स्व: ओपी जिंदल को दी श्रद्धांजलि : हमारे लिए सदैव प्रेरणास्त्रोत रहेंगे स्व: ओपी जिंदल : सिंगला

Dabwalinews.com
अन्र्तराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन द्वारा चौटाला रोड पर स्थित सभागार हाल में शाखा अध्यक्ष प्रीतम बांसल की अध्यक्षता में स्व: ओपी जिंदल की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया। अन्र्तराष्ट्रीय वैश्य महासम्मेलन पंजाब प्रदेश के अध्यक्ष सुरेंद्र सिंगला ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि उद्योग जगत में भारत का नाम विश्व में रोशन करने वाले ओपी जिंदल आज हमारे बीच नहीं हैं, लेकिन उनके द्वारा किए गए कार्य आज भी हमारे लिए प्रेरणा का स्त्रोत हैं। उन्होंने कहा कि उनका जन्म 7 अगस्त, 1930 को हिसार जिला के गांव नलवा में एक खेतीहर साधारण परिवार में हुआ था। वह एक महान व्यक्ति थे। जिन्होंने अपने जीवनकाल में राजनीति के साथ-साथ समाज सेवा, अग्रवाल, वैश्य समाज के लिए ऐतिहासिक कार्य किए। जिन्हें सदैव याद रखा जाएगा। स्व: जिंदल मृदुभाषी, मिलनसार एवं धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे। उनके परिवार में उनकी धर्मपत्नी सावित्री जिंदल और चारों बेटे पृथ्वीराज जिंदल, सज्जन जिंदल, रतन जिंदल एवं नवीन जिंदल उनके बताए मार्ग पर चलते हुए समाजहित के कार्य कर रहे हैं। सिंगला ने कहा कि वह अपनी स्वच्छ छवि एवं लोकप्रियता के कारण कुरुक्षेत्र से सांसद एवं विधानसभा हल्का हिसार से विधायक चुने जाने के बाद हरियाणा सरकार में विद्युत मंत्री रहे। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री बनारसी दास गुप्ता सहित समाज के शीर्ष नेताओं में भी उनका नाम अग्रणी रहा। उन्होंने अग्रोहा धाम के विकास एवं महाराजा अग्रसेन मेडिकल एवं रिसर्च कॉलेज की स्थापना में अहम भूमिका अदा की। जिस कारण वह आजीवन भर इस संस्था के अध्यक्ष रहे। उन्होंने अपने जीवनकाल में गौसेवा, शिक्षा, चिकित्सा, जरुरतमंदों की सहायता को प्राथमिकता से निभाया। उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2005 को उनका एक विमान दुर्घटना में देहांत हो गया था, उनके देहांत से एक बार हरियाणा में विकास कार्यों पर विराम सा लग गया था, क्योंकि हरियाणा में विकास कार्यों को लेकर उनके मन में एक गहरी सोच थी। इसके बाद उनकी धर्मपत्नी सावित्री जिंदल हरियाणा सरकार में राजस्व मंत्री एवं उनके बेटे नवीन जिंदल कुरुक्षेत्र से सांसद रहे। नवीन जिंदल ने अपने पिता की प्रेरणा से सर्वोच्च न्यायलय के माध्यम से अधिक समय तक कानूनी लड़ाई लड़कर प्रत्येक भारतीय नागरिक को अपने निवास एवं व्यापारिक प्रतिष्ठान पर राष्ट्रीय ध्वज फहराने का अधिकार दिलवाया। भारत के कई महानगरों में 250 मीटर से अधिक ऊंचाई वाले तिरंगे स्थापित करवाने के साथ-साथ उन्होंने फ्लैग फाऊंडेशन ऑफ इंडिया की स्थापना कर तिरंगा लहराने के अधिकार के संबंध में पुस्तकें एवं लाखों बैज छपवाकर वितरित किए। जिसे राष्ट्रभक्त प्रतिदिन शौंक से लगाते हैं। कोविड-19 के चलते जिंदल स्टील गु्रप द्वारा करोड़ों रुपये की राशि प्रधानमंत्री राहत कोष में भेंट की गई। हिसार में अपनी फायर ब्रिगेड की गाडिय़ों से समय-समय पर शहर को सेनिटाईज करवाया गया। जरुरतमंदों के लिए लंगर, दवाइयां एवं मॉस्क वितरित किए गए। सिंगला ने कहा कि अन्र्तराष्ट्रीय वैश्य समाज सम्मेलन द्वारा समय-समय पर स्व: ओपी जिंदल की स्मृति में संघ लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास करने वाले एवं विभिन्न क्षेत्रों में समाज का नाम रोशन करने वाले महानुभावों को 'ओपी जिंदल अवार्डÓ से सम्मानित कर स्व: ओपी जिंदल को श्रद्धांजलि दी जाती है। उन्होंने कहा कि उनके जीवन की महानता, सादगी, विचारों, सामाजिक कार्यों से समाज को सदैव प्रेरणा मिलती रहेगी। इस अवसर पर संस्था के पदाधिकारी एवं सभी सदस्यगणों ने उपस्थित होकर ओपी जिंदल के चित्र के समक्ष पुष्प अर्पित कर उन्हें श्रद्धांजलि दी और सामाजिक कार्यों को गति देने का संकल्प लिया।
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