फर्जी फस्र्ट एड टे्रनिंग सर्टिफिकेट से ड्राइविंग लाईसेंस जारी करने का मामला,धरे रह गए रेडक्रास सोसायटी सचिव के नोटिस

Dabwalinews.com
जिला रेडक्रास सोसायटी के अधीन सेंट जॉन एम्बुलेंस एसोसिएशन के फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के आधार पर ड्राइविंग लाईसेंस जारी करने मामले में सचिव की ओर से भेजे गए नोटिस धरे रह गए है।रेडक्रास सचिव की ओर से 350 से अधिक लाईसेंस हासिल कत्र्ताओं को नोटिस जारी करके कार्रवाई की चेतावनी दी गई थी। मगर, इन नोटिस का कोई जवाब नहीं मिला और न ही विभाग की ओर से कोई कार्रवाई ही अमल में लाई गई है। वर्णनीय है कि ड्राइविंग लाईसेंस के लिए वर्तमान में जिला रेडक्रास सोसायटी के अधीन सेंट जॉन एम्बुलेंस एसोसिएशन से ट्रेनिंग सर्टिफिकेट हासिल करने की अनिवार्यता की गई है। इसके लिए 300 रुपये की अतिरिक्त फीस भी निर्धारित की गई है। एसोसिएशन द्वारा ट्रेनिंग के सर्टिफिकेट जारी किए जाते है, इन सर्टिफिकेट के आधार पर ही ड्राइविंग लाईसेंस जारी किए जाते है। मगर, सिरसा, डबवाली, कालांवाली व ऐलनाबाद एसडीएम कार्यालय से सैकड़ों लोगों ने ड्राइविंग लाईसेंस प्राप्त किए। उन लोगों द्वारा अपने दस्तावेजों में जो ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किए गए, वे जांच में फर्जी करार दिए जा चुके है।



दरअसल, बड़े सुनियोजित ढंग से फर्जी सर्टिफिकेट जारी करने का धंधा किया गया। सर्टिफिकेट पर क्यूआर कोड अंकित किया जाता है, जिस पर आवेदक का पूर्ण विवरण और फीस की जानकारी होती है। मगर, क्यूआर कोड में छेड़छाड़ एक व्यक्ति द्वारा अदा की गई फीस के आधार पर ही सैकड़ों लोगों के सर्टिफिकेट जारी कर दिए गए। जिसकी वजह से रेडक्रास सोसायटी को जारी सॢटफिकेट की संख्या अनुसार फीस प्राप्त नहीं हुई।

प्रशासन की ओर से आंतरिक जांच में यह गड़बड़झाला पकड़ा गया। पड़ताल करने पर अकेले सिरसा एसडीएम कार्यालय से 350 से अधिक लोगों द्वारा फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट प्रस्तुत किया जाना पाया गया। जिस पर रेडक्रास के सचिव की ओर से इन लाईसेंसधारकों को नोटिस जारी किया गया था और उन्हें एक सप्ताह में इसका जवाब देने के लिए कहा गया था। चेतावनी दी गई थी कि इस बारे में स्पष्टीकरण दें अन्यथा उनके लाईसेंस रद्द करने बारे कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। लेकिन चेतावनी अवधि का समय बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई है। केवल कागजों में ही कार्रवाई दर्शायी जा रही है।

एसडीएम कार्यालयों ने पल्ला झाड़ा

ड्राइविंग लाईसेंस जारी करते समय दस्तावेजों की जांच व पड़ताल की अहम जिम्मेवारी एसडीएम कार्यालय की होती है। ऐसे में ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की जांच भी उनकी ही बनती है। मगर, जिस प्रकार दलालों के माध्यम से लाईसेंस बनाने का कार्य निर्बाध गति से होता है। उसी वजह से ट्रेनिंग सर्टिफिकेट की ओर ध्यान नहीं दिया गया। यही कारण रहा कि न केवल सिरसा बल्कि डबवाली, कालांवाली व ऐलनाबाद एसडीएम कार्यालय में भी फर्जी ट्रेनिंग सर्टिफिकेट के आधार पर ड्राइविंग लाईसेंस जारी कर दिए गए। चूंकि सर्टिफिकेट जारी करने की जिम्मेवारी रेडक्रास सोसायटी की है, ऐसे में गाज सोसायटी पर ही डालने की कोशिश की। लेकिन जिला उपायुक्त रेडक्रास सोसायटी के पदेन अध्यक्ष है, इसलिए मामले को एसडीएम कार्यालय पर डाल दिया गया। एसडीएम कार्यालय द्वारा गेंद रेडक्रास सोसायटी के पाले में डाल दी गई है। लगभग चार माह का समय बीत चुका है। फर्जीबाड़ा सामने आने के बाद भी अब तक पूरे मामले पर पर्दा डालने की ही कोशिश की जा रही है। इस मामले में पुलिस को शिकायत तक नहीं दी गई है ताकि फर्जीबाड़ा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो सकें।

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