अभिभावकों के लिए खुशखबरी : बगैर एसएलसी के मिलेगा स्कूल में प्रवेश,विद्यालय शिक्षा निदेशालय की ओर से जारी किया पत्र
Dabwalinews.com
सरकारी स्कूलों में प्रवेश लेने के इच्छुक प्राइवेट स्कूलों के छात्र-छात्राओं को अब एसएलसी (स्कूल लिविंग सर्टिफिकेट) के लिए निर्भर नहीं रहना पड़ेगा। सरकारी स्कूलों में बगैर एसएलसी के भी उनका प्रवेश हो पाएगा। विद्यालय शिक्षा निदेशालय द्वारा बगैर एसएलसी के प्रवेश देने हेतु एमआईएस में आवश्यक संसोधन कर दिया गया है। निदेशालय के इस कदम से हजारों अभिभावकों को बड़ी राहत मिली है। दरअसल, एक स्कूल को छोड़कर दूसरे स्कूल में प्रवेश के इच्छुक छात्रों को पहले एसएलसी प्रस्तुत करना होता था। स्कूल संचालकों की ओर से एसएलसी की एवज में प्रताडि़त किए जाने की भी शिकायतें आई थी। दरअसल, शैक्षणिक सत्र 2020-21 पूरी तरह से कोरोना की भेंट चढ़ गया। स्कूलों में कक्षाएं ही नहीं लग पाई। बच्चे स्कूल गए ही नहीं। कॉपी-किताबें ही नहीं खरीदीं। गरीब अभिभावकों ने अपने बच्चों का स्कूल में प्रवेश ही नहीं करवाया। लेकिन जब वे सरकारी स्कूल में प्रवेश के लिए पहुंचें तो नियमानुसार उन्हें पुराने स्कूल से एसएलसी लाने के लिए कहा गया। स्कूल संचालकों की ओर से एसएलसी जारी करने की एवज में सालभर की फीस का तकाजा किया गया। स्कूलों संचालकों की ओर से उनके बच्चों को अगली कक्षा में प्रवेश करने का दावा किया गया और फीस की मांग की गई। जिसके कारण अनेक जगह विवाद उपजें। प्राइवेट स्कूल संचालकों की ओर से बगैर एसएलसी के प्रवेश दिए जाने पर यह कहकर एतराज जताया गया था कि अनेक बच्चों की उन्हें सालभर बाद फीस हासिल होती है। ऐसे में यदि एसएलसी की अनिवार्यता नहीं होगी तो वे बिना फीस चुकाए ही दूसरे स्कूल में प्रवेश ले लेंगे और उनका कार्य प्रभावित होगा। प्राइवेट स्कूल संचालकों की दलील के बीच आरटीआई एक्टिविस्ट प्रो. करतार सिंह ने आरटीई के तहत अनेक बच्चों को बगैर एसएलसी के प्रवेश दिया बल्कि इस बारे में विद्यालय शिक्षा निदेशालय से इस बारे में आवश्यक संसोधन करने का भी आग्रह किया। निदेशालय ने उनके सुझाव को स्वीकार करते हुए एमआईएस में संसोधन किया गया है। विशेष प्रावधान किए गए है, जिससे बगैर एसएलसी के भी प्रवेश संभव हो पाएगा।
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