RTI में सूचना देने में की गई देरी,आयुक्त भूपेंद्र धर्माणी ने ठोंका जुर्माना, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा की जनसूचना अधिकारी को 25 हजार का जुर्माना

Dabwalinews.com
आरटीआई के आवेदनों को हल्के में लेना खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा (चंडीगढ़) की राज्य जनसूचना अधिकारी को भारी साबित हुआ।राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धर्माणी ने मामले में कड़ा संज्ञान लेते हुए अधिकतम जुर्माने के रूप में 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। जुर्माने की राशि 15 फरवरी तक सरकारी खजाने में जमा करवाने के आदेश दिए गए है। आयोग के समक्ष शिकायत आरटीआई एक्टिविस्ट पवन पारिक एडवोकेट की ओर से की गई थी। पवन पारिक ने खाद्य एवं आपूर्ति विभाग हरियाणा (चंडीगढ़) से 14 अगस्त 2019 को कुछ जानकारी मांगी थी। विभाग की ओर से निर्धारित समयावधि में सूचना न मिलने पर राज्य सूचना आयोग में 19 अक्टूबर 2019 को शिकायत दाखिल की गई। मामला राज्य सूचना आयुक्त भूपेंद्र धर्माणी के पास सुनवाई के लिए पहुंचा। उनकी ओर से दोनों पक्षों को सुनवाई के लिए पेश होने के निर्देश दिए। मगर, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग की राज्य जनसूचना अधिकारी डा. अनीता खर्ब पेश नहीं हुई। इस बारे में आयोग की ओर से उन्हें शोकॉज नोटिस भेजा गया, मगर उस पर भी ध्यान नहीं दिया गया। आयोग की सख्ती के बाद बचाव में दलील भी दी गई। लेकिन आयोग ने सूचना देने में देरी को लेकर नाराजगी जाहिर की कि सूचना देने में एक साल का समय लगा दिया गया।आयोग ने आरटीआई एक्ट के तहत 250 रुपये प्रतिदिन देरी के हिसाब से अधिकतम 25 हजार रुपये की सीमा होने की वजह से अधिकतम 25 हजार रुपये जुर्माना लगाया है। सूचना आयोग के इस फैसले से आरटीआई मामलों को हल्के में लेने वाले अधिकारियों को अवश्य ही सबक मिलेगा।

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