सरकारी पॉलिसी में बना टकराव! शराब ठेकों को नियमित रूप से खोलने की सिफारिश

Dabwalinews.com

 प्रदेश सरकार की आबकारी नीति और कोरोना की वजह से जिला प्रशासन के आदेशों की वजह से टकराव की स्थिति बन गई है।

शराब ठेकेदारों को लॉकडाऊन की वजह से 19 दिनों का नुकसान हुआ था। जिसकी भरपाई के लिए प्रदेश सरकार की ओर से 24 जून को 19 दिन के लिए अतिरिक्त समय अलॉट कर दिया। यह अवधि 11 जून तक रहेगी। सरकार के आदेश के तहत शराब कारोबारियों को हुए नुकसान की भरपाई का मौका दिया गया। लेकिन कोरोना संक्रमण पर अंकुश लगाने के लिए जिला प्रशासन की ओर से ऑड-इवन का फार्मूला लागू कर दिया। इस फार्मूले के कारण शराब ठेकेदारों को सप्ताह में तीन दिन ही काम की छूट मिली। इसके साथ ही समय भी केवल 5 घंटे का ही मिला। सरकार ने नई पॉलिसी को लागू करने से पहले शराब कारोबारियों को 19 दिन का समय दिया। लेकिन अॅाड-इवन फार्मूले से उन्हें बमुश्किल 11 दिन ही काम करने का मौका मिल पाएगा। इसके साथ ही उनके काम के घंटे भी घट गए। जिसके कारण उनके नुकसान की भरपाई नहीं हो पाएगी। मामला फिर उलझ जाएगा। इसी वजह से विभिन्न जिला के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्तों (आबकारी) की ओर से जिला उपायुक्तों से शराब ठेकों पर ऑड-इवन का फार्मूला फ्रेम न करने और उनके काम के घंटों को कम न करने की गुजारिश की गई है। अचरज की बात यह है कि प्रदेश के आधा दर्जन जिलों में शराब ठेकों से बंदिशें हटाई भी जा चुकी है।

 डीईटीसी ने लिखा डीसी को पत्र

 उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त (आबकारी) सिरसा की ओर से जिला उपायुक्त को पत्र लिखकर शराब ठेकों को ऑड-इवन फार्मूले से बाहर करने की गुजारिश की है। पत्र में कहा गया है कि सरकार की हिदायत अनुसार शराब ठेकेदारों को 19 दिन का अतिरिक्त समय प्रदान किया गया है। चूंकि बाजारों में ऑड-इवन फार्मूला लागू किया गया है, जिससे शराब कारोबार प्रभावित हो रहा है। सरकार को राजस्व का नुकसान हो रहा है, वहीं कानूनी पेचदगियों के बढऩे की भी आशंका बन गई है। डीईटीसी की ओर से उपायुक्त को लिखे गए पत्र में ऑड-इवन फार्मूले से शराब ठेकों को मुक्त करने का आग्रह किया गया है।

8 जिलों में मुक्त है शराब ठेके

 प्रदेश के आठ जिलों गुडगांव, फरीदाबाद, करनाल, यमुनानगर, झज्जर, मेवात, जींद व सोनीपत जिलों को ऑड-इवन फार्मूले से मुक्त किया जा चुका है। जबकि अन्य जिलों में भी डीईटीसी की ओर से पत्र लिखकर शराब ठेकों को खुलवाने का आग्रह किया गया है। कानूनी पेचदगी से बचने के लिए जिला उपायुक्तों को पत्र लिखा गया है। दलील दी गई है कि प्रदेश के जो जिले कोरोना के हॉटस्पॉट रहें, वहां पर शराब ठेकों पर ऑड-इवन फार्मूला हटा लिया गया है, तब अन्य जिलों पर यह आदेश क्यों लागू किए जा रहे है।

जींद में डीईटीसी ने दिए आदेश

 जिला जींद के उप आबकारी एवं कराधान आयुक्त की ओर से तो जिला में शराब ठेकों को हरियाणा आबकारी नीति के हिसाब से कारोबार करने की अनुमति प्रदान कर दी गई है। डीईटीसी जींद ने अपने फैसले से जींद के उपायुक्त को भी अवगत करवा दिया है। उनकी ओर से कहा गया है कि कानूनी पेचदगियों से बचने के लिए शराब ठेकों को ऑड-इवन फार्मूले से हटकर कारोबार करने की छूट दी गई है।

उपायुक्त के हाथों में है आपदा प्रबंधन की जिम्मेवारी

दरअसल, सरकार की ओर से कोरोना मामले में तमाम जिलों के उपायुक्तों को आपदा प्रबंधन की जिम्मेवारी सौंपी गई है। जिला में उपायुक्त की ही जवाबदेही तय की गई है और उनके आदेशों की ही पालना अनिवार्य होगी। चूंकि मामला आबकारी नीति का है। उपायुक्त के आदेश अनुसार ऑड-इवन फार्मूला लागू होगा, जबकि शराब ठेकों को 11 जून तक खोलने की अनुमति सरकार की ओर से ही दी गई है, वो भी क्षतिपूर्ति के लिए। 


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