देश व प्रदेश की मंडियां किसान, आढ़ती, मजदूरों का भाईचारा का प्रतीक है - बजरंग गर्ग
Dabwalinews.com
सिरसा - हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के राष्ट्रीय महासचिव बजरंग गर्ग ने व्यापारी प्रतिनिधियों की मीटिंग में व्यापारी प्रतिनिधियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि देश व प्रदेश की मंडियां, व्यापारी, किसान, मजदूरों का भाईचारे के प्रतीक है। जबकि व्यापारी व किसान का सदियों से चोली-दामन का साथ है और आगे भी मजबूती से रहेगा। मगर सरकार द्वारा आढ़तियों को बिचोलिया कहना घटिया मानसिकता का परिचय देता है। देश व प्रदेश का आढ़ती बिचोलिया नहीं है देश का आढ़ती कमीशन एजेंट है। जिस पर देश व प्रदेश का हर नागरिक विश्वास करता है जबकि आढ़ती अनाज खरीद करवाने, अनाज की सफाई करवाने, अनाज को बोरियों में भरने के साथ-साथ अनाज को एफसीआई के गोदामों तक पहुंचाने के बाद अपनी आढ़त लेता है मगर अनाज खरीद होने के बाद अनाज सरकारी एजेंसियों का हो जाता है। सरकारी एजेंसी व ठेकेदारों की लापरवाही के कारण अनाज उठान में देरी होने के कारण गेहूं, धान, सरसों, बाजरा, कपास आदि अनाज में घटती आ जाती है मगर अनाज घटती के पैसे सरकारी खरीद एजेंसी के अधिकारी व ठेकेदारों के काटने की बजाए सरकार करोड़ों रुपए घटती के नाम पर आढ़तियों के काट लेती है जो आढ़तियों के साथ सरासर ज्यादति है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा अनाज घटती के पैसे आढ़ती के ना काट कर सरकारी खरीद एजेंसियों के अधिकारी व ठेकेदार से वसूले जाए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि केंद्र सरकार की अनाज की हर फसल आढ़ती के माध्यम से एमएसपी पर खरीद करने का गारंटी कानून लोकसभा व राज्यसभा में पास करना चाहिए जबकि सरकार किसान की सरसों, नरमा, मूंग, बाजरा, सूरजमुखी आदि फसलें सरकारी खरीद एजेंसी सीधी खरीद कर रही है। सरकारी एजेंसियों द्वारा फसल सीधे किसान से खरीद करने की आड़ में किसानों को महीने महीने चक्कर लगवाते हैं। यहां तक की सरसों का एमएसपी 4425 रूपए प्रति क्विंटल है मगर किसान को मजबूरी में अपनी सरसों 3500 से 3700 रुपए प्रति क्विंटल बेचनी पड़ी। इसी प्रकार बाजरा का एमएसपी 2150 रुपए है सरकारी एजेंसी द्वारा किसान का पूरा बाजरा खरीद ना करने से किसान को बाजरा 1200 रुपए से 1500 रुपए प्रति क्विंटल तक बेचना पड़ा। जिससे किसान को बड़ा भारी नुकसान उठाना पड़ा जबकि सरकार बार-बार वायदा करती है की किसान का एक-एक दाना खरीदा जाएगा मगर आज भी किसान की फसल एमएसपी रेटों पर नहीं खरीदी जाती जबकि किसान सरकार से कुछ नहीं चाहता सिर्फ किसान अपनी फसल को एमएसपी रेटों की खरीद की गारंटी चाहता है। जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कह रहा है एमएसपी है और आगे भी रहेगी।तो अनाज एमएसपी खरीद का गारंटी कानून सरकार क्यों नहीं बनाती। इसका मतलब सरकार की नियत में खोट है। जिस प्रकार प्रधानमंत्री जी ने लोगों को 15 लाख रूपए हर व्यक्ति के खाते में डालने और कोरोना महामारी के समय 20 लाख करोड़ रुपए का जनता के लिए सहायता पैकेज देने का झांसा दिया था। उसी प्रकार मोदी जी किसानों को गुमराह करने की नाकाम कोशिश कर रहे हैं जो देश हित में नहीं है। देश में एक राज्य से दूसरे राज्य में माल ना आने जाने से उद्योगों को करोड़ों अरबों रुपए का नुकसान हो रहा है और देश की अर्थव्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है और लाखों लोग बेरोजगार हो गए हैं। प्रधानमंत्री जी को किसान के हित में और मंडियों को बचाने के लिए तीन कृषि कानून हो तुरंत प्रभाव से वापिस लेने चाहिए। अनाज मंडी के प्रधान हरदीप सिंह सरकारिया व उपप्रधान सुधीर ललित ने व्यापार मंडल के प्रान्तीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग का सिरसा आगमन पर स्वागत किया। इस अवसर पर व्यापार मंडल जिला प्रधान व प्रदेश महासचिव हीरालाल शर्मा, अनाज मंडी प्रधान हरदीप सिंह सरकारिया, पूर्व प्रधान रुलू चंद्र गांधी, उप प्रधान सुधीर ललित, प्रदेश उपप्रधान रोशन लाल गोयल, होशियारी लाल शर्मा, आनन्द बियानी, किरायणा एसोसिएशन प्रधान सतीश शर्मा, जिला उपप्रधान अजंनी कनोडिया, प्रदेश संगठन मंत्री राजकरण भाटिया, मंडी महासचिव कश्मीर कंबोज, पूर्व पार्षद मनोहर महता, पक्का आढ़ती एसोसिएशन प्रधान गौरव गोयल, वरिष्ठ व्यापारी राजेंद्र झडीवाला, बंटी नागपाल, बलदेव राज, विजय चौधरी, प्रदेश सचिव निरंजन गोयल आदि व्यापारी प्रतिनिधियों ने अपने विचार रखे।
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