एक्शन में एसआईटी, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में खलबली!विभाग के आधा दर्जन अधिकारियों से शुरू की पूछताछ, कई हुए अंडरग्राऊंड

डबवाली न्यूज़ डेस्क 
खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के दर्जनभर अधिकारियों व 58 डिपू होल्डरों के खिलाफ दर्ज मामले में गठित एसआईटी ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है। लंबे अरसे से पूरे मामले में ढुलमुल रवैया अपनाया जा रहा था। लेकिन नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने तमाम लंबित मामलों को अंजाम तक पहुंचाने के मातहत अधिकारियों को निर्देश दिए थे। सूत्रों के अनुसार पुलिस विभाग की एसआईटी ने आज तड़के अपनी कार्रवाई की और विभाग के कुछेक अधिकारियों को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया है। हालांकि विभाग द्वारा किसी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है। मगर, एसआईटी के एक्शन में आने की सूचना से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग में हड़कंप मच गया। मामले से जुड़े अन्य कर्मचारी अंडरग्राऊंड हो गए। वर्णनीय है कि विभाग में करोड़ों रुपये के गेहूं घोटाले में विभाग की ओर से पुलिस में शिकायत की गई थी, जिसपर एफआईआर नंबर 806 दर्ज की गई थी। एफआईआर में सिरसा जिला के 58 डिपू होल्डरों के अलावा 4 डीएफएससी, दो एएफएसओ व 6 निरीक्षक शामिल है। मामले में भीम कालोनी निवासी प्रेम जैन की ओर से की गई शिकायत में आरोप लगाया गया था कि विभागीय अधिकारियों ने अनेक बेगुनाह डिपू होल्डरों को भी जानबूझकर आरोपी बनाया। शिकायत में आरोप लगाया कि एएफएसओ नरेंद्र सरदाना, तत्कालीन डीएफएससी ने जिन डिपूओं की सप्लाई निलंबित की, उनका राशन दूसरे डिपूओं को जानबूझकर ट्रांसफर नहीं किया। शिकायत में बताया कि जिन डिपू धारकों ने घोटाला किया, उन्हें इन अधिकारियों ने महज 5 हजार रुपये की सिक्योरटी राशि जब्त करके छोड़ दिया। जबकि डिपू होल्डरों द्वारा किया गया घोटाला लाखों रुपये का था। मामले में वितरण शाखा प्रभारी को भी आरोपी बनाया गया है। शिकायत में तथ्यों सहित यह भी उजागर किया गया है कि जिन डिपूओं के पास वर्ष 2016 में राशन की आपूर्ति की जाती थी, राशन वितरण ऑनलाइन होने पर राशन की मात्रा महज 20 प्रतिशत ही कैसे रह गई। यानि 80 प्रतिशत फर्जी उपभोक्ता दर्शाकर राशन डकारा गया। इस मामले में दर्जनभर डिपू होल्डरों की ओर से उच्च न्यायालय में याचिका दाखिल की गई थी। न्यायालय के आदेश पर ही एसआईटी का गठन किया गया था। एसआईटी द्वारा विभाग के अधिकारियों से जब-जब रिकार्ड तलब किया गया, तब-तब उन्हें बैरंग लौटा दिया गया। जांच टीम को पूरा रिकार्ड ही मुहैया नहीं करवाया गया। सूत्र बताते है कि मामले में एसआईटी द्वारा आज तड़के कार्रवाई डाली गई है। जिसके कारण विभाग में खलबली मची हुई है। मामला बड़े स्तर का है, इसलिए इसका खुलासा नहीं किया गया है। फिलहाल पुलिस विभाग की ओर से किसी अधिकारी को हिरासत में लिए जाने की पुष्टि नहीं की है।

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