राजनीति के चाणक्य साबित हो रहें गोबिंद कांडा! चुनावी शतरंज में विरोधियों के हर वार को कर रहे हैं विफल

Dabwalinews.com
समय के साथ-साथ सिरसा की राजनीति में गोबिंद कांडा उभरते हुए चाणक्य साबित हो रहें है। उनके द्वारा जिस प्रकार विरोधियों को पस्त करने के लिए चाल चली जाती है,उससे सामने वाला भी बेखबर होता है। वे एक चाल चलते है लेकिन आगे की दस चाल की तैयारी रखते है। उनके राजनीतिक कौशल को उनके विरोधी भलीभांति समझ सकते है। राजनीति की बिसात पर वे अब पारखी खिलाड़ी बन चुके है, जिनकी ओर से अपने विरोधियों को आसानी से पस्त कर दिया जाता है। हराने से पहले वे विरोधी को किसी भी प्रकार का मौका नहीं देते। इस प्रकार की चाल चलते है कि विरोधी के पास टिकने का कोई मौका ही नहीं बचता।हाल ही में सम्पन्न वार्ड नंबर-29 के उपचुनाव में उन्होंने अपने राजनीतिक कौशल का परिचय दिया। राजनीति के धुरंधरों ने चुनाव जीतने के लिए हर संभव कोशिश की लेकिन उनके तमाम प्रयास नाकाफी साबित हुए। हकीकत यह है कि गोबिंद कांडा जमीन से जुड़े हुए नेता है और उन्होंने लोगों से सीधे संवाद कायम करके उनका दिल जीतने का काम किया है। यही वजह है कि लोगों का उन पर विश्वास बना है। विरोधी भले ही कुछ भी कहें लेकिन लोगों को गोबिंद कांडा की बात पत्थर की लकीर प्रतीत होती है। इसकी वजह भी है कि गोबिंद कांडा ने जो कहा, उसेकरके भी दिखाया। उन्होंने जिस काम की हामी भरी, उसके लिए कदम पीछे नहीं किया। जिसके साथ खड़े हुए, उसे झुकने नहीं दिया।
राजनीति के जानकार बताते है कि भाई गोपाल कांडा में करिश्माई व्यक्तित्व है, जबकि गोबिंद कांडा का कृतित्व उन्हें लोकप्रिय बनाता है। रोजाना हजारों लोगों से मिलना, उनकी समस्या सुनना। क्षेत्र की समस्या, वार्ड की समस्या, गांव की समस्या से वे भलीभांति अवगत है। कई-कई चुनावों की कमान संभाल चुके गोबिंद कांडा अब परिपक्व हो चुके है कि चुनाव कैसे लड़े जाते है और कैसे लड़वाए जाते है। वे यह भी जान चुके है कि राजनीति में सियासी दांवपेंच क्या होते है और उनका इस्तेमाल कैसे करना चाहिए? हाल के कुछ वर्षों पर नजर दौड़ाई जाए तो उनकी राजनीतिक कुशलता का अंदाजा लगाया जा सकता है। कुछ वर्षों तक जो लोग उनके घोर विरोधी थे, कांडा ने उन्हें अपना मित्र बना लिया। हर बार विरोधी को चित्त करना जरूरी नहीं होता, उससे मित्रता बनाकर भी जीता जा सकता है। आने वाले दिनों में गोबिंद कांडा का राजनीतिक कौशल और निखरकर सामने आने वाला है। निकट भविष्य में होने वाले नगर परिषद के चुनाव को लेकर उनकी ओर से तैयारियां शुरू कर दी गई है। कांडा बंधुओं की हरसंभव कोशिश रहेगी कि इस बार लोकल सरकार उनकी हों। चूंकि सिरसा के विकास की जवाबदेही उनकी है, ऐसे में नगर परिषद में चेयरमैनी हासिल करके वे सिरसा शहर का मनमाफिक विकास करवाना चाहते है। जिस प्रकार महानगरों में लोगों को सुविधाएं हासिल होती है, वहीं सुविधाएं सिरसा शहर में भी मिलें। कांडा बंधुओं के सपने का सिरसा जल्द मूर्त रूप लेगा। जिसकी सियासी गोटियां सजाई जाने लगी है।

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