धानमंत्री की नियत ठीक है तो संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि कानून को तुरंत वापिस लेना चाहिए - बजरंग गर्ग
डबवाली न्यूज़ डेस्क
अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव व हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा की किसान आंदोलन में व्यापार मंडल के साथ-साथ देश व प्रदेश में हर वर्ग के नागरिक व सभी संगठनों का समर्थन है।किसान आंदोलन जन आंदोलन बन चुका है। तीन कृषि काले कानून के विरोध में आंदोलन कर रहे किसानों में 11 किसानों की मौत होना बहुत दुखदाई है। जबकि कड़ाके की ठंड व औस में लाखों किसान धरना प्रदर्शन करते हुए सड़कों पर है। जबकि विश्व स्तर पर कोरोना महामारी का दौर चल रहा है। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना अहंकार त्याग कर देश व प्रदेश के किसान, आढ़ती व आम जनता के हित में तीन कृषि कानून को तुरंत प्रभाव से वापिस लेना चाहिए। तीन कृषि कानून से देश के किसान, आढ़ती व आम जनता को भारी नुकसान होगा क्योंकि फल व सब्जी की तरह अनाज व हर जरूरत का सामान पहले से कहीं ज्यादा महंगा हो जाएगा और देश में ओर ज्यादा महंगाई बढ़ेगी। जबकि अंबानी- अड़ानी व बड़ी-बड़ी कंपनियों के मालिक माला-माल होंगे और आम जनता की जेबों में कंपनियां डाका डालने का काम करेगी। राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने कहा की केंद्र सरकार द्वारा किसान व आढ़तियों की समस्या का हल कराने की बजाए किसानों में फूट डालने की नाकाम कोशिश में लगी हुई है जो देश हित में नहीं है। जबकि किसान अपनी खेती व जमीन बचाने के लिए मजबूरी में कड़ाके की ठंड में आंदोलन कर रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने 5 अप्रैल 2020 को तीन कृषि अध्यादेश लाई थी। आज 8 महीने से ऊपर बीत जाने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने किसानों की सम्सया का समाधान नहीं किया। यहां तक की केंद्र सरकार की किसान नेताओं से 6 बार मीटिंग होने के बावजूद भी केंद्र सरकार ने अपनी मर्जी से लाए तीन कृषि का कानून को वापिस ना लेकर देश के किसान, आढ़ती व मजदूर को बर्बाद करने पर तुली हुई है। जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बार-बार कह रहे हैं कि सरकार की नीति और नियत किसानों के हित में है मगर सच्चाई उससे परे है। केंद्र सरकार की नियत में खोट है जिसके कारण ही प्रधानमंत्री अपने चहेते मित्रों को लाभ पहुंचाने के लिए तीन कृषि काले कानून किसान व आढ़ती के ऊपर थोपना चाहते हैं। अगर प्रधानमंत्री की नियत ठीक है तो प्रधानमंत्री को संसद का विशेष सत्र बुलाकर तीन कृषि काले कानून को तुरंत वापिस लेने चाहिए ताकि देश व प्रदेश के किसान व आढ़तियों को राहत मिल सके।
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