खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की शिकायत का मामला,9 माह से ठंडे बस्ते में पड़ी है एसडीएम कार्यालय में जांच!

डबवाली न्यूज़ डेस्क
भ्रष्टाचार के मामले में सरकार की जीरो टोलरेंस नीति धरातल पर हवा हो रही है। जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में अधिकारियों के भ्रष्टाचार को उजागर करने पर भी मामले में कोई प्रगति नहीं होती। भीम कालोनी निवासी प्रेम जैन पुत्र मानक चंद जैन की ओर से 30 नवंबर 2019 को शिकायत की गई थी, जिसमें विभागीय अधिकारियों के भ्रष्टाचार का चिट्ठा खोला गया था। मामले की जांच का जिम्मा एसडीएम सिरसा को सौंपा गया। एसडीएम कार्यालय की ओर से फरवरी-2020 में शिकायतकत्र्ता को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया गया। लेकिन 9 माह का लंबा अंतराल बीत जाने पर भी एसडीएम कार्यालय आज तक निणार्यक कार्रवाई नहीं कर पाया।शिकायतकत्र्ता प्रेम जैन ने बताया कि जिला खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में डीएफएससी स्तर के अधिकारियों से लेकर अन्य अधिकारियों द्वारा बड़ा गोलमोल किया गया। उन्होंने बताया कि मामले में 30 नवंबर 2019 को खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सिरसा, जिला उपायुक्त, गृह मंत्री, मुख्यमंत्री सहित अन्य उच्चाधिकारियों को शिकायत की। बताया कि किस प्रकार सिरसा में भ्रष्टाचार किया जा रहा है। मामले में जिला उपायुक्त द्वारा एसडीएम सिरसा को जांच करने की जिम्मेवारी दी। एसडीएम कार्यालय की ओर से उन्हें 7 फरवरी 2020 को बुलाया गया। इस अवसर पर उन्हें 19 फरवरी को शिकायत के संदर्भ में सबूत पेश करने के लिए कहा गया। उन्होंने आरटीआई के माध्यम से जुटाए तथ्य 19 फरवरी को एसडीएम के समक्ष प्रस्तुत किए। इसके बाद अनेक बार उन्हें बुलाया जा चुका है। लेकिन मामले में आरोपियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। प्रेम जैन ने निराशा जताते हुए कहा कि जब 9-9 माह तक शिकायतों का निपटारा नहीं किया जाएगा, तब भ्रष्टाचार पर अंकुश कैसे लग पाएगा। जांच में देरी से आरोपियों को बचने का मौका मिलता है तथा वे तथ्यों से खिलवाड़ भी कर सकते है। उन्होंने एसडीएम सिरसा से मामले का जल्द निपटारा किए जाने की गुहार भी लगाई है।
कौन है प्रेम जैन
भीम कालोनी निवासी प्रेम जैन स्वयं भी राशन डिपू का संचालन करते रहें है, इसलिए वे विभाग की कार्यशैली से भलीभांति वाकिफ है। वे विभागीय धांधलियों को लोकायुक्त हरियाणा के समक्ष भी उजागर कर चुके है। भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ वे हमेशा आवाज उठाते रहें है। प्रेम जैन ने ही डिपू होल्डरों को सरकार की ओर से दिए जाने वाले मेहनताने में कमीशन बटोरने वाले वीरेंद्र सिंह नामक अधिकारी (आईडी प्रभारी)को 50 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार करवाया था। उनकी ओर से पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय में भी कई वाद दायर किए हुए है, जिनमें महकमे के भ्रष्ट अधिकारियों का बच निकलना मुश्किल होगा। राशन कार्ड बनाने की एवज में वसूली गई राशि को डकारने का मामला भी प्रेम जैन द्वारा ही आरटीआई में जानकारी हासिल करके उजागर किया गया। जिसमें विभागीय अधिकारी लगभग 16 लाख रुपये डकार गए थे। उनकी ओर से ही मामले में सीएम विंडो दाखिल की गई थी।
एफआईआर नंबर 806 की जांच की मांग
प्रेम जैन की ओर से सिरसा पुलिस द्वारा विभागीय अधिकारियों की शिकायत पर दर्ज एफआईआर नंबर 806 की जांच की मांग की थी। खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारियों की शिकायत पर दर्ज इस एफआईआर में 58 डिपू होल्डरों के अलावा 4 डीएफएससी, दो एएफएसओ व 6 निरीक्षक शामिल है। शिकायकत्र्ता के अनुसार विभागीय अधिकारियों ने अनेक बेगुनाह डिपू होल्डरों को भी जानबूझकर आरोपी बनाया। शिकायत में आरोप लगाया कि एएफएसओ नरेंद्र सरदाना, तत्कालीन डीएफएससी ने जिन डिपूओं की सप्लाई निलंबित की, उनका राशन दूसरे डिपूओं को जानबूझकर ट्रांसफर नहीं किया। शिकायत में बताया कि जिन डिपू धारकों ने घोटाला किया, उन्हें इन अधिकारियों ने महज 5 हजार रुपये की सिक्योरटी राशि जब्त करके छोड़ दिया। जबकि डिपू होल्डरों द्वारा किया गया घोटाला लाखों रुपये का था। मामले में वितरण शाखा प्रभारी को भी आरोपी बनाया गया है। शिकायत में तथ्यों सहित यह भी उजागर किया गया है कि जिन डिपूओं के पास वर्ष 2016 में राशन की आपूर्ति की जाती थी, राशन वितरण ऑनलाइन होने पर राशन की मात्रा महज 20 प्रतिशत ही कैसे रह गई। यानि 80 प्रतिशत फर्जी उपभोक्ता दर्शाकर राशन डकारा जा रहा है। प्रेम जैन की शिकायत में अनेक पहलू है, जिनकी विस्तृत जांच की जरूरत है। अब प्रशासनिक अधिकारी ही शिकायत की जांच करके इसे अंजाम तक पहुंचाएंगे?

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