फर्जी फर्मों के लिए दूसरों के कंधों का इस्तेमाल बदस्तूर जारी

Dabwalinews.com

सिरसा। सिविल लाइन सिरसा पुलिस द्वारा दूसरे के नाम पर फर्जी फर्म बनाने का मामला परसों दर्ज किया गया। जिससे साबित होता है कि इस काले कारोबार में दूसरों के कंधों का इस्तेमाल थमा नहीं है। रंगरोगन करने वाले व्यक्ति को बैंक लोन का झांसा देकर उसके दस्तावेजों से फर्जी फर्म बनाकर करोड़ों का कारोबार कर डाला। पुलिस ने गली रामजी पहलवान वाली निवासी लीलूराम पुत्र दुलीचंद की शिकायत पर बी-ब्लॉक निवासी जितेंद्र मित्तल पुत्र स्वरूप लाल मित्तल के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया था। फर्जी फर्मों के अब तक सामने आए मामलों में यही खुलासा हुआ है कि फर्जी फर्मों के सरगनाओं ने भाले-भाले लोगों को अपने मायाजाल में फांसा। उन्हें कुछ हजार रुपये अतिरिक्त देने का झांसा दिया और उनके दस्तावेजों पर फर्में खड़ी कर दी। इन दस्तावेजों से ही बैंकों में खाते खुलवाए और इन बैंक खातों का स्वयं संचालन किया। इस मामले से एक बार फिर यह प्रमाणित हो गया कि फर्जी फर्मों के सरगना कोई ओर है, जोकि इस काले कारोबार को संचालित कर रहे है। फर्जी फर्मों के मामले में 'एमआरपीÓ को इस साम्राज्य का बादशाह माना जाता है, लेकिन धनबल की वजह से आजतक उनका साम्राज्य बरकरार भी है। मामले की जब निष्पक्ष और गहन जांच होगी, तभी असल गुनहगार सलाखों के पीछे होंगे और भोले-भाले लोगों का बचाव हो सकेगा। बड़ा सवाल यह भी है कि आखिर फर्जी फर्मों के इन सरगनाओं पर कार्रवाई कब होगी?

मेरे पति अनुपम सिंगला को फंसाया  : मनीषा सिंगला

फर्जी फर्मों के मामले में आरोपी अनुपम सिंगला की पत्नी मनीषा पहली बार सामने आई और उन्होंने पूरे मामले में अनेक चौंकाने वाले खुलासे किए।

उन्होंने बताया कि उनके पति को बड़े षड्यंत्र का शिकार बनाया गया है। फर्जी फर्मों का कारोबार करने वालों ने उन्हें फंसाया । श्रीमती मनीषा सिंगला ने बताया कि उसके सीधा-साधा काम करने वाले व्यक्ति थे। उन्होंने काफी समय तक कोटेक महेंद्रा कंपनी में बीमा एजेंट के रूप में कार्य किया। इसके अलावा मंडी में लंबे अरसे तक अकाऊटेंट के रूप में कार्य करते रहें। उनका फर्जी फर्मों से कोई लेनादेना नहीं था। मनीषा सिंगला ने उनके पति अनुपम सिंगला सिरसा के व्यापारियों के लिए अकाऊंट देखने का कार्य करते थे। उन्होंने दिल्ली में भी काम किया। यदि वे फर्जी फर्मों का ही कारोबार करते तो उन्हें दूसरों के पास कुछ हजार रुपये की नौकरी करने की जरूरत नहीं थी। उन्होंने बताया कि उनके बेटे के आपरेशन के लिए भी उनके पास पैसा नहीं था। पैसा न होने की वजह से आजतक वह आपरेशन तक नहीं हो पाया। साथ ही परिवार के पास न कोई आय का जरिया है और न ही कोई संपत्ति ही है। मनीषा सिंगला ने जांच एजेंसियों की कार्यशैली पर भी ऊंगली उठाई। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली की एजेंसी द्वारा उनके पति को गिरफ्तार कर रिकवरी व तमाम जांच की जा चुकी है। फिर उनके पति पर एक ही मामले को लेकर दो दर्जन अलग-अलग मामले क्यों दर्ज किए गए?  हर बार जांच और पूछताछ के नाम पर प्रताडि़त करने का खेल खेला जा रहा है। उनके पति पिछले सात माह से जांच एजेंसियों की कैद में है। उन्होंने कहा कि जांच के नाम पर परिवार को प्रताडि़त किया जा रहा है। वर्तमान में परिवार की हालत दयनीय हो चुकी है। जो संपत्ति है वह पूर्वजों की है। उन्होंने न्यायपालिका से पूरे मामले की निष्पक्ष जांच करवाए जाने की गुहार लगाई है ताकि फर्जी फर्मों का कारोबार करने वालों के खिलाफ कार्रवाई हो और बेगुनाह लोगों को सजा न झेलनी पड़ें।

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