कोविड-19 नियमों को लेकर सामने आया प्रशासन का दोहरा चेहरा! वैवाहिक कार्यक्रम का आयोजन गलत, पुरस्कार वितरण समारोह जायज?
Dabwalinews.com
कोरोना महामारी ने देश-दुनियां को त्रस्त कर रखा है। कोरोना की मार से कोई बच नहीं पाया है। लाखों लोग अकाल मृत्यु का ग्रास बन चुके है। कोरोना संक्रमण की चेन को तोडऩे के लिए देशभर में लॉकडाऊन चल रहा है। कोरोना का फैलाव न हो, इसके लिए सरकार की ओर से गाइडलाइन जारी की गई है। जिसके तहत मैरिज पैलेस, बैंक्वट हाल, होटल इत्यादि में विवाह कार्यक्रम का आयोजन नहीं किया जा सकता। शादी के लिए 11 लोगों की सीमा निर्धारित की गई है। इसी प्रकार अंतिम संस्कार पर भी शामिल होने की सीमा निर्धारित की गई है। कोरोना संक्रमण की वजह से लोगों की जीवनचर्या ही बदल गई है। लगभग तीन सप्ताह तक लोगों की दुकानदारी व कारोबार ठप रहा। विवाह व अन्य कार्यक्रमों को स्थगित करना पड़ा अथवा सादगी से घर पर ही आयोजन करने के लिए विवश होना पड़ा। जागरूक लोगों ने सगे-संबंधियों की मृत्यु की स्थिति में सोशल मीडिया के माध्यम से अथवा फोन के माध्यम से ही शोक संदेश देने का आग्रह किया। कोशिश की गई कि भीड़ न जुटें। संभवत: ऐसे ही लोगों के प्रयासों का परिणाम रहा कि संक्रमण की चेन को कुछ हद तक तोडऩे में सफलता हासिल की जा सकी है। लेकिन समाज में अनेक लोग कोविड-19 के नियमों की पालना नहीं कर रहें। जिन लोगों से समाज को जागरूक करने की उपेक्षा की जाती है, वे ही लोग लापरवाही बरत रहे है। अचरज की बात यह है कि बात-बात पर डंडा घूमाने वाले, चालान काटने वाले पुलिस व प्रशासन द्वारा तथाकथित समाजसेवियों द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम पर चुप्पी साध ली जाती है। प्रशासन का दोहरा रवैया आमजन को अखरता है।
लायंस क्लब सिरसा अमर ने आयोजित किया कार्यक्रम
समाजसेवा के कार्यों में अग्रणी रहने वाले लायंस क्लब सिरसा अमर की ओर से रविवार को रिद्धि सिद्धी रिजोर्ट में पुरस्कार वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। क्लब की ओर से आयोजित की गई ऑनलाइन डांस प्रतियोगिता के विजेताओं को पुरस्कृत किया गया। इस क्लब से शहर के अनेक समाजसेवी और प्रभावशाली लोग जुड़े हुए है। क्लब की ओर से ऑनलाइन डांस प्रतियोगिता का आयोजन कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए किया गया। लेकिन पुरस्कार वितरण समारोह ने बचाव के तमाम उपायों की धज्जियां उड़ा दी। तथाकथित वीआईपीज की मौजूदगी में बड़ी संख्या में लोगों ने इसमें हिस्सा लिया। विवाह-शादी के लिए मैरिज पैलेस और रिजोर्ट की बुकिंग नहीं की जा सकती। केवल 11 लोग ही घर पर शादी में शुमार हो सकते है। लेकिन लायंय क्लब द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में काफी लोगों की उपस्थिति रहीं। कार्यक्रम के दौरान न सोशल डिस्टेंसिंग की पालना की गई और न ही मास्क पहनने की जरूरत समझी गई। जिन समाजसेवकों से कोविड-19 के नियमों की पालना की उम्मीद की जाती थी, उनकी उपस्थिति में ही नियम टूटें। प्रतियोगिता के विजेता और अतिथि बिना मास्क पहने ही दिखाई दिए। बड़ा सवाल यह है कि आखिर इस लापरवाही के लिए जिम्मेवार कौन है?
मंडरा रहा तीसरी लहर का खतरा
देश-दुनिया कोरोना की तीसरी लहर की आशंका से ही भयभीत है। जिसमें कोरोना का हमला बच्चों पर बताया जा रहा है। लायंस क्लब सिरसा अमर द्वारा आयोजित किए कार्यक्रम में बच्चों की ही उपस्थिति थी। पुरस्कार के विजेता बच्चों द्वारा मुंह पर मास्क तक नहीं पहना गया था और न ही सोशल डिस्टेंस के नियम की पालना की गई थी। सवाल यह है कि किसने बच्चों को मोहरा बनाकर वाहवाही लूटने की कोशिश की?
किधर गया मास्क न पहनने का जुर्माना?
मास्क न पहनने पर पुलिस की ओर से 500 रुपये का जुर्माना ठोंका जाता है। पुलिस प्रशासन की ओर से इस आशय की स्वयं जानकारी दी गई है कि कोरोनाकाल में पुलिस विभाग की ओर से लगभग डेढ़ करोड़ रुपये का जुर्माना वसूला गया है। सवाल यह है कि रिद्धि सिद्धी रिजोर्ट में आयोजित इस कार्यक्रम में मुंह पर मास्क न पहनने वालों पर कौन जुर्माना लगाएगा?
रिजोर्ट पर कब होगी कार्रवाई?
शादियों के सीजन में मैरिज पैलेस संचालकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा। सरकार के आदेश की वजह से मैरिज पैलेसों में शादी कार्यक्रम मना कर दिए गए। लाखों रुपये महीने का खर्च वहन करने वाले मैरिज पैलेस संचालकों ने शासन-प्रशासन के आदेशों की पालना की। लेकिन रिद्धि सिद्धी रिजोर्ट ने कैसे कार्यक्रम के आयोजन की बुकिंग की? जब शादी में 11 लोगों की सीमा निर्धारित है और कार्यक्रम भी घर पर होने की शर्त लगाई हुई है, तब रिद्धि सिद्धि रिजोर्ट मेंक कार्यक्रम की अनुमति किसने दी? रिजोर्ट पर कार्यवाही कब होगी?
सोशल मीडिया पर भी किया गया प्रचार
लायंस क्लब सिरसा अमर द्वारा कार्यक्रम के आयोजन बारे सोशल मीडिया पर इसकी जानकारी सांझा की गई। कोई गुपचुप कार्यक्रम नहीं हुआ। इसके बावजूद पुलिस व प्रशासन को इसकी खबर नहीं लगी। अचरज की बात तो यह है कि सोशल मीडिया पर अनेक लोगों ने कार्यक्रम के आयोजकों से सवाल भी किए और कोरोना का हवाला भी दिया। लेकिन क्लब से जुड़े लोगों को शासद शासन-प्रशासन की नजदीकियां की वजह से किसी का डर नहीं था और उन्होंने बगैर मास्क और बगैर सोशल डिस्टेंसिंग के कार्यक्रम का आयोजन किया।
गलती किसी की, खामियाजा भरे कोई?
कोरोना ऐसी बीमारी है जिसने देश-दुनियां की सीमाओं की भी परवाह नहीं की। किसी एक की गलती का खामियाजा पूरे समाज को उठाना पड़ सकता है। इसी वजह से कोविड नियमों की पालना की अपील की जाती रही है। प्रशासन की ओर से भी इसकी पालना के लिए सख्ती की गई। कोरोना संक्रमण की रोकथाम के लिए ही प्रदेशवासियों को लॉकडाऊन की स्थिति से जूझना पड़ा। ऐसे में कोरोना को हल्के में भले ही कोई लें, लापरवाही कोई भी बरतें। संक्रमण बढ़ेगा तो इसका खामियाजा पूरे समाज को भुगतना पड़ सकता है। ऐसे में यह आवश्यक है कि ऐसे तत्वों से सख्त से निपटा जाए।
कहीं चंदे के एहसान तो नहीं?
रिद्धि सिद्धी रिजोर्ट में लायंस क्लब सिरसा अमर द्वारा आयोजित कार्यक्रम को लेकर प्रशासन की चुप्पी की वजह कहीं चंदा तो नहीं है? चूंकि कोरोना संक्रमितों को मेडिकल किट वितरण के लिए विभिन्न समाजसेवियों से चंदा एकत्रित किया गया था। कार्यक्रम में शरीक कई लोगों ने भी प्रशासन से चंदे की रसीद कटवाई थी। ऐसे कयास लगाए जा रहे है कि चंदे के कारण ही प्रशासन एहसान तले दबा हुआ है और कोविड-19 नियमों की उल्लंघना पर भी आंखें मूंदे हुए है?
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