Join Us On What'apps 09416682080

?? Dabwali ????? ?? ???? ????, ?? ?? ?? ??? ???? ??????? ???? ?? ??? ?? ??????? ?? ?????????? ?? ?? ??????, ?? ????? ?? ???? ???????? ???? ???? dblnews07@gmail.com ?? ???? ??????? ???? ?????? ????? ????? ?? ????? ?????????? ?? ???? ???? ??? ?? ???? ?????? ????? ???? ????? ??? ?? 9416682080 ?? ???-??, ????-?? ?? ?????? ?? ???? ??? 9354500786 ??

Trending

3/recent/ticker-posts

Labels

Categories

Tags

Most Popular

Contact US

Powered by Blogger.

DO YOU WANT TO EARN WHILE ON NET,THEN CLICK BELOW

Subscribe via email

times deal

READ IN YOUR LANGUAGE

IMPORTANT TELEPHONE NUMBERS

times job

Blog Archive

टाईटल यंग फ्लेम ही क्यूं?

Business

Just Enjoy It

Latest News Updates

Followers

Followers

Subscribe

Lorem Ipsum is simply dummy text of the printing and typesetting industry. Lorem Ipsum has been the industry's.

Pages

Most Popular

 CIA  डबवाली की बडी कार्यवाहीःमोटरसाईकिल चोर गिरोहों  का पर्दाफाश पांच मोटरसाईकिल सहित दो आरोपी काबू
भुल्लर नहर में दर्दनाक हादसा: 24 घंटे बाद बैंक मैनेजर का शव और कार बरामद
 एएनसी स्टाफ ने 16.70 ग्राम  हेरोईन,मोटरसाईकिल सहित दो को काबू कर लिया रिमांड पर
ताऊ देवीलाल के पोते अदित्य ने पेश की नई मिसाल
ताऊ के पौते आदित्य देवीलाल ने विधायक बनते ही शहर को संभालना शुरू किया, स्टेडियम की ली सुदबुध
मसाज सेंटर पर पुलिस का छापा ,पंजाब पुलिसकर्मी समेत चार दबोचे
पराली जलाने पर रोक के लिए डी.सी और एस.एस.पी के परिवारों की नई पहल
 सीआईए डबवाली स्टाफ ने 6 ग्राम 15 मी.ग्राम हेरोईन में असल तस्कर सहित दो को किया काबू
 स्वर्ण मंदिर, वाघा बॉर्डर और जलियांवाला बाग का ऐतिहासिक भ्रमण रहा अविस्मरणीय
महाराणा प्रताप महिला महाविद्यालय में धूमधाम से मनाया गया करवा चौथ का पर्व

Popular Posts

Secondary Menu
recent
Breaking news

Featured

Haryana

Dabwali

Dabwali

health

[health][bsummary]

sports

[sports][bigposts]

entertainment

[entertainment][twocolumns]

Comments

फर्जी फर्मों का मक्कडज़ाल,आयकर विभाग की चुप्पी से पनपे सरगनाओं के साम्राज्य!

डबवाली न्यूज़ डेस्क 
फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकारी खजाने को चूना लगाने वाले फर्जी फर्मों के सरगनाओं पर आबकारी एवं कराधान विभाग के कुछेक भ्रष्ट अधिकारी तो मेहरबान रहें ही, आयकर विभाग ने भी चुप्पी साधे रखीं। आयकर विभाग की अनदेखी की वजह से फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने अकूत संपत्ति जुटाई लेकिन एक बार भी आयकर विभाग ने यह जांचने की कोशिश नहीं की कि उनकी आय का स्त्रोत क्या है? उनके पास करोड़ों रुपये के बंगले-गाडिय़ां कहां से आई? फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने करोड़ों का खेल खेला और आयकर विभाग अनभिज्ञ बना रहा, ऐसा नहीं था! ऐसा नहीं था कि फर्जी फर्मों के बारे में आयकर विभाग को कोई जानकारी नहीं थी। आयकर विभाग की ओर से 6 वर्ष पूर्व मामले में संज्ञान भी लिया गया था। लेकिन करा-धरा कुछ नहीं?
जानकारी के अनुसार आयकर विभाग सिरसा के डिप्टी कमीशनर की ओर से 21 नवंबर 2014 को उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (डीईटीसी) सिरसा को बकायदा पत्र लिखा गया। इस पत्र में इंकम टैक्स अधिनियम 1961 के सेक्शन 133(6) का हवाला देते हुए फर्जी फर्मों के बारे में जानकारी मांगी गई थी। आयकर विभाग ने डीईटीसी सिरसा से फर्जी फर्मों की सूची तलब की गई थी। उनकी ओर से इन फर्मों को बनाने व कामकाज के बारे में जानकारी मांगी गई थी। इन फर्मों के बैंक की स्टेटमेंट तथा फर्म के पार्टनर अथवा प्रोपराइटरों के खातों की जानकारी मांगी गई थी। 
आयकर विभाग द्वारा 6 वर्ष पूर्व मांगी गई जानकारी के बाद विभागीय अधिकारी कुंभकर्णी नींद में सो गए। परिणाम स्वरूप फर्जी फर्मों का कारोबार बदस्तूर जारी रहा और सरगनाओं की संपत्ति बढ़ती रहीं। आयकर विभाग द्वारा यदि मामले में संज्ञान लिया जाता, तब इस पर रोकथाम लगना तय माना जा रहा था। चूंकि कराधान विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से तो चोरी हो रही थी लेकिन आयकर विभाग के अधिकारी स्टेंड लेते, तब इस चोरी पर नकेल कसी जाती। टैक्स चोरी करके साम्राज्य खड़ा करने वाले आयकर के हत्थे चढ़ते तो उनका साम्राज्य हिल जाता। लेकिन क्या वजह रहीं कि आयकर विभाग डीईटीसी सिरसा से जानकारी मांगने के पत्र से आगे नहीं बढ़ा? आयकर विभाग द्वारा डीईटीसी सिरसा से जानकारी मांगने के मामले में अनेक सवाल खड़े होते है कि आखिर आयकर विभाग ने सूचना मांगी ही क्यों? यदि कार्यवाही करनी ही नहीं थी, तब इस पत्राचार का क्या अर्थ था? क्या वजह रहीं कि इंकम टैक्स विभाग टैक्स चोरों के मामले में मौन साध गया? क्या वजह रहीं कि सिरसा में फर्जी फर्मों के जनक अकूत संपत्ति जुटाते चले गए और विभाग सोया रहा? 

करोड़ों की नगदी जब्त हुई और आयकर विभाग सुन्न रहा!

आयकर विभाग की कार्यप्रणाली पर अनेक सवालिया निशान लगे है। चूंकि फर्जी फर्मों के सरगनाओं में शुमार पदम बांसल की वर्ष 2017 में एक करोड़ 72 लाख रुपये की नगदी पुलिस द्वारा जब्त की गई थी। जबकि वर्ष 2018 में महेश बांसल की गाड़ी से एक करोड़ 10 लाख रुपये बरामद हुए थे। इतनी बड़ी मात्रा में नगदी की बरामदगी के बावजूद इंकम टैक्स विभाग खामोशी धारण किए रहा, आखिर क्यों? यह जगजाहिर होने के बाद कि 'एमआरपीÓ द्वारा फर्जी फर्मों के माध्यम से अकूत संपत्ति जुटाई गई है, इसके बावजूद इंकम टैक्स विभाग ने उन्हें अपने राडार पर नहीं लिया? टैक्स चोरी के साथ-साथ इंकम टैक्स की चोरी भी होती रहीं और आयकर विभाग ने सुन्नापन धारण कर लिया?

आखिर किसका है दबाव?
आबकारी एवं कराधान विभाग में तो कुछेक भ्रष्ट अधिकारी ही खजाना लूटाने में शुमार थे। इन अधिकारियों के चेहरों से नकाब हटने का सिलसिला शुरू हो चुका है। उनके खिलाफ पुलिस में एफआईआर दर्ज होने लगी है। भ्रष्ट अधिकारियों ने तो अपनी तिजोरी भरने के लिए फर्जी फर्मों के सरगनाओं से हाथ मिलाए हुए थे। लेकिन इंकम टैक्स विभाग की आखिर क्या मजबूरी थी कि वह चुप्पी साधे रहा? उस पर आखिर किसका दबाव था कि उसने आजतक कोई कदम नहीं उठाया? आखिर इंकम टैक्स विभाग में ऐसे कौन लोग है जो फर्जी फर्मों के सरगनाओं को संरक्षण प्रदान कर रहे है? करोड़ों रुपये की नगदी की बरामदगी के बाद भी एमआरपी के चेहरों तक तनिक भी शिकन नहीं है? यह दर्शाता है कि उसे न तो कराधान विभाग की परवाह है और न ही इंकम टैक्स विभाग की?

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई