करोड़ों का गेहूं घोटाले का मामला , ढीली पड़ी पुलिस की धरपकड़ की रफ्तार!
Dabwalinews.com
करोड़ों रुपये के गेहूं घोटाले की परतें उधेडऩे में लगी पुलिस की कार्रवाई ढीली पड़ती दिखाई दे रही है। मामले में एक पखवाड़े का अरसा बीत चुका है लेकिन इस दौरान किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है। अन्यथा पुलिस द्वारा दिसंबर माह में धमाकेदार कार्रवाई अमल में लाई गई थी। पुलिस की ओर से 9 दिसंबर जिला खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी नरेंद्र सरदाना, सहायक खाद्य एवं आपूर्ति अधिकारी जगतपाल, इंस्पेक्टर संजीव कुंडू, सेवानिवृत्त अशोक कुमार, कान्फेड के स्टोर कीपर रविंद्र कुमार व सेवानिवृत्त स्टोर कीपर महेंद्र मेहता को गिरफ्तार किया था। इसके बाद पुलिस ने 21 दिसंबर को डिपू होल्डर नरेश सैनी व उसके भाई गोपी सैनी तथा डिपू होल्डर विजय को गिरफ्तार किया था। मामले में अंतिम गिरफ्तारी डीएफएससी राजेश आर्य की जींद से 30 दिसंबर को की गई थी। इसके बाद गिरफ्तारी का सिलसिला ठहर गया। हालांकि डीएफएससी राजेश आर्य को पुलिस ने 5 दिन के रिमांड पर लिया था और उससे गहन पूछताछ भी की गई थी। माना जा रहा था कि इस पूछताछ के बाद पुलिस की ओर से जल्द ही अन्य अधिकारियों व घोटाले में शामिल लोगों की गिरफ्तारी को अंजाम दिया जाएगा। लेकिन एक पखवाड़ा बीत चुका है और किसी की गिरफ्तारी न होने से पुलिस की धरपकड़ की रफ्तार ढीली प्रतीत होने लगी है। मामले में अभी डीएफएससी स्तर के अधिकारियों के अलावा चार दर्जन से अधिक डिपू होल्डर नामजद है।
15 हजार क्विंटल गेहूं डकार गए थे
विभागीय अधिकारियों ने षड्यंत्र रचकर गरीबों को सस्ती दर पर दिए जाने वाला राशन ही डकार लिया। उन्होंने अपने चहेते डिपू होल्डरों के साथ मिलकर गबन को अंजाम दिया। वर्ष 2015-16 की अवधि में लगभग 15 हजार क्विंटल गेहूं डकार लिया गया। मामले की शिकायत पर उच्च स्तरीय जांच हुई और वर्ष 2017 में तत्कालीन डीएफएससी अशोक बांसल की शिकायत पर शहर सिरसा पुलिस ने मामला दर्ज किया। शिकायत के आधार पर विभाग के चार डीएफएससी, दो एएफएसओ, आधा दर्जन इंस्पेक्टर और 58 डिपू होल्डरों को नामजद किया गया था।
कम राशन देने पर कार्रवाई की मांग
डिपू होल्डर प्र्रेम जैन पुत्र मानकचंद जैन निवासी भीम कालोनी ने सीएम विंडो खटखटाकर कम राशन जारी करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। वर्णनीय है कि अधिकारियों ने वर्ष 2015-16 में अपने चहेते डिपू होल्डरों को निर्धारित से अधिक राशन जारी करके उसे खुले बाजार में बेचकर गबन किया था। जबकि अनेक डिपू होल्डरों को इस अवधि में निर्धारित मात्रा में राशन जारी ही नहीं किया था। प्रेम जैन ने सीएम से इस अवधि में उसे अलॉट गांव बरुवाली-प्रथम के डिपू पर कम मात्रा में राशन की आपूर्ति करने के लिए जिम्मेवार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की है। उसने बताया कि वर्ष 2015 में उसे 1212 क्विंटल गेहूं की बजाए 1161.69 क्विंटल गेहूं जारी की गई। जबकि वर्ष 2016 में 1332 क्विंटल गेहूं की बजाए 1156.85 क्विंटल गेहूं जारी की गई। शेष गेहूं को कान्फेड के अधिकारी डकार गए। इसलिए मामले में गबनकत्र्ताओं के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
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