इस MLA ने 100 वें वर्ष में रखा कदम फिर भी जोश जवानों जैसा,कुछ इस अंदाज़ से केक काटकर मनाया जन्मदिन
Dabwalinews.com
पाकिस्तान से विस्थापित होकर देश में आए। पहले राजस्थान फिर पंजाब के बाद बने हरियाणा के गांव सकता खेड़ा में निवास बनाया। आज 100 वर्ष में प्रवेश कर इलाके के सबसे वयोवृद्ध पूर्व विधायक सहीराम बिश्नोई का जन्मदिवस ग्रामीणों और इलाका के लोगों ने पौधारोपण करते हुए खुशी के साथ मनाया ।उम्र भले ही स्वामी वर्ष में प्रवेश कर चुकी है लेकिन उनका उत्साह युवाओं जैसा ही है और आज भी अपने खेत खलिहान में खुद काम करने लग जाना और रोजाना सुबह अखबार पढ़ना वह सात्विक भोजन करना उनकी आदत है। इसी दिनचर्या को अपनी लंबी उम्र का राज बताते हुए सहीराम बिश्नोई ने 100वें जन्म दिवस पर प्रत्येक मनुष्य को 100 वर्ष से अधिक स्वस्थ आयु प्राप्त होने का आह्वान ईश्वर से किया है। उनके जन्मदिवस पर बिश्नोई सभा के अलावा ग्राम पंचायत और विभिन्न गांवों शहरों व पंजाब राजस्थान से भी लोगों ने पहुंचकर पगड़ी भेंट की और शुभकामनाएं देते हुए दीर्घायु होने की कामना की है। हमारी टीम आपको उनके लंबे जीवन और भारत-पाकिस्तान ही नहीं हरियाणा पंजाब के अलग होने और तत्कालीन राजनीतिक और वर्तमान माहौल के बीच उनके अनुभव से अवगत कराते हुए विशेष प्रस्तुति ::
गांव सकताखेड़ा में पंजाब सीमा के पास बनी ढाणी में रहने वाले पूर्व विधायक एवं बिश्नोई महासभा के पूर्व अध्यक्ष एडवोकेट सहीराम धारणिया आज सौंवे वर्ष में जी रहे हैं। उन्होंने अपने स्वास्थ्य का राज बताया कि वे सुबह सूरज निकलने से पहले उठ जाते हैं और अपनी ढाणी के साथ खेतों में काम करते हैं। ढाणी के साथ खेत में ताजी सब्जियां व फलदार फूलदार पौधे लगाए हुए हैं। उनकी मेहनत से उगाकर तैयार की गई सब्जियां घर में पकाई जाती हैं जबकि आसपास के लोगों और रिश्तेदारों को भी वे अपनी उगाई सब्जियां व फल भेंट करते हैं। वे सात्विक भोजन को उत्तम आहार मानते हैं और न चाय पीते हैं और न ही कभी फास्ट फूड चखा है। परिवार की जमीन में खेतीबाड़ी का निरीक्षण करते हुए खुद गौर करते हैं। खेतों में खड़ी सरसों व गेहूं की फसल का खुद निरीक्षण कर निराई गुड़ाई कराते हैं।
ऐसी रहती है दिनचर्या
वे सुबह उठकर हल्का गर्म पानी पीते हैं और नीम दातुन से मंजन करते हुए टहलते व खेत में काम करते हैं। दिन चढ़ने पर एक गिलास गाय का दूध पीते हैं और दोपहर तक बागवानी और सब्जी बाड़ी में काम करते हैं। भोजन में साधारण दाल व सब्जियां और चपाती के साथ छाछ पीते हैं। गर्मियों में छाछ का अधिक सेवन करते हैं जबकि सर्दियों में कम।
पूर्व विधायक सही राम ने बताया कि दोपहर बाद करीब 4 बजे एक गिलास दूध ओर लेते हैं तथा शाम 6 बजे एक घंटा भजन संध्या करते हैं। शाम को खाना खाने के बाद खेत में टहलते हैं। पौत्र उमेद बिश्नोई ने बताया कि उनकी याददास्त अच्छी है और दिनचर्या में महत्वपूर्ण तथ्यों को अपनी डायरी में नोट करते रहते हैं। उनकी डायरी में परिवार के पाकिस्तान में रहने के दौरान से लेकर अब तक की घटनाएं, परिवार व रिश्तेदारों के जन्म मृत्यु की तारिखें दर्ज हैं। कई बार उनसे अपनी परिजनों की जानकारी लेने आते हैं। पाकिस्तान में अपने गांव और घर की भी पूरी याद है। उस स्थान पर जाना उनकी इच्छा है।
पाकिस्तान से विभाजन पर समाज जनों को लाए थे भारत
वयोवृद्ध सहीराम धारणिया का जन्म एक शताब्दी पहले 12 जनवरी को पाकिस्तान के भावलनगर में गांव तालिया में हुआ। वे लाहौर के लॉ कॉलेज में पढ़ रहे थी इसी दौरान देश का बंटवारा हो गया और उनका एरिया पाक में आ जाने से गांव पहुंचकर दंगों के बीच बिश्नोई समाज के लोगों को देश में लाए थे। वे सबसे पहले राजस्थान के करणपुर थेहड़ी के पास पुल से देश में पहुंचे और समाज के लोगों को राजस्थान और पंजाब के सीमावर्ती गावों में बसाया। हरियाणा बनने के दौरान सभी परिवारों को जमीनें दिलवाई और 1951 के देश में पहले आम चुनाव लड़े लेकिन हार गए। वर्ष 1957 में जनसंघ की टिकट पर चुनाव जीते और पंजाब के मौजूद सीएम प्रकाश सिंह बादल के साथ पंजाब विधानसभा में पहुंचे थे। उन्हाेंने शिमला लाॅ काॅलेज से पढ़ार्इ पूरी की अाैर श्रीगंगानगर में वकालत करने गए लेकिन वकील का पेशा पसंद नहीं अाया और वापस लौट आए। उनका कहना है कि झूठ बोलने वाला काम नहीं कर सकते।
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