बाजार बंद, तफरीबाजी जारी ! कोरोना को लेकर लापरवाही बरत रहे लोग
Dabwalinews.com
शासन-प्रशासन के स्तर पर कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे का प्रयास किया जा रहा है। बढ़ते मामलों पर रोकथाम लगाने के लिए ही नाईट कफ्र्यू लगाया गया है। इसके साथ ही दुकानों को बंद करने का समय भी सायं 6 बजे निर्धारित किया गया है। सरकार व प्रशासन की हरसंभव कोशिश है कि लॉकडाऊन की स्थिति पैदा न हों। लोगों की जीवनचर्या प्रभावित न हों। मगर, जिस प्रकार की लोगों द्वारा लापरवाही बरती जा रही है, उसकी वजह से कड़े फैसले लेने की स्थिति पैदा हो सकती है।शुक्रवार को सायं 6 बजे दुकानें अवश्य बंद हो गई, लेकिन लोगों की तफरीबाजी में कोई फर्क नहीं आया। शहर के बसस्टैंड ,के पास थाना के बिलकुल 6 बजे के बाद मेले-जैसा माहौल बना हुआ था। कहीं ऐसा लगता ही नहीं था कि डबवाली में कोरोना का संक्रमण लगातार बढ़ रहा है और लोग चिंतित है। लोगों की दिनचर्या में कोई बदलाव दिखाई नहीं दिया। वे खरीददारी के लिए सड़कों पर घूमते हुए दिखाई दिए। पार्क भी पूरी तरह से गुलजार नजर आया। किसी को भी परवाह नहीं।प्रशासन द्वारा सायं 6 बजे दुकानें बंद करने का फैसला इसलिए लिया गया है कि लोग अपने घरों को लौट सकें। केवल जरूरतमंद लोग ही जरूरी वस्तुओं की खरीद के लिए घर से बाहर निकलें। मगर, लोगों को जरा गंभीरता दिखाई नहीं दी।
मंडी में रेहडिय़ां रहीं गुलजार
अनाज/सब्ज़ी मंडी व रेलवे ओवर ब्रिज के पास तो कोरोना का कोई डर दिखाई ही नहीं देता। मंडी एरिया में न तो मजदूरों को इसकी परवाह दिखाई देती है और न ही रेहड़ी वालों को। प्रशासन की ओर से सायं 6 बजे दुकान बंद करवा दी गई लेकिन रेहडिय़ों पर देर रात तक भीड़ बनी रहीं।
बंद शटर से बिकती रही शराब
प्रशासन के आदेश के बावजूद शहर में अनेक जगहों पर दुकानें खुली रहीं। कई जगहों पर तो पुलिस ने दुकानें बंद करवाई। प्रशासन के आदेशों की पालना करने में लोगों ने ढिलाई बरतीं। वहीं, शराब ठेकों पर देर तक शराब बेचे जाने का सिलसिला बना रहा। कई ठेकों पर तो शटर नीचे करने के बावजूद शराब बेची गई। शटर में बनाए गए छेद से सप्लाई जारी थी।
'होम आइसोलेट की निगरानी करनी होगी
कोरोना के अधिकांश मामलों में मरीजों को होम आइसोलेट किया जाता है। यानि उनका उपचार घर पर ही किया जाता है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा ऐसे मरीजों और उनके परिवार से घर से बाहर न निकलने का आग्रह किया जाता है। कोविड-19 के नियमों की पालना करने के निर्देश दिए जाते है। पूर्व में जहां मरीज के पॉजिटिव आने पर पूरी गली कंटनेमेंट जोन बना दी जाती थी। वहीं अब पॉजिटिव मरीजों का पड़ौसी को भी पता नहीं चल पाता। जिनकी रिपोर्ट पॉजिटिव है, ऐसे लोग भी खुले घूमते है। ऐसे में वे कोरोना वारिर्यर बन सकते है। इसलिए ऐसे लोगों की निगरानी रखने की आवश्यकता है ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जा सकें।
खास ने झोंकी ताकत, 'आम भी करें सहयोग
कोरोना के खिलाफ जंग में हर आम व खास को सहयोग करना होगा। सभी के संयुक्त प्रयासों से ही इस महामारी से बचाव संभव है। इस जंग में प्रशासनिक अमला युद्ध स्तर पर जुटा हुआ है। मगर आमजन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा। इसलिए इस बीमारी से बचाव के लिए आमजन को भी अपना सहयोग करना होगा। उसे सरकार की हिदायतों का पालन करना चाहिए। मुंह पर मास्क लगाना, दो गज की दूरी बनाना तथा बेवजह घर से बाहर न निकलकर लोग इसमें सहयोग कर सकते है।
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