फर्जी फर्मों का मायाजाल : दूसरे के पैनकार्ड व दस्तावेज से खड़ी कर दी दो फर्जी फर्में
Dabwalinews.com
फर्जी फर्मों के संचालकों ने कैसा मायाजाल फैलाया हुआ है कि उसमें अनेक निर्दोष लोग फंसकर झटपटा रहे है।दूसरे के नाम पर फर्जी फर्में खड़ी करके टैक्स की चोरी करने वालों द्वारा अपनी तिजोरी भरी जा रही है। बेकसूर लोगों को सरकार की नजर में करोड़ों का देनदार दर्शाकर स्वयं पाकसाफ बने रहते है। ऐसा ही एक वाक्या गौशाला रोड की गली थानेदार मुख्तयार सिंह वाली निवासी हरमीत सिंह पुत्र हरभजन सिंह के साथ घटित हुआ है। हरमीत सिंह की शिकायत पर शहर सिरसा पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है।हरमीत सिंह ने अपने साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ अरसा पहले वह एक्सिस बैंक में खाता खुलवाने गया था। वहां पर उसे दो जानकार लोग मिलें। जिन्होंने खाता खुलवाने में मदद की बात कहीं। खाता खुलवाने की एवज में उससे पैनकार्ड व अन्य दस्तावेज की मांग की। बैंक में खाता खुल गया और बात आई-गई हो गई। उसने बताया कि कुछ समय पहले जब उसने रिटर्न भरने के लिए किसी सीए से संपर्क किया, तो उसने बताया कि उसके नाम से तो दो फर्में संचालित की जा रही है। जिनमें एक रजिस्ट्रेशन जयपुर में किया हुआ है। उसकी ओर बड़ी संख्या में टैक्स भी देय है। जबकि उसने कभी भी फर्म खुलवाने के लिए आवेदन नहीं किया और न ही उसका ऐसा कोई कारोबार है।हरमीत सिंह ने बताया कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी फर्में बनाई गई है। इसलिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर नोहरिया बाजार निवासी गोपाल मित्तल व अग्रसेन कालोनी निवासी अमित गोयल के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक विजेंद्र कुमार को सौंपा गया है।
नासूर बना फर्जी फर्मों का कारोबार
फर्जी फर्मों के कारोबार से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वालों द्वारा जहां अपनी तिजोरी भरी जा रही है, वहीं गरीब, दिहाड़ीदार व मजदूर लोगों को फंसाया जा रहा है। सरकारी एजेंसियां उन लोगों को धर दबोचती है, जिनके नाम से फर्में बनाई जाती है। फर्जी फर्मों के अनेक मामलों में यह तथ्य सामने आ चुका है कि दही-पापड़ी बेचने वाला, कार ड्राइवर, पानी पिलाने वाले सेवादार, माली इत्यादि के नाम से फर्में बनाई गई। इन फर्मों ने करोड़ों रुपये का कारोबार किया। सरकार को अदा किए जाने वाले टैक्स का गबन किया। जांच एजेंसियों द्वारा इन लोगों की तलाश की जाती है और उनसे टैक्स का तकाजा किया जाता है। जबकि फर्जी फर्मों के सूत्रधार बेखौफ होकर अपना कारोबार संचालित कर रहे है।
सूत्र बताते है कि फर्जी फर्मों के कारोबार में माल बरसने की वजह से अनेक लोग इसमें शामिल हो गए है। जबकि अनेक 'एमआरपीÓ के शार्गिद बनकर लूट में जुट गए है। दरअसल, शासन-प्रशासन द्वारा फर्जी फर्मों के मास्टर माइंड लोगों के खिलाफ एक्शन न होने से अन्य भी इस काले धंधे में उतरने लगे है। जिसके कारण फर्जी फर्मों का कारोबार नासूर बनकर रिसने लगा है।
तोडऩा होगा नेटवर्क
फर्जी फर्मों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए इसके नेटवर्क पर चोट करनी होगी। जब तक सूत्रधारों की धरपकड़ नहीं होगी, उनकी संपत्ति कुर्क नहीं होगी, तब तक 'एमआरपीÓ की चकाचौंध देखकर अन्य भी फर्जी फर्मों के कारोबार में उतरते रहेंगे। पुलिस व प्रशासन को चाहिए कि फर्जी फर्मों के मामले में त्वरित कार्रवाई करें और ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाएं।
कराधान विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?
फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी करने वालों के साथ मिले हुए कराधान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। कराधान आयुक्त हरियाणा की अनुशंसा पर सिरसा पुलिस द्वारा कराधान विभाग सिरसा के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ लगभग तीन माह पूर्व मामला दर्ज किया गया था। लेकिन लंबा अरसा बीत जाने पर भी विभाग के इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में किसे डर पैदा होगा?
फर्जी फर्मों के संचालकों ने कैसा मायाजाल फैलाया हुआ है कि उसमें अनेक निर्दोष लोग फंसकर झटपटा रहे है।दूसरे के नाम पर फर्जी फर्में खड़ी करके टैक्स की चोरी करने वालों द्वारा अपनी तिजोरी भरी जा रही है। बेकसूर लोगों को सरकार की नजर में करोड़ों का देनदार दर्शाकर स्वयं पाकसाफ बने रहते है। ऐसा ही एक वाक्या गौशाला रोड की गली थानेदार मुख्तयार सिंह वाली निवासी हरमीत सिंह पुत्र हरभजन सिंह के साथ घटित हुआ है। हरमीत सिंह की शिकायत पर शहर सिरसा पुलिस ने दो लोगों के खिलाफ धोखाधड़ी के आरोप में मामला दर्ज किया है।हरमीत सिंह ने अपने साथ हुए घटनाक्रम की जानकारी देते हुए बताया कि कुछ अरसा पहले वह एक्सिस बैंक में खाता खुलवाने गया था। वहां पर उसे दो जानकार लोग मिलें। जिन्होंने खाता खुलवाने में मदद की बात कहीं। खाता खुलवाने की एवज में उससे पैनकार्ड व अन्य दस्तावेज की मांग की। बैंक में खाता खुल गया और बात आई-गई हो गई। उसने बताया कि कुछ समय पहले जब उसने रिटर्न भरने के लिए किसी सीए से संपर्क किया, तो उसने बताया कि उसके नाम से तो दो फर्में संचालित की जा रही है। जिनमें एक रजिस्ट्रेशन जयपुर में किया हुआ है। उसकी ओर बड़ी संख्या में टैक्स भी देय है। जबकि उसने कभी भी फर्म खुलवाने के लिए आवेदन नहीं किया और न ही उसका ऐसा कोई कारोबार है।हरमीत सिंह ने बताया कि उसके दस्तावेजों का दुरुपयोग करके फर्जी फर्में बनाई गई है। इसलिए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस ने शिकायत के आधार पर नोहरिया बाजार निवासी गोपाल मित्तल व अग्रसेन कालोनी निवासी अमित गोयल के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 467, 468, 471 के तहत मामला दर्ज किया है। मामले की जांच का जिम्मा सहायक उपनिरीक्षक विजेंद्र कुमार को सौंपा गया है।
नासूर बना फर्जी फर्मों का कारोबार
फर्जी फर्मों के कारोबार से सरकार को करोड़ों रुपये का चूना लगाने वालों द्वारा जहां अपनी तिजोरी भरी जा रही है, वहीं गरीब, दिहाड़ीदार व मजदूर लोगों को फंसाया जा रहा है। सरकारी एजेंसियां उन लोगों को धर दबोचती है, जिनके नाम से फर्में बनाई जाती है। फर्जी फर्मों के अनेक मामलों में यह तथ्य सामने आ चुका है कि दही-पापड़ी बेचने वाला, कार ड्राइवर, पानी पिलाने वाले सेवादार, माली इत्यादि के नाम से फर्में बनाई गई। इन फर्मों ने करोड़ों रुपये का कारोबार किया। सरकार को अदा किए जाने वाले टैक्स का गबन किया। जांच एजेंसियों द्वारा इन लोगों की तलाश की जाती है और उनसे टैक्स का तकाजा किया जाता है। जबकि फर्जी फर्मों के सूत्रधार बेखौफ होकर अपना कारोबार संचालित कर रहे है।
सूत्र बताते है कि फर्जी फर्मों के कारोबार में माल बरसने की वजह से अनेक लोग इसमें शामिल हो गए है। जबकि अनेक 'एमआरपीÓ के शार्गिद बनकर लूट में जुट गए है। दरअसल, शासन-प्रशासन द्वारा फर्जी फर्मों के मास्टर माइंड लोगों के खिलाफ एक्शन न होने से अन्य भी इस काले धंधे में उतरने लगे है। जिसके कारण फर्जी फर्मों का कारोबार नासूर बनकर रिसने लगा है।
तोडऩा होगा नेटवर्क
फर्जी फर्मों के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए इसके नेटवर्क पर चोट करनी होगी। जब तक सूत्रधारों की धरपकड़ नहीं होगी, उनकी संपत्ति कुर्क नहीं होगी, तब तक 'एमआरपीÓ की चकाचौंध देखकर अन्य भी फर्जी फर्मों के कारोबार में उतरते रहेंगे। पुलिस व प्रशासन को चाहिए कि फर्जी फर्मों के मामले में त्वरित कार्रवाई करें और ऐसे मामलों में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाएं।
कराधान विभाग के अधिकारियों पर कार्रवाई कब होगी?
फर्जी फर्मों के माध्यम से करोड़ों रुपये की टैक्स चोरी करने वालों के साथ मिले हुए कराधान विभाग के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई में ढिलाई बरती जा रही है। कराधान आयुक्त हरियाणा की अनुशंसा पर सिरसा पुलिस द्वारा कराधान विभाग सिरसा के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ लगभग तीन माह पूर्व मामला दर्ज किया गया था। लेकिन लंबा अरसा बीत जाने पर भी विभाग के इन अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। ऐसे में किसे डर पैदा होगा?
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