क्या वर्ष-2021 में नेस्तानबूत हो पाएगा फर्जी फर्मों के सरगनाओं का किला?
Dabwalinews.com
पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह की अगुवाई में जिला पुलिस द्वारा अल्प समय में असामाजिक तत्वों के खिलाफ जोरदार अभियान चलाया गया है, जिसके कारण पुलिस की उपलब्धियों का ग्राफ भी तेजी से ऊपर चढ़ा है। दिसंबर-2020 में जिला पुलिस की ओर से खाद्य एवं आपूर्ति विभाग सिरसा के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ अभियान को सिरे चढ़ाया गया। दर्जनभर अधिकारियों व डिपू होल्डरों को पुलिस सलाखों के पीछे भेज चुकी है। करोड़ों रुपये के गेहूं घोटाले करने वालों को उनके अंजाम तक पहुंंचाया गया। यह अभियान अभी जारी है।इसके साथ ही जिला पुलिस से अब फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की उम्मीद जगी है। लोगों में उत्सुकता है कि क्या वर्ष 2021 में फर्जी फर्मों के सरगनाओं के किले ध्वस्त हो पाएंगें? सिरसा में पिछले कई दशकों से सरकार को करोड़ों रुपये टैक्स की चपत लगा चुके सरगना यहां पर सुरक्षित ढंग से रह रहें है। फर्जी फर्मों के सरगनाओं द्वारा न केवल हरियाणा बल्कि देश के विभिन्न हिस्सों में फर्जी फर्में बनाकर कई करोड़ के टैक्स की चपत लगाई है।फर्जी फर्मों के मामले उजागर होने और कई मामलों में नामजद होने के बावजूद इन सरगनाओं तक पुलिस के हाथ नहीं पहुंच पाएं। संभवत: 'पैसेÓ और 'पहुंचÓ के बल पर उनकी गर्दन आजतक बची हुई है! मगर, पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह ने जिस प्रकार फर्जी फर्मों के सहयोगी रहें विभागीय अधिकारियों के खिलाफ नवंबर-2020 में एक्शन लिया और उनके खिलाफ मामला दर्ज करवाया। इसके बाद उम्मीद जगी है कि इस वर्ष फर्जी फर्मों का तिलिस्म अवश्य ही टूटेगा। पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह को ही इसका श्रेय मिलेगा? जिला पुलिस की कार्यशैली की वजह से ही आमजन को उनसे अधिक उम्मीद जगी है। देखना है कि नए साल में पुलिस कब तक इन फर्जी फर्मों के सरगनाओं को सलाखों के पीछे पहुंचाती है?
सिरसा में 670 करोड़ की रिकवरी बकाया
व्हीस्ल ब्लोअर रघुवीर सिंह की ओर से फर्जी फर्मों के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर सीएम विंडो खटखटाई गई थी। जिसमें 30 हजार करोड़ से अधिक के बकाया की वसूली करने की मांग करते हुए मामले में कराधान विभाग हरियाणा के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की भी मांग की गई थी। शिकायत में बताया कि सरकार का 30 हजार करोड़ से अधिक का राजस्व पिछले पांच वर्षों से लंबित है। अकेले सिरसा में 670 करोड़ की रिकवरी बाकी है। कराधान विभाग द्वारा प्रदेशभर के बकाया एरियर का जोड़ किया गया है, जोकि 30906 करोड़ बनता है। उच्चाधिकारियों की ओर से मातहत अधिकारियों को इस बकाया एरियर की वसूली के बार-बार निर्देश भी दिए गए। लेकिन इस बकाया राशि की वसूली के लिए पिछले पांच सालों में कोई प्रयास नहीं किया गया।
आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ दर्ज है मामला
कराधान आयुक्त हरियाणा की ओर से 22 नवंबर 2019 को लगभग 52 करोड़ के टैक्स चोरी के मामले में छ: अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के आदेश दिए गए थे। कराधान विभाग के अधिकारियों ने मामले को दबाने की कोशिश की। नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के संज्ञान में जब मामला आया तो उनकी ओर से मामला दर्ज करने के आदेश दिए गए। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 28 अक्टूबर को विभाग के पत्र अनुसार चार अधिकारियों व दो फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज कर दिया। विभागीय अधिकारियों ने कराधान आयुक्त हरियाणा के आदेश के बावजूद अपने ही विभाग के दो अधिकारियों का बचाव किया और उनके नाम पुलिस को नहीं दिए। लेकिन कराधान विभाग के अधिकारियों की चतुराई पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के समक्ष नहीं चल पाई। पुलिस ने जिनका बचाव किया जा रहा था, उन अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 2 नवंबर को एफआईआर नंबर 367 दर्ज की, जिसमें 5 अधिकारियों व दो फर्मों को नामजद किया गया है। जबकि 28 अक्टूबर को एफआईआर नंबर 355 दर्ज की थी, जिसमें चार अधिकारियों व दो फर्मों को नामजद किया गया था।
20 फर्मों के खिलाफ भी दर्ज किए जा चुके मामले
नवनियुक्त पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह द्वारा फर्जी फर्मों के मामले में अपना रूख स्पष्ट कर दिया था। उन्होंने लंबे अरसे से लटकाए गए मामलों को सिरे चढ़ाने का काम किया। जिन फर्जी फर्मों के खिलाफ दो वर्षों से मामला दर्ज करवाने में लेटलतीफी की जा रही थी, श्री सिंह ने उसे सिरे चढ़ाया। जिला पुलिस द्वारा लगभग 20 फर्मों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसके साथ ही पुलिस अधीक्षक ने मामले को सिरे चढ़ाने के लिए एसआईटी का भी गठन किया है। पूरा मामला श्री सिंह के संज्ञान में है और एसआईटी द्वारा मामले का अध्ययन भी किया जा चुका है। ऐसे में आने वाले दिनों में फर्जी फर्मों के संचालकों और विभागीय अधिकारियों की गिरोहबाजी को तोडऩे में अवश्य ही कामयाबी हासिल होगी।
ईटीओ स्तर के अधिकारी हुए नामजद
पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह के निर्देश पर ही सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने कराधान विभाग के तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अनिल मलिक, ईटीओ अशोक सुखीजा, एईटीओ ओपीएस अहलावत, टीआई हनुमान सैनी के अलावा मैसर्ज श्री ट्रेडिंग कंपनी तथा मैसर्ज विनय ट्रेडिंग के खिलाफ भादंसं की धारा 406, 419, 420, 465, 468, 471 व सीजीएसटी एक्ट की धारा 132 के तहत मामला दर्ज किया है। सिविल लाइन सिरसा पुलिस ने 28 अक्टूबर को भी तत्कालीन ईटीओ डीपी बैनीवाल, ईटीओ अशोक सुखीजा, ईटीओ माला राम, एईटीओ ओपीएस अहलावत के खिलाफ इन्हीं धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था। आरोप है कि विभागीय अधिकारियों ने इन फर्जी फर्मों को नियम विरुद्ध लाभ पहुंचाया, जिसके कारण सरकार को लगभग 50 करोड़ का चूना लगा। कराधान आयुक्त हरियाणा ने इन अधिकारियों व फर्म के खिलाफ मामला दर्ज करवाने के निर्देश दिए थे।
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