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ताक पर सुरक्षा प्रबंध : बगैर एनओसी खुल रहे कोविड अस्पताल
नियमानुसार अग्रिशमन विभाग से लेनी होती है एनओसी, स्थापित करने होते है सुरक्षा उपकरण
Dabwalinews.com
कोरोना के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत सिरसा धड़ाधड़ कोविड अस्पताल खुलने लगे है।कई अस्पताल संचालकों ने हालात के दृष्टिगत शहर में दूसरी बिल्डिंग किराए पर लेकर उन्हें कोविड अस्पताल का नाम देना शुरू कर दिया है। जिन बिल्डिंग को कोविड अस्पताल के लिए हायर किया गया है, उनके लिए अग्रिशमन विभाग से नियमानुसार एनओसी हासिल नहीं की गई है। अग्रिशमन विभाग द्वारा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त होने पर ही एनओसी जारी की जाती है। विभाग द्वारा इसके लिए पहले सुरक्षा इंतजामात और उपकरणों की पड़ताल भी की जाती है। सूत्र बताते है कि कोरोना के बढ़ते मामलों और मरीजों को बैड उपलब्ध न होने के चलते अनेक द्वारा अलग से कोविड अस्पताल शुरू किए गए है। ऐसे लोगों द्वारा साधारण बिल्डिंग को किराए पर लिया गया है और उन्हें कोविड अस्पताल का रूप दिया जा रहा है। अस्पताल के संचालन से पहले वहां पर सुरक्षा उपकरणों को न तो स्थापित किया गया है और न ही अग्रिशमन विभाग से इसकी अनुमति ही ली गई है। बताया जाता है कि अग्रिशमन विभाग द्वारा कई पहलूओं और बिंदुओं की गहराई से जांच की जाती है। सुरक्षा बंदोबस्त के पुख्ता होने पर ही एनओसी जारी की जाती है। विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपात्त स्थिति में बचाव का क्या उपाय है? आगजनी की स्थिति में बचाव कैसे होगा? बिल्डिंग में लिफ्ट के खराब होने की स्थिति में आने-जाने के लिए अलग-अलग सीढिय़ां है भी या नहीं? अस्पताल की ऊपर मंजिल पर आने-जाने के लिए रेंप की सुविधा है या नहीं? अस्पताल में फायर हाईड्रेंट सिस्टम स्थापित भी है या नहीं और वर्किंग में है या नहीं? इसी प्रकार अग्मिशमन विभाग द्वारा लिफ्ट के मामले में यह भी जांचा जाता है कि उसकी सर्विस कब हुई? किस अधिकृत एजेंसी से लिफ्ट लगवाई गई? यानि अग्रिशमन विभाग द्वारा एनओसी देने से पहले सुरक्षा बंदोबस्त को परखा और सुनिश्चित किया जाता है। हकीकत यह है कि इन शर्तों की पालना कर पाना नामुमकिन नहीं हो बेहद मुश्किल अवश्य होता है। यही वजह है कि बगैर एनओसी के ही लोगों की जान जोखिम में डालने का काम किया जाता है। अग्रिशमन विभाग भी मामले में आंख मूंद लेता है। किराए के भवनों में बनाए जा रहे कोविड अस्पतालों में भी यह खेल जमकर खेला जा रहा है?
नागरिक अस्पताल के पास नहीं सर्टिफिकेट
प्राइवेट अस्पताल तो क्या सिरसा के नागरिक अस्पताल के पास भी पिछले 10 वर्षों से अग्रिशमन विभाग से सॢटफिकेट प्राप्त नहीं है। आरटीआई में अस्पताल प्रबंधन ने यह बताया है कि नागरिक अस्पताल में अग्रिशमन उपकरण स्थापित अवश्य है लेकिन अग्रिशमन विभाग से 10 वर्षों के दौरान कोई सर्टिफिकेट हासिल नहीं किया गया है। यानि जिला के 100 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में ही अग्रिशमन विभाग से एनओसी लेने की अनिवार्यता पर गंभीर प्रयास नहीं किए गए। साथ ही अग्रिशमन विभाग की कार्यशैली भी उजागर हुई है कि किस प्रकार विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे हुए है।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
अग्रसेन कालोनी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट प्रो. करतार सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जन सुरक्षा को दांव पर लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा अग्रिशमन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के अनेक अस्पतालों में आगजनी की वारदातें घटित हो चुकी है। ऐसी घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है और जहां भी खामी है, उन्हें दूर करने की जरूरत है। लेकिन नागरिक अस्पताल में पिछले 10 वर्षों से अग्रिशमन विभाग से एनओसी नहीं ली गई और लोगों के जानमाल को दांव पर लगाया गया है। अग्रिशमन विभाग द्वारा भी अनेक नुक्ताचीनी की जाती है, लेकिन इस मामले में विभागीय अधिकारी आखिर किसका इंतजार कर रहे है। आखिर आग लगने पर ही क्यूं कुंआ खोदा जाता है?
रिहायशी कालोनी के लोग आशंकित
डबवाली रोड पर खोले जा रहे कोविड अस्पताल को लेकर एमईएस कालोनी के लोग आशंकित है। यहां पर पीरमंदिर के निकट बिल्डिंग में कोविड अस्पताल खोले जाने की तैयारी की जा रही है। स्थानीय निवासियों के अनुसार अस्पताल में चूंकि कोविड मरीजों का उपचार होगा। जबकि इस बिल्डिंग में वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही सुरक्षा बंदोबस्त ही किए गए है। अग्निशमन विभाग से भी एनओसी नहीं ली गई है। कालोनी के लोग आशंकित है कि इस अस्पताल की वजह से कहीं संक्रमण न फैल जाए।
कोई आवेदन नहीं आया : फायर आफिसर
अग्रिशमन विभाग के अधिकारी ताराचंद सैनी ने बताया कि नए बनाए जा रहे कोविड अस्पतालों के संचालन बारे विभाग के पास कोई आवेदन नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जिनके आवेदन आएंगें और कागजात पूरे होंगे, तभी एनओसी दी जाएगी।
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कोरोना के बढ़ते मामलों के दृष्टिगत सिरसा धड़ाधड़ कोविड अस्पताल खुलने लगे है।कई अस्पताल संचालकों ने हालात के दृष्टिगत शहर में दूसरी बिल्डिंग किराए पर लेकर उन्हें कोविड अस्पताल का नाम देना शुरू कर दिया है। जिन बिल्डिंग को कोविड अस्पताल के लिए हायर किया गया है, उनके लिए अग्रिशमन विभाग से नियमानुसार एनओसी हासिल नहीं की गई है। अग्रिशमन विभाग द्वारा सुरक्षा के पुख्ता बंदोबस्त होने पर ही एनओसी जारी की जाती है। विभाग द्वारा इसके लिए पहले सुरक्षा इंतजामात और उपकरणों की पड़ताल भी की जाती है। सूत्र बताते है कि कोरोना के बढ़ते मामलों और मरीजों को बैड उपलब्ध न होने के चलते अनेक द्वारा अलग से कोविड अस्पताल शुरू किए गए है। ऐसे लोगों द्वारा साधारण बिल्डिंग को किराए पर लिया गया है और उन्हें कोविड अस्पताल का रूप दिया जा रहा है। अस्पताल के संचालन से पहले वहां पर सुरक्षा उपकरणों को न तो स्थापित किया गया है और न ही अग्रिशमन विभाग से इसकी अनुमति ही ली गई है। बताया जाता है कि अग्रिशमन विभाग द्वारा कई पहलूओं और बिंदुओं की गहराई से जांच की जाती है। सुरक्षा बंदोबस्त के पुख्ता होने पर ही एनओसी जारी की जाती है। विभाग द्वारा यह सुनिश्चित किया जाता है कि आपात्त स्थिति में बचाव का क्या उपाय है? आगजनी की स्थिति में बचाव कैसे होगा? बिल्डिंग में लिफ्ट के खराब होने की स्थिति में आने-जाने के लिए अलग-अलग सीढिय़ां है भी या नहीं? अस्पताल की ऊपर मंजिल पर आने-जाने के लिए रेंप की सुविधा है या नहीं? अस्पताल में फायर हाईड्रेंट सिस्टम स्थापित भी है या नहीं और वर्किंग में है या नहीं? इसी प्रकार अग्मिशमन विभाग द्वारा लिफ्ट के मामले में यह भी जांचा जाता है कि उसकी सर्विस कब हुई? किस अधिकृत एजेंसी से लिफ्ट लगवाई गई? यानि अग्रिशमन विभाग द्वारा एनओसी देने से पहले सुरक्षा बंदोबस्त को परखा और सुनिश्चित किया जाता है। हकीकत यह है कि इन शर्तों की पालना कर पाना नामुमकिन नहीं हो बेहद मुश्किल अवश्य होता है। यही वजह है कि बगैर एनओसी के ही लोगों की जान जोखिम में डालने का काम किया जाता है। अग्रिशमन विभाग भी मामले में आंख मूंद लेता है। किराए के भवनों में बनाए जा रहे कोविड अस्पतालों में भी यह खेल जमकर खेला जा रहा है?
नागरिक अस्पताल के पास नहीं सर्टिफिकेट
प्राइवेट अस्पताल तो क्या सिरसा के नागरिक अस्पताल के पास भी पिछले 10 वर्षों से अग्रिशमन विभाग से सॢटफिकेट प्राप्त नहीं है। आरटीआई में अस्पताल प्रबंधन ने यह बताया है कि नागरिक अस्पताल में अग्रिशमन उपकरण स्थापित अवश्य है लेकिन अग्रिशमन विभाग से 10 वर्षों के दौरान कोई सर्टिफिकेट हासिल नहीं किया गया है। यानि जिला के 100 बेड की क्षमता वाले इस अस्पताल में ही अग्रिशमन विभाग से एनओसी लेने की अनिवार्यता पर गंभीर प्रयास नहीं किए गए। साथ ही अग्रिशमन विभाग की कार्यशैली भी उजागर हुई है कि किस प्रकार विभागीय अधिकारी आंखें मूंदे हुए है।
आरटीआई एक्टिविस्ट ने मुख्य सचिव को लिखा पत्र
अग्रसेन कालोनी निवासी आरटीआई एक्टिविस्ट प्रो. करतार सिंह ने मुख्य सचिव को पत्र लिखकर जन सुरक्षा को दांव पर लगाने वाले स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों तथा अग्रिशमन विभाग के अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि देश के अनेक अस्पतालों में आगजनी की वारदातें घटित हो चुकी है। ऐसी घटनाओं से सबक लेने की जरूरत है और जहां भी खामी है, उन्हें दूर करने की जरूरत है। लेकिन नागरिक अस्पताल में पिछले 10 वर्षों से अग्रिशमन विभाग से एनओसी नहीं ली गई और लोगों के जानमाल को दांव पर लगाया गया है। अग्रिशमन विभाग द्वारा भी अनेक नुक्ताचीनी की जाती है, लेकिन इस मामले में विभागीय अधिकारी आखिर किसका इंतजार कर रहे है। आखिर आग लगने पर ही क्यूं कुंआ खोदा जाता है?
रिहायशी कालोनी के लोग आशंकित
डबवाली रोड पर खोले जा रहे कोविड अस्पताल को लेकर एमईएस कालोनी के लोग आशंकित है। यहां पर पीरमंदिर के निकट बिल्डिंग में कोविड अस्पताल खोले जाने की तैयारी की जा रही है। स्थानीय निवासियों के अनुसार अस्पताल में चूंकि कोविड मरीजों का उपचार होगा। जबकि इस बिल्डिंग में वेंटिलेशन की कोई व्यवस्था नहीं है और न ही सुरक्षा बंदोबस्त ही किए गए है। अग्निशमन विभाग से भी एनओसी नहीं ली गई है। कालोनी के लोग आशंकित है कि इस अस्पताल की वजह से कहीं संक्रमण न फैल जाए।
कोई आवेदन नहीं आया : फायर आफिसर
अग्रिशमन विभाग के अधिकारी ताराचंद सैनी ने बताया कि नए बनाए जा रहे कोविड अस्पतालों के संचालन बारे विभाग के पास कोई आवेदन नहीं आया है। उन्होंने कहा कि जिनके आवेदन आएंगें और कागजात पूरे होंगे, तभी एनओसी दी जाएगी।
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4:21:00 AM
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क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
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