बिन डिमांड और बिन आर्डर पहुंचें सामान को वापस लौटाया,शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा की गई थी खरीद
प्रदेशभर के 1200 से अधिक स्कूलों को भेजा गया था लाखों का सामान,इंदौर की विशाल फार्मासूटिकल्स कंपनी से सरकारी स्कूलों में की आपूर्ति
Dabwalinews.com
शिक्षा विभाग के आला अधिकारियों द्वारा अपने स्तर पर स्कूलों के लिए की गई करोड़ों रुपये की खरीद और उसकी सप्लाई का सिलसिला सिरसा में आकर थम गया।विभागीय अधिकारियों द्वारा दिए आर्डर के बाद प्राइवेट कंपनी द्वारा स्कूलों में लाखों रुपये कीमत का सामान पहुंचाया गया था। स्कूल मुखियों से स्कूल की डिमांड और आर्डर लिए बगैर ही उक्त सामान की आपूर्ति की गई। स्कूल द्वार पर आपूर्ति किए गए सामान की जवाबदेही स्कूल मुखियाओं पर ही डाल दी गई और उनसे ही इसकी पावति रसीद मांगी गई थी। एक-एक स्कूल को 4 से 5 लाख रुपये तक का सामान भेजा गया, जिसमें अधिकांश गैर-जरूरी था।शिक्षा का प्रचार-प्रसार करने वाले शिक्षा विभाग में चले इस खेल में प्रदेशभर के वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालयों को लाखों रुपये का सामान खुद ही खरीदकर भेज दिया। सामान की खरीद इंदौर की विशाल फार्मासूटिकल्स द्वारा दर्शाई गई है, जबकि सामान में पेचकस, प्लास, डस्टर, स्टेपलर, पैंसिल, फिनाइल, सेनिटाइजर, फस्र्ट एड बाक्स इत्यादि शामिल है। फर्म द्वारा भेजे गए सामान का बिल हरियाणा स्कूल शिक्षा परियोजना परिषद पंचकूला के नाम भेजा गया है।
उच्च स्तर पर खेले गए इस खेल का पटाक्षेप सिरसा में आकर हुआ। रानियां स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय के मुखिया ने इस सामान को स्वीकार करने से इंकार कर दिया। उन्होंने कहा कि न तो उन्होंने इस सामान का आर्डर दिया है और न ही उन्हें ऐसे सामान की जरूरत ही है। न ही वे स्कूल में पहुंचाए गए सामान की तस्दीक करते है और न ही इस सामान की क्वालिटी को लेकर संतुष्ट है। सामान की कीमत पर भी वे अपनी सहमति की मोहर नहीं लगा सकतें। उनकी ओर से आपूर्ति किए गए सामान को वापस उठाने के निर्देश दिए। उनकी ओर से आपूर्ति करने वाली कंपनी से तीन दिन के भीतर सामान न उठाने पर उसे पुलिस को सुपुर्द करने की चेतावनी दी। जिसके बाद कंपनी हरकत में आई और कंपनी की ओर से वीरवार व शुक्रवार को सामान उठाने की प्रक्रिया अपनाई गई। कंपनी की ओर से बकायदा लिखित में सामान उठाने की पावति भी दी गई है।
सरकारी धन की बर्बादी रोकी : प्रो. करतार सिंह
राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय रानियां के प्राचार्य प्रो. करतार सिंह ने बताया कि स्कूल में लाखों रुपये कीमत का सामान भेजा गया था। जिसकी जरूरत नहीं थी। सामान की खरीद बारे न तो विभाग को डिमांड ही भेजी गई थी और न ही सामान खरीद के लिए आर्डर ही दिया गया था। ऐसे में सामान को लौटाने बारे कंपनी को चेतावनी दी गई थी। कंपनी की ओर से वीरवार व शुक्रवार को सामान वापस मंगवा लिया गया है।
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