सरकार गेहूं की खरीद कम व किसान, आढ़तीयों को परेशानी ज्यादा देने का कर रही काम : अमित सिहाग
Dabwalinews.com
हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने सरकार द्वारा एक दिन के लिए की गई गेहूं की खरीद पर सरकार को घेरते हुए इसे पूरी तरह से किसान, आढ़ती को परेशान करने वाला करार दिया।विधायक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा एक दिन के लिए की गई गेहूं की खरीद की प्रक्रिया पूरी तरह से अव्यस्था से भरी हुई थी जिसके चलते खरीद कम और किसान, आढ़ती ज्यादा परेशान हुए। उन्होंने कहा कि फसल की खरीद को लेकर सरकार की कोइ नियत या नीति नहीं है और खरीद के लिए जरूरी तालमेल का भी अभाव है जिसका खामियाजा किसान भुक्त रहे हैं।
सिहाग ने कहा कि उपमुख्यमंत्री खरीद के लिए 12 और 13 तारीख की घोषणा करते हैं जिसके मध्यनजर अनेक किसान अपनी फसल मंडियों में लेकर आ गए मगर रातों रात सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए ये कह कर उनके टोकन काटने से इनकार कर दिया कि जो किसान मौक़े पर फसल लेकर आएगा केवल उसकी ही फसल की खरीद की जाएगी। ऐसा करके सरकार किसानों को परेशान ही नहीं बल्कि किसानों और आढ़तीयों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रही है तथा आढ़तीयों को चोर साबित करने पर तुली हुई है।
विधायक ने कहा कि सरकार के इस रवैया ने फिर से सिद्ध कर दिया है कि सरकार के लिए किसान,आढ़ती, मजदूर के हित सर्वोपरी नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार एक हफ्ते का समय देकर फिर से खरीद के दिन निर्धारित करे और जिन सीमांतर किसानों का पंजीकरण पहले हो चुका है उनकी फसल की भी खरीद करने का काम करे।
हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग ने सरकार द्वारा एक दिन के लिए की गई गेहूं की खरीद पर सरकार को घेरते हुए इसे पूरी तरह से किसान, आढ़ती को परेशान करने वाला करार दिया।विधायक ने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा एक दिन के लिए की गई गेहूं की खरीद की प्रक्रिया पूरी तरह से अव्यस्था से भरी हुई थी जिसके चलते खरीद कम और किसान, आढ़ती ज्यादा परेशान हुए। उन्होंने कहा कि फसल की खरीद को लेकर सरकार की कोइ नियत या नीति नहीं है और खरीद के लिए जरूरी तालमेल का भी अभाव है जिसका खामियाजा किसान भुक्त रहे हैं।
सिहाग ने कहा कि उपमुख्यमंत्री खरीद के लिए 12 और 13 तारीख की घोषणा करते हैं जिसके मध्यनजर अनेक किसान अपनी फसल मंडियों में लेकर आ गए मगर रातों रात सरकार ने अपना फैसला बदलते हुए ये कह कर उनके टोकन काटने से इनकार कर दिया कि जो किसान मौक़े पर फसल लेकर आएगा केवल उसकी ही फसल की खरीद की जाएगी। ऐसा करके सरकार किसानों को परेशान ही नहीं बल्कि किसानों और आढ़तीयों के बीच खाई पैदा करने का काम कर रही है तथा आढ़तीयों को चोर साबित करने पर तुली हुई है।
विधायक ने कहा कि सरकार के इस रवैया ने फिर से सिद्ध कर दिया है कि सरकार के लिए किसान,आढ़ती, मजदूर के हित सर्वोपरी नहीं है। उन्होंने सरकार से मांग की है कि सरकार एक हफ्ते का समय देकर फिर से खरीद के दिन निर्धारित करे और जिन सीमांतर किसानों का पंजीकरण पहले हो चुका है उनकी फसल की भी खरीद करने का काम करे।
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