सरकार के चहेते गेहूं उठान के ठेकेदार आढ़तियों से पैसे खाने के चक्कर में जल्दी से गेहूं का उठान नहीं कर रहे है - बजरंग गर्ग
Dabwalinews.com
हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रांतीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय व्यापार मंडल के मुख्य महासचिव बजरंग गर्ग ने किसान व आढ़तियों से बातचीत करने के उपरांत कहा कि सरकार द्वारा समय पर गेहूं खरीद व गेहूं का उठान ना करने से थोड़ी सी बारिश आने से किसान की गेहूं खराब हो रही है।सरकारी आंकड़े के अनुसार मंडियों में 64 लाख 77 हजार टन गेहूं आ चुकी है। जिसमें 55 लाख 62 हजार टन खरीद हुई है और 25 लाख टन गेहूं का उठान हुआ है। सरकारी आंकड़े के हिसाब से भी लगभग 40 लाख टन गेहूं मंडियों में खुले आसमान में पड़ी है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि मंडियों के अलावा भी लाखों टन गेहूं किसान के खेतों में पड़ी है। मुख्यमंत्री का समय पर गेहूं खरीद करने व गेहूं उठान के सभी दावे फेल सिद्ध हुए हैं। सरकारी आंकड़ों के हिसाब से 3 दिन गेहूं की खरीद बंद करने के बावजूद भी अनाज मंडियों में 40 लाख टन गेहूं अभी भी बाकी पड़ी रहना सरकार का निकम्मा पन का जीता जागता सबूत है। सरकार ने अपने चहेतों को गेहूं उठान के ठेके देकर आढ़तियों को पैसे ऐठने का लाइसेंस दे दिया है। सरकार ने कहा था कि 48 घंटे के अंदर अंदर जो ठेकेदार गेहूं का उठान नहीं करेगा, उसके खिलाफ जुर्माना व सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। जबकि 240 घंटे से ज्यादा की गेहूं खरीद की हुई मंडियों में पड़ी है। सरकार के चहेते गेहूं उठान के ठेकेदार आढ़ती से पैसे खाने के चक्कर में जल्दी से गेहूं का उठान नहीं कर रहे हैं। सरकार को गेहूं उठान के ठेकेदारों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। सरकार को गेहूं खरीद एजेंसियों को तुरंत गेहूं की खरीद, गेहूं का उठान व गेहूं खरीद के भुगतान का आदेश करना चाहिए। जो भी सरकारी अधिकारी गेहूं खरीद व गेहूं उठान में देरी करें उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई सरकार को करनी चाहिए। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को बार-बार चेताने के बावजूद भी समय पर गेहूं की खरीद व उठान ना होने से प्रदेश के किसान व आढ़ती में बड़ी भारी नाराजगी है, जबकि प्रदेश की मंडियां गेहूं से भरी हुई है। प्रांतीय अध्यक्ष बजरंग गर्ग ने कहा कि सरकार को अपने वायदे के अनुसार गेहूं की खरीद व गेहूं का उठान 48 घंटे के साथ-साथ 72 घंटे में गेहूं खरीद का भुगतान करना चाहिए और मंडियों में गेहूं खरीद के लिए जो मूलभूत सुविधा नहीं है। सरकार को गेहूं खरीद के लिए मंडियों में पुक्ता से पुक्ता प्रबंध करने चाहिए ताकि भविष्य में किसान, आढ़ती व मजदूर को कोई दिक्कत ना आए।
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