सोलिड वेस्ट प्लांट :- रामबाग स्वर्गभूमि से रास्ता लेने के लिए दफनाये गये बच्चों के शव और कंकाल को खोद कर बाहर फेंकने से मामला गरमाया

डबवाली न्यूज़ डेस्क
 नगर परिषद द्वारा प्रस्तावित सोलिड वेस्ट प्लांट निर्माण के प्रथम पड़ाव पर ही विवादों से घिर गया है। रिहायशी क्षेत्र के पास बनाये जा रहे सोलिड वेस्ट प्लांट के लिए निर्धारित की गई भूमि पर पहले से ही सवाल उठ रहे थे कि साथ लगते रामबाग स्वर्गभूमि से रास्ता लेने के लिए दफनाये गये बच्चों के शव और कंकाल को खोद कर बाहर फेंकने से मामला गर्मा गया है। बच्चों के शवों और कंकालों की बेअदबी किये जाने से गुस्साये लोगों ने ठेकेदार से काम रुकवा दिया। नगर परिषद के अधिकारियों और इसे शामिल अन्य लोगों के खिलाफ जनभावनाओं से खिलवाड़ करने के आरोप में मामला दर्ज किये जाने की मांग सरकार से की जा रही है। बता दे कि ये वही 9 एकड़ भूमि है जहां पर किसानों और आढ़तियों की सुविधा के लिए खुल्ला फड़ बनाये जाने की घोषणा मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा डबवाली की अनाज मंडी में हुई एक रैली में की थी। आरोप तो यहां तक है कि नगरपरिषद के अधिकारियों ने नीजि स्वार्थ ने यह योजना सिरे नहीं चढ़ने दी। लेकिन कूड़ा निस्तारण प्लांट को लगाने के लिए कायदे कानूनों को ताक में रख कर अधिकारियों की काम की रफतार अपने आप में एक मिसाल है। पिछले दो दशकों से राम बाग के सरपरस्त चले आ रहे व गौ सेवा आयोग के पूर्व सदस्य राम लाल बागड़ी बताते है कि कूड़ा निस्तारण प्लांट आबादी से बाहर होना चाहिए इसके लिए लगभग 2 एकड़ भूमि की ही काफी है। अनाज मंडी, गांधी बस्ती और कबीर बस्ती व भाटी कलोनी जैसी रिहायशी इलाके से घीरी इस कीमती 9 एकड़ भमि पर इस प्लांट को लगाया जाना ही एक घोटाला है। सी एम घोशणा को पूरी करने के लिए इस भूमि को कोई रस्ता नहीं था लेकिन आज कूड़ा प्लांट को रास्ता दिलाने के लिए नगर परिशद के कार्यकारी अधिकारी, सचिव और एम ई दिन रात एक किये है। राम बाग से रास्ते के लिए वहां पर दफन बच्चों के शवों को खोद कर उनके कंकाल तक खुले में फेंक दिये और कई हरे भरे पेड़ों को काट कर कार्य शुरु करवा दिया था। उन्होंने बताया कि शवों की बेअदबी और अधिकारियों के कूकृप्यके बाद वहां पर एकत्रित हुए लोगों ने दोषियों के खिलाफ पूरे मामले की जांच करने और उनकी गिरफतारी की मांग सरकार से की है। राम लाल बागड़ी ने ऐलान किया है कि एक सप्ताह में दोषियों के खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया तो वे शहर के सामाजिक संगठनों की बैठक बुला कर आंदोलन आरंभ कर देंगे। 
राम बाग के दूसरे सरपरस्त कर्मचंद शर्मा ने भी रामबाग के अंदर बच्चों के शवों को बाहर निकाल फैंकने की घिनौनी हरकत की कड़ी आलौचना करते हुए कहा कि जिनकी निगरानी में ये काम हुआ है ऐसे लोगों को समाज में रहने का कोई अधिकार नहीं है। उनकी जगह समाज में नहीं सलाखों के पीछे है।
वहीं इस मामले ने नया मोड़ तक ले लिय तब रामबाग प्रबंधक समिति ने लोगों के विरोध को देखते हुए कूड़ा प्लांट को कोई रस्ता नहीं देने का सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कर दिया। इस मामले में आठ सदस्यीय कमेटी भी गठित की गई है। बहरहाल ये सीघा से दिखाने वाला मामला भ्रष्टाचार का बहुत बड़ा कुआं बन चुका है। जिसकी गहराई को जितना नापते जायंेगे उतने चेहरों पर नकाब उतरते जायेंगे।

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