गोल्डन ऐरा स्कूल ने किया गणतंत्र दिवस कार्यक्रम का आयोजन
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गोल्डन ऐरा स्कूल के प्रांगण में गणतंत्र दिवस समारोह बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया गया।गणतंत्र देश से संबंधित विभिन्न प्रकार के रंगारंग प्रोग्राम ओं का आयोजन किया गया और कार्यक्रम में बच्चों के लिए तीन प्रकार की प्रतियोगिताएं रखी गई जिसमें फैंसी ड्रेस वाद विवाद और पेंटिंग मुकाबले शामिल थे।कार्यक्रम की शुरुआत स्कूल प्रधानाचार्य के भाषण के द्वारा की गई उन्होंने अपने भाषण के दौरान बच्चों को गणतंत्र दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे भारत में दो तरह के त्यौहार मनाए जाते हैं जिसमें धार्मिक व राष्ट्रीय त्योहार शामिल है धार्मिक त्योहारों में दशहरा गुरपूर्व इत्यादि त्योहार है जबकि राष्ट्रीय त्योहारों में 15 अगस्त 26 जनवरी गांधी जयंती इत्यादि त्योहार मनाए जाते हैं।26 जनवरी अर्थात गणतंत्र दिवस एक राष्ट्रीय त्योहार के रूप में भारत में बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है तो आज हम जहां पर गणतंत्र दिवस का पर्व मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं।इस दिन सभी को देश की उन्नति के लिए कामना करनी चाहिए lआज गणतंत्र दिवस के दिन 1950 में देश का संविधान लागू हुआ था गणतंत्र देश का यह दिन हमें यह याद दिलाता है कि कैसे हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने अहिंसा और सत्य के मार्ग पर चलते हुए स्वतंत्रता हासिल की जिस स्वतंत्रता में आज हम सांस ले रहे हैं जो उन्हें स्वतंत्रता सेनानियों की ही देन है। यह दिन राष्ट्रीय गर्व का दिन है यह दिन हमें हमारे संविधान की विभिन्न मूल्यों की याद दिलाता है यही वजह है कि इस त्यौहार को पूरे देश में बहुत ही उत्साह और भव्यता के साथ मनाया जाता है।प्रधानाचार्य मैडम डॉ शर्मा ने बच्चों को यह भी बताया कि इस त्यौहार को विभिन्न संस्कृतियों व जातियों के लोग मिलकर मनाते हैं इस तरह यह त्यौहार भारत के सभी जाति और वर्ग के लोगों को आपस में जोड़ कर रखता है।बच्चों भारतीय संविधान दुनिया का सबसे बड़ा लिखित संविधान है संविधान को लागू करने के लिए इसलिए चुना क्योंकि 1930 में कांग्रेस के अधिवेशन में भारत को पूर्ण स्वराज की घोषणा की गई थी।उन्होंने बच्चों को यह जानकारी भी दी कि इस दिन गणतंत्र दिवस पर राजपथ में भव्य समारोह का आयोजन होता है इस दिन भारत में राष्ट्रपति लाल किले पर तिरंगा झंडा फहराते हैं। राष्ट्रगान और तिरंगा फहराने के साथ ही 21 तोपों को सलामी भी दी जाती है देश की सुरक्षा और राजनैतिक का कार्य इत्यादि के लिए बलिदान देने वालों को अशोक चक्र और कीर्ति चक्र जैसे महत्वपूर्ण सम्मान दिए जाते हैं भारत की तीनों प्रकार की शहनाई परेड में शामिल होती हैं और अपनी सैन्य ताकत दिखाती है।इसके बाद प्रधानाचार्य ने पेंटिंग वाद-विवाद व फैंसी ड्रेस प्रतियोगिता में अव्वल आने वाले छात्रों को सम्मानित किया और इनाम भी वितरित किए गए।इस समारोह पर बच्चों के चेहरों पर काफी खुशी झलक रही थी सभी ने गणतंत्र दिवस की खुशी में फेस पेंटिंग तुम भी कर रखी थी।
इसके बाद प्रबंध संचालक जसकरण सिंह वीर मंच पर आए और उन्होंने बच्चों को गणतंत्र दिवस संबंधित बहुमूल्य जानकारियां प्रदान की।
उन्होंने बच्चों को बताया कि भारतीय संविधान को तैयार होने में 2 साल 11 महीने और 18 दिन का समय लगा था और संविधान की मूल प्रति प्रेम बिहारी नारायण रायजादा के द्वारा लिखी गई थी।
भारतीय संविधान के 395 अनुच्छेद और 8अनुसूचियां और 22 भाग हैं।उन्होंने बताया कि भारतीय संविधान पर हस्ताक्षर करने वाली समिति में 15 महिला सदस्य शामिल थी और भारतीय सविधान सब 20 जनवरी 1949 को बनकर तैयार हुआ था और 26 जनवरी 1950 को इसे देश में लागू किया गया। भारतीय संविधान डॉ भीमराव अंबेडकर ने लिखा था इसलिए उन्हें संविधान बनाने वाली कमेटी का चेयरमैन बनाया गया।
इस प्रकार बच्चों को अवश्य मिले जानकारी देते हुए प्रबंध संचालक सज्जन सिंह के द्वारा कार्यक्रम का समापन किया गया।
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