाकार विभाग) द्वारा गहन पड़ताल के बाद विभाग के इन अधिकारियों की टैक्स चोरों के साथ संलिप्तता सिद्ध की गई है। ऐसे में पुलिस के लिए जांच में कठिनाई आना तय है? एसआईटी को पुलिसिया अंदाज में ही जांच करनी होगी, तभी विभागीय अधिकारियों व फर्जी फर्मों के सरगनाओं के गठजोड़ पर चोट की जा सकेगी।
पांच अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज
सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने आबकारी एवं कराधान विभाग के ईटीओ सुरेंद्र गोदारा की शिकायत पर पांच अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन के आरोप में मामला दर्ज किया है। पुलिस ने कराधान विभाग के ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अनिल मलिक, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, टीआई हनुमान सैनी के अलावा मैसर्ज श्री ट्रेडिंग कंपनी तथा मैसर्ज विनय ट्रेडिंग के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 468, 471 व सीजीएसटी एक्ट की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया है। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने इन फर्जी फर्मों को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाया, जिसके कारण सरकार को लगभग 50 करोड़ का चूना लगा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 28 अक्टूबर को भी ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, ईटीओ माला राम, एईटीओ ओपीएस अहलावत के खिलाफ इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। विभाग की ओर से कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेशों पर यह मामला दर्ज करवाया गया है।
इसलिए टैक्स चोरी में हरियाणा ने पाया देश में चौथा स्थान
फर्जी फर्मों के सरगनाओं के साथ कराधान विभाग के ही कुछेक भ्रष्ट अधिकारी पार्टनर की भूमिका अदा कर रहे थे। इसलिए हरियाणा टैक्स चोरी के मामले में देश में चौथे स्थान पर पहुंच गया। संसद में वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा जो तथ्य रखे गए उसके अनुसार जुलाई-2017 से अगस्त-2020 की अवधि के तीन वर्षों में टैक्स की चोरी 1708 मामले दर्ज हुए। हरियाणा ने टैक्स चोरी के मामलों में पड़ौसी राज्यों पंजाब, हिमाचल, जम्मू-कश्मीर व चंडीगढ़ को पीछे छोड़ दिया। वर्णनीय है कि देशभर में एक जुलाई 2017 से जीएसटी लागू हुई थी। इस अवधि में देशभर में हुई 93642 करोड़ की टैक्स चोरी हुई।
सिरसा में बरकरार है एमआरपी का साम्राज्य
टैक्स चोरी के धंधे से आसमान छूने वालों का साम्राज्य आज भी बरकरार है। पहले फर्जी एसटी-15 और सी-फार्म का धंधा करने वालों ने जीएसटी लागू होने के बाद अपने कारोबार को अधिक फैलाया। भोले-भाले लोगों के नाम पर फर्म बनाकर टैक्स चोरी करने और सरकारी खजाने से टैक्स रिफंड लेने का गोरखधंधा किया। विभाग के कुछेक भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ करके अल्प समय में इन लोगों ने अकूत संपत्ति जुटा ली और फिर पैसे के बल पर खेलना शुरू कर दिया। सूत्र बताते है कि इन लोगों द्वारा मनी लाड्रिंग का काला कारोबार भी संचालित किया जाता है। अचरज की बात है कि फर्जी फर्मों के मामले की जांच जिस एजेंसी के पास पहुंचती है, वह निष्क्रिय हो जाती है?
Related Posts
कराधान विभाग के अधिकारी हुए बेनकाब,पुलिस अधीक्षक के समक्ष नहीं चल पाई चतुराई,दो अधिकारियों को बचाने की कोशिश नहीं हुई कामयाब,
Reviewed by DabwaliNews
on
8:33:00 PM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment