health
[health][bsummary]
sports
[sports][bigposts]
entertainment
[entertainment][twocolumns]
Comments
कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 में है फर्जी फर्मों की बस्ती! फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने सरकार को लगाया राजस्व का चूना, अधिकारी भरते रहें तिजोरी
सिरसा। आबकारी एवं कराधान विभाग सिरसा का वार्ड नंबर-5 फर्जी फर्मों की बस्ती बनकर उभरा है। जिला पुलिस द्वारा हाल ही में जिन दो दर्जन फर्मों व आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ धोखाधड़ी व गबन का मामला दर्ज करवाया गया है, उनका वास्ता महकमे के वार्ड नंबर-5 से पड़ता है।वार्ड नंबर-5 के ईटीओ सुरेंद्र गोदारा की ओर से ही पुलिस में मामला दर्ज करवाया गया है। सूत्र बताते है कि विभाग में जिन अधिकारियों की वार्ड नंबर-5 में ड्यूटी रहीं, उन्होंने फर्जी फर्मों को पनपने में मदद की। अनेक अधिकारियों की संलिप्तता सामने आ चुकी है और अनेक की आनी बाकी है। कराधान विभाग सिरसा में सात वार्ड है, जिनका प्रभारी ईटीओ होता है। ईटीओ पर ही यह अहम जिम्मेवारी होती है कि वह सरकार के लिए राजस्व जुटाए। फर्जी कारोबार करने वालों पर पैनी निगाह रखें और उनसे टैक्स की वसूली करें। फर्जी रिफंड को रोकें। लेकिन कराधान विभाग सिरसा के वार्ड नंबर-5 में सर्वाधिक गोलमाल किया गया। फर्जी फर्में बनीं और बोगस रिफंड दिया गया। फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने खुलकर सरकार को लूटने का खेल खेला और विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे रहें। हकीकत तो यह रही कि फर्जी फर्मों के कारोबारियों ने कुछेक भ्रष्ट अधिकारियों से सांठगांठ करके सरकारी खजाने से करोड़ों रुपये का रिफंड तक हासिल कर लिया। जिन फर्मों का धरातल पर कोई वजूद तक नहीं था, उन फर्मों के संचालकों को टैक्स रिफंड दिया गया। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि कराधान विभाग के अधिकारी सरकार से भारी भरकम वेतन हासिल करके भी फर्जी फर्मों के संचालकों के लिए काम कर रहे थे। मामला चूंकि गृह मंत्री अनिल विज के पास जा पहुंचा है और उनकी ओर से गंभीर प्रयास शुरू किए गए है। ऐसे में यदि जांच होगी, तब कराधान विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों का ज्यादा समय तक बच पाना आसान नहीं होगा?
गुजरात ने मांगा सहयोग, सिरसा ने किया असहयोग
फर्जी फर्मों को जड़ से उखाडऩे के लिए गुजरात की ओर से सिरसा से सहयोग मांगा गया। लेकिन कराधान विभाग सिरसा ने गुजरात के प्रयासों पर पानी ही फेर दिया। गुजरात के एडिशनल कमीशनर ऑफ कमर्शियल टैक्स (इन्फोरसमेंट) द्वारा साढ़े चार वर्ष पूर्व यानि 19 मार्च 2016 में ईटीओ सिरसा को पत्र क्रमांक 2336 लिखा गया। जिसमें गुजरात सरकार ने सिरसा से संबंध रखने वाली 33 फर्मों का विवरण प्रदान किया, जिनकी फर्जी कारोबार में संलिप्तता पाई गई थी। गुजरात की ओर से कराधान आयुक्त हरियाणा को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था। गुजरात पुलिस ने फर्जी फर्मों का पहले ही भंडाफोड़ कर दिया था और लगभग तीन दर्जन फर्मों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया। गुजरात पुलिस फर्जी फर्मों के कारोबारियों की धरपकड़ के लिए सिरसा भी आई। लेकिन सिरसा के अधिकारियों ने उन्हें जरा भी सहयोग नहीं किया। उन्हें फर्जी फर्मों के बारे में कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई। नियमानुसार जिन फर्मों के खिलाफ गुजरात में मामला दर्ज किया गया था, उनके खिलाफ कराधान विभाग सिरसा द्वारा भी मामला दर्ज करवाया जाना चाहिए था। इन फर्मों के खिलाफ टैक्स पैनेल्टी व रिफंड की रिकवरी की जानी चाहिए थी। मगर, सिरसा के अधिकारियों ने इन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बजाए उन्हें बचाने का प्रयास किया। साढ़े चार वर्ष से अधिक अरसा बीत जाने पर भी कराधान विभाग की ओर से इन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। इनमें से अधिकांश फर्मे कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 से ही संबंध रखती है।
इस रहस्य से कब उठेगा पर्दा?
फर्जी फर्मों के सरगनाओं और भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलकर ऐसा रहस्य पैदा किया हुआ है, जिसका पर्दा उठना बाकी है। दरअसल, कागजों में करोड़ों रुपये का कारोबार दर्शाकर सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों को जब पुलिस तलाशने जाती है, तब उनका धरातल पर कोई वजूद नजर नहीं आता। छानबीन में न ही फर्म का कोई निशान नजर आता है और न ही फर्म के संचालकों के अत्ते-पत्ते और ठिकाना। जिनका ढूंढने पर भी कोई सुराग नहीं मिलता, वे कराधान विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होकर करोड़ों रुपये का रिफंड हासिल कर ले जाते है। वे कराधान विभाग में रिफंड का दावा करते है, उनकी फाइल मूव करती है, उनकी ओर से पक्षकार भी पेश होते है और विभाग के अधिकारी पड़ताल करने के बाद टैक्स रिफंड कर देते है? यह रहस्य ही बना हुआ है कि आखिर जिन्हें पुलिस खोज नहीं पाती, वे आखिर कराधान विभाग से किस प्रकार रिफंड हासिल कर लेते है? आखिर वे कौन लोग है जो कराधान विभाग से रिफंड प्राप्त करते है? दरअसल, यही गेम है। फर्जी फर्मों के पनपने में कराधान विभाग के ही कुछेक भ्रष्ट अधिकारियों का हाथ है। इनके द्वारा ही फर्जी फर्मों को रिफंड किया गया और उनकी पहचान छिपा ली गई। मामला दर्ज होने पर आरोपी अज्ञात हो जाते है, पुलिस तलाशती रहती है।
गुजरात ने मांगा सहयोग, सिरसा ने किया असहयोग
फर्जी फर्मों को जड़ से उखाडऩे के लिए गुजरात की ओर से सिरसा से सहयोग मांगा गया। लेकिन कराधान विभाग सिरसा ने गुजरात के प्रयासों पर पानी ही फेर दिया। गुजरात के एडिशनल कमीशनर ऑफ कमर्शियल टैक्स (इन्फोरसमेंट) द्वारा साढ़े चार वर्ष पूर्व यानि 19 मार्च 2016 में ईटीओ सिरसा को पत्र क्रमांक 2336 लिखा गया। जिसमें गुजरात सरकार ने सिरसा से संबंध रखने वाली 33 फर्मों का विवरण प्रदान किया, जिनकी फर्जी कारोबार में संलिप्तता पाई गई थी। गुजरात की ओर से कराधान आयुक्त हरियाणा को भी इस बारे में अवगत करवाया गया था। गुजरात पुलिस ने फर्जी फर्मों का पहले ही भंडाफोड़ कर दिया था और लगभग तीन दर्जन फर्मों के खिलाफ मामला भी दर्ज किया। गुजरात पुलिस फर्जी फर्मों के कारोबारियों की धरपकड़ के लिए सिरसा भी आई। लेकिन सिरसा के अधिकारियों ने उन्हें जरा भी सहयोग नहीं किया। उन्हें फर्जी फर्मों के बारे में कोई जानकारी भी उपलब्ध नहीं करवाई। नियमानुसार जिन फर्मों के खिलाफ गुजरात में मामला दर्ज किया गया था, उनके खिलाफ कराधान विभाग सिरसा द्वारा भी मामला दर्ज करवाया जाना चाहिए था। इन फर्मों के खिलाफ टैक्स पैनेल्टी व रिफंड की रिकवरी की जानी चाहिए थी। मगर, सिरसा के अधिकारियों ने इन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने की बजाए उन्हें बचाने का प्रयास किया। साढ़े चार वर्ष से अधिक अरसा बीत जाने पर भी कराधान विभाग की ओर से इन फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं करवाया गया है। इनमें से अधिकांश फर्मे कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 से ही संबंध रखती है।
इस रहस्य से कब उठेगा पर्दा?
फर्जी फर्मों के सरगनाओं और भ्रष्ट अधिकारियों ने मिलकर ऐसा रहस्य पैदा किया हुआ है, जिसका पर्दा उठना बाकी है। दरअसल, कागजों में करोड़ों रुपये का कारोबार दर्शाकर सरकारी खजाने को चपत लगाने वालों को जब पुलिस तलाशने जाती है, तब उनका धरातल पर कोई वजूद नजर नहीं आता। छानबीन में न ही फर्म का कोई निशान नजर आता है और न ही फर्म के संचालकों के अत्ते-पत्ते और ठिकाना। जिनका ढूंढने पर भी कोई सुराग नहीं मिलता, वे कराधान विभाग के अधिकारियों के समक्ष प्रस्तुत होकर करोड़ों रुपये का रिफंड हासिल कर ले जाते है। वे कराधान विभाग में रिफंड का दावा करते है, उनकी फाइल मूव करती है, उनकी ओर से पक्षकार भी पेश होते है और विभाग के अधिकारी पड़ताल करने के बाद टैक्स रिफंड कर देते है? यह रहस्य ही बना हुआ है कि आखिर जिन्हें पुलिस खोज नहीं पाती, वे आखिर कराधान विभाग से किस प्रकार रिफंड हासिल कर लेते है? आखिर वे कौन लोग है जो कराधान विभाग से रिफंड प्राप्त करते है? दरअसल, यही गेम है। फर्जी फर्मों के पनपने में कराधान विभाग के ही कुछेक भ्रष्ट अधिकारियों का हाथ है। इनके द्वारा ही फर्जी फर्मों को रिफंड किया गया और उनकी पहचान छिपा ली गई। मामला दर्ज होने पर आरोपी अज्ञात हो जाते है, पुलिस तलाशती रहती है।
Young Flame,Is(Trilingual)Newspaper Run By Dr SUKHPAL'SINGH From Dabwali,Disst-sirsa, Haryana, This Site Deals With Latest Breaking News And Good Articles Of Great Information For Every Section Of Society In English,Punjabi And Hindi
Related Posts
कराधान विभाग के वार्ड नंबर-5 में है फर्जी फर्मों की बस्ती! फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने सरकार को लगाया राजस्व का चूना, अधिकारी भरते रहें तिजोरी
Reviewed by Young Flame
on
7:22:00 AM
Rating: 5
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE
क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
Translate
Subscribe Us
social links
[socialcounter]
[facebook][https://www.facebook.com/dabwalinews/][4.2k]
[twitter][https://twitter.com/dabwalinews][1.2k]
[youtube][https://www.youtube.com/c/dabwalinews][23k]
[linkedin][#][230]
Wikipedia
Search results
sponsored
Gurasees Homeopathic Clinic
Popular Posts
-
BREAKING NEWS #dabwalinews.com हरियाणा के डबवाली में एक मसाज सेंटर पर पुलिस छापे का सनसनीखेज खुलासा हुआ है.पुलिस ने देर रात म...
-
दुल्हन के तेवर देख दुल्हे वालों ने बुलाई पुलिस चंडीगढ़ में रहने वाली लडक़ी की डबवाली के युवक से हुआ था विवाह #dabwalinews.com Exclusiv...
-
कुमार मुकेश, भारत में छिपकलियों की कोई भी प्रजाति जहरीली नहीं है, लेकिन उनकी त्वचा में जहर जरूर होता है। यही कारण है कि छिपकलियों के काटन...
-
DabwaliNews.com दोस्तों जैसे सभी को पता है के कैसे डबवाली उपमंडल के कुछ ग्रामीण इलाकों में बल काटने वाले गिरोह की दहशत से लोगो में अ...
-
#dabwalinews.com पंजाब के सीएम प्रकाश सिंह बादल पर बुधवार को एक युवक द्वारा उनके ही विधानसभा क्षेत्र में चुनाव प्रचार के दौरान जू...
-
dabwalinews.com डबवाली। डबवाली में गांव जंडवाला बिश्नोई के नजदीक एक ढाणी में पंजाब व हरियाणा पुलिस की 3 गैंगस्टर के बीच मुठभेड़ हो गई। इस...
-
BREAKING NEWS लॉकडाउन 4. 0 डबवाली में कोरोना ने दी दस्तक डबवाली के प्रेम नगर व रवि दास नगर में पंजाब से अपने रिश्तेदार के घर मिलने आई म...
No comments:
Post a Comment