ग्रामीण क्षेत्र के नव निर्माण का संकल्प दिलाने में पंचायती राज दिवस की अहम भूमिका : उपायुक्त प्रदीप कुमार
Dabwalinews.com
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि ग्रामीण भारत के नव निर्माण के संकल्प को पूरा करने के लिए पंचायती राज दिवस की अहम भूमिका है। ग्रामीण क्षेत्रों के सर्वांगीण विकास के लिए केंद्र व प्रदेश सरकार की योजनाओं को क्रियांवित किया गया है ताकि सरकार की योजनाओं व सुविधाओं का लाभ ग्रामीणों को सरलता से मिल सके।
उपायुक्त शनिवार को अपने कैंप कार्यालय में राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित वीडियो कांफ्रेंस उपरांत बोल रहे थे। इस अवसर पर एसडीएम जयवीर यादव, डीडीपीओ रवि कुमार, सहायक भल्ले सिंह, ग्राम सचिव सुभाष, पूर्व सरपंच मंदीप सिंह सहित अन्य लाभार्थी मौजूद रहे। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा राष्ट्रीय पंचायती राज दिवस पर राष्ट्र के ग्रामीण परिवेश के लोगों तक अपना संदेश दिया। कोरोना महामारी से बचाव के मद्देनजर कार्यक्रम पूर्ण रूप से निर्धारित गाइडलाइन अनुसार आयोजित किया गया।
उपायुक्त प्रदीप कुमार ने कहा कि केंद्र व प्रदेश सरकार ग्रामीण विकास पर पूरा फोकस रख रही हैं और व्यवस्थित रूप से ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए अनेक योजनाएं क्रियांवित की है, इन योजनाओं का धरातल स्तर तक के लोगों को लाभ पहुचे इसके लिए जिला प्रशासन व पंचायत विभाग लगातार कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के लिए चलाई जा रही योजनाएं व सेवाओं को और अधिक सुदृढ़ करने की दिशा में केंद्र व प्रदेश सरकार सरकार कदम उठा रही है। ग्राम सभाओं के माध्यम से जल संरक्षण, कोरोना वैक्सीनेशन, स्वच्छता सहित अन्य गतिविधियों की जानकारी देते हुए जन मुहिम से ग्रामीणों को जोड़ा जा रहा है। उन्होंने कहा कि भारत सरकार का 24 अप्रैल को पंचायती राज दिवस मनाने का मुख्य उद्देश्य पंचायती राज संस्थाओं को और ज्यादा मजबूत बनाने का है ताकि सरकार की योजनाओं का लाभ गांव स्तर पर पहुंचे और आमजन उन योजनाओं का भरपूर लाभ उठा सके।
इस अवसर पर उपायुक्त ने गांव बुखाराखेड़ा के 5 ग्रामीणों को स्वामित्व योजना के अंतर्गत रजिस्ट्रियां वितरित की जिनमें खेमराज पुत्र कालूराम, हरबंस पुत्र कालूराम, राय सिंह पुत्र बनवारी लाल, संदेश कुमार पुत्र अमीचंद तथा सुरेंद्र कुमार पुत्र भगवान चंद शामिल हैं। आज से इन सभी को लाल डोरा के अंदर इनकी संपत्ति का मालिकाना हक मिल गया है। अब तक जिला के 2848 ग्रामीणों को उनकी भूमि का मालिकाना हक प्रदान किया गया है।
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