सरकार के खिलाफ वोट का प्रयोग कर जनता सरकार को अपनी ताकत का करवाए एहसास : अमित सिहाग
Dabwalinews.com
हरियाणा कांग्रेस पार्टी की प्रदेशाध्यक्ष कुमारी शैलजा जिला सिरसा के हल्का ऐलनाबाद के दौरे पर हैं। इस दौरे के दूसरे दिन हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने उनके साथ गांव पोहड़का, नीलमा, तलवाड़ा खुर्दऔर कुत्ताबड़ में जाकर विभिन्न सभाओं को संबोधित किया और पार्टी कार्यकर्ताओं को पार्टी को मजबूती देने के साथ साथ किसानों की आवाज को और अधिक ताकत से बुलन्द करने का आह्वान किया। अपने संबोधन में विधायक अमित सिहाग ने कहा कि वर्तमान में किसान आंदोलन चल रहा है जिसको सामाजिक रूप से सभी वर्गों का साथ मिला हुआ है लेकिन जो कानून बनाए या रद्द किए जाते हैं, वो केवल संसद या विधानसभा में ही किए जा सकते हैं। ऐसे में हमे ऐसे प्रतिनिधि को जीता कर संसद एवम् विधानसभा में भेजना चाहिए जिसकी सोच आमजन, किसान एवम् हर वर्ग की लड़ाई लड़ उनके हकों की आवाज बुलन्द करने की हो। ऐसे में अगर चुनावों में हम सही व्यक्ति को चुन कर भेजेंगे तो निश्चित ही बदलाव आएगा। सिहाग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ही एक ऐसी पार्टी है जो किसान मजदूर के हकों के लिए लड़ सकती है और आज तक लड़ती आई है ऐसे में कांग्रेस पार्टी को मजबूती देकर चुनावों में जीता कर भेजने से ही आमजन के हित सुरक्षित किए जा सकते हैं।उन्होंने कहा कि हमारे नेता आदरनीय राहुल गांधी जी ने घोषणा की है कि कांग्रेस की सरकार बनने पर इन काले कानूनों को रद्द किया जायेगा ऐसे में हम सबका फर्ज बनता है कि हम कांग्रेस पार्टी को मजबूत करें और सत्ता परिर्वतन कर कांग्रेस का राज लाएं ताकि हर वर्ग खुशहाल हो। सिहाग ने कहा कि मौजूदा सरकार एवम् मोदी जी को केवल एक ही चीज से डर लगता है और वो है चुनावी हार। जिसका प्रत्यक्ष उदाहरण है कि किसानों की आवाज सुनने की बजाय, करोना की परवाह किए बगैर वो आजकल पश्चिमी बंगाल में जीतने के लिए लगातार घूमते हुए देखे जा सकते हैं और किसी भी कीमत पर वो चुनाव जीतना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि जब वो चुनाव जीत जाते हैं उसके बाद वो हर मनमर्जी का फ़ैसला जनता पर थोपने का काम करते हैं और जनता का मत खुद के साथ होने का हवाला देकर मनमानी से अपने फैसले जनता पर थोपते हैं। विधायक ने कहा कि ऐसे में जनता को इनके खिलाफ मतदान कर इनको आइना दिखाना चाहिए ताकि ये किसान कमेरे वर्ग की सुध लेने की सोचें। अमित सिहाग ने कहा कि कांग्रेस पार्टी विधानसभा में अविश्वास प्रसताव सत्ता परिर्वतन के लिए नहीं बल्कि हृदय परिर्वतन के लिए लाई थी। उन्होंने कहा कि पार्टी की सोच थी कि शायद सत्ता पक्ष में बैठे विधायकों के हृदय में किसानों के प्रति संवेदनाएं होंगी और वो अविश्वास प्रस्ताव के माध्यम से उजागर कर देंगे लेकिन इसके विपरित सत्ता में बैठे जनता के नुमाइंदे अपने किसान मजदूर विरोधी स्टैंड पर अड़े रहे और उनका किसान विरोधी चेहरा बेनकाब हुआ। विधायक ने कहा कि सरकार कहती है कि ये किसान आंदोलन किसानों का नहीं बल्कि विपक्षी दलों का प्रायोजित आंदोलन है और इसमें किसान नहीं बल्कि राजनीतिक दलों के लोग भाग ले रहे है, ऐसे में अब आमजन और किसान मजदूर सभी का फर्ज बनता है कि इस सरकार के खिलाफ हर जगह होने वाले चुनावों में इनके खिलाफ मतदान कर इनको हराया जाए ताकि इनको पता चल जाए कि जो आंदोलन कर रहे हैं और अपने हकों की लड़ाई लड़ रहे हैं वे किसी राजनीतिक दलों के सदस्य नही बल्कि किसान मजदूर हैं। ऐसा होने पर सरकार को किसानों की ताकत का अंदाजा होगा और सरकार को अपने किसान विरोधी किए गए फैसलों पर पुनः विचार करने को विवश होना होगा।
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