क्यों कुंद हो रही हैं सीएम विंडों ? सीएम कार्यालय में ही अटक कर रह जाती है शिकायतें

Dabwalinews.com

सरकारी महकमों में बरती जा रही अनियमितताओं पर रोकथाम लगाने के लिए जनता को सीएम विंडो के रूप में एक हथियार मिला था, जिसके माध्यम से सरकारी अधिकारियों व बाबूओं की जवाबदेही तय होने लगी थी। ढिलाई बरतने वालों को सीएम विंडो पर मामला आने पर जवाब देना पड़ता था।मगर, मनोहर-2 सरकार में सीएम विंडो भोथरा गई है। सीएम विंडो भी अन्य शिकायत माध्यमों की भांति कुंद की जा चुकी है, जिसकी वजह से लोगों की शिकायतों का निपटान ही नहीं हो रहा।नगर परिषद सिरसा में होर्डिंग्स के मामले में बरती गई कथित अनियमितताओं को लेकर दाखिल की गई शिकायत पर भी तीन माह बीत जाने पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई। अचरज की बात यह है कि सीएम कार्यालय में शिकायत लंबा अरसा बीत जाने पर लटकी हुई है। आमजन एक माह के भीतर शिकायत का निपटारा होने की उम्मीद करता है, लेकिन जब तीन-तीन महीने तक सीएम कार्यालय में ही शिकायतें लंबित रहेगी, तब उनके निपटारा होने का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है।कीर्तीनगर निवासी राकेश कुमार ढल्ला की ओर से सीएम विंडो पर शिकायत संख्या 086447 दर्ज करवाई गई थी, जोकि आज तक लंबित है।
क्या है शिकायत में
राकेश ढल्ला की ओर से दर्ज करवाई गई शिकायत में बताया गया कि नगर परिषद के ठेकेदार ने टेंडर के नियमों के विरुद्ध होर्डिंग्स लगाकर सरकार को चूना लगाया है। टेंडर की शर्तों के अनुसार जिन होर्डिंग्स पर एक तरफ विज्ञापन लगाने की अनुमति थी, ठेकेदार ने दोनों ओर विज्ञापन लगाकर दोहरी कमाई की। जबकि नगर परिषद को एक तरफ का शुल्क अदा किया है। इसी प्रकार नेशनल हाई-वे पर भी यूनिपोल खड़े किए है। गैंटरी के निर्माण में दिशा-निर्देश की पालना नहीं की गई है। सीसी डस्टबिन को कवर करने के लिए विज्ञापन पट्ट लगाने की इजाजत दी गई थी ताकि इनके पीछे डस्टबिन छिप जाए, मगर ठेकेदार ने डस्टबिन की ऊंचाई से अधिक ऊंचाई पर विज्ञापन पट्ट लगा डालें, जिसके कारण कूड़ा और गंदगी दूर से ही दिखाई देती है।शिकायत में बताया गया कि मुख्य डाकघर के ऊपर अनाधिकृत रूप से होर्डिंग्स लगाया हुआ है। इसके अलावा शहर में छतों और दीवारों पर भी विज्ञापन पट्ट लगाए हुए है। टेंडर की शर्तों के अनुसार तीन वर्ष की अवधि पूरी होने पर सभी यूनिपोल और गैंटरी नगरपरिषद की संपत्ति बन जाएगी, ऐसे में ठेकेदार द्वारा दर्जनभर स्थानों पर ऐसे यूनिपोल और गैंटरी ही नहीं लगाई गई, जिससे नगर परिषद को नुकसान होगा। राकेश ढल्ला की ओर से सीएम विंडो पर शिकायत दाखिल कर मामले की जांच करवाए जाने का आग्रह किया गया था, लेकिन अब तक शिकायत सीएम कार्यालय से ही बाहर नहीं निकल पाई है।

एक साल से शिकायत लंबित

राकेश ढल्ला की ओर से 15 फरवरी 2020 को उपायुक्त कार्यालय में शिकायत संख्या 52 दर्ज करवाई गई थी। जिसमें नगर परिषद के अधिकारियों व ठेकेदार की मिलीभगत से हो रहे नुकसान बारे कार्रवाई किए जाने का आग्रह किया गया था। शिकायत में बताया गया कि होर्डिंग्स के टेंडर की शर्तों की सरेआम उल्लंघना की जा रही है। जिससे न केवल नगर परिषद की आय को नुकसान हो रहा है, वहीं शहर की सुंदरता पर भी बुरा प्रभाव पड़ रहा है। फरवरी-2020 में दर्ज करवाई गई शिकायत के बाद 28 अक्टूबर 2020 को पुन: रिमांइडर दिया गया। लेकिन एक वर्ष का लंबा अरसा बीत जाने पर भी कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय स्तर पर कार्रवाई न होने पर ही सीएम विंडो दाखिल की गई थी, लेकिन उसका भी यही हश्र हुआ।

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