सिरसा में फर्जी फर्मों का कारोबार यथावत ,व्यवस्था बदली, नहीं बदले हालात
Dabwalinews.com
फर्जी फर्मों के माध्यम से सरकार को टैक्स की चपत लगाने का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। मार्केट में आज भी ऐसा गिरोह सक्रिय है जोकि फर्जी फर्मों के माध्यम से टैक्स की चोरी कर रहा है।फर्जी फर्मों के सैकड़ों मामले उजागर होने के बावजूद फर्जी फर्मों के सरगना आज भी खुले घूम रहे है। अचरज की बात तो यह है कि अब व्यवस्था में भी काफी बदलाव आ चुका है। इसके बावजूद कोई निर्णायक कार्रवाई होती दिखाई नहीं दे रहीं।दरअसल, फर्जी फर्मों के मामलों को लेकर हिसार के आईजी द्वारा एसआईटी का गठन किया गया था। बताया जाता है कि एसआईटी को सिरसा, फतेहाबाद व हिसार के फर्जी फर्मों के मामले सौंपे गए थे। जिन मामलों में सिरसा पुलिस द्वारा छानबीन भी शुरू कर दी गई थी, वे मामले भी एसआईटी को सौंपे गए। सोशल मीडिया में वायरल होने पर एसआईटी के जांच अधिकारी प्रह्लाद सिंह आरोपों के घेरे में आ गए थे, इसके साथ ही आईजी हिसार द्वारा गठित एसआईटी पर भी सवालिया निशान उठने लगे थे। चूंकि जांच अधिकारी प्रह्लाद सिंह को बदला जा चुका है। साथ ही आईजी हिसार का भी तबादला हो चुका है। ऐसा माना जा रहा है कि इस तबादले की वजह से पुरानी व्यवस्था बदल चुकी है। ऐसे में अब परिणाम सामने आने चाहिए थे। मगर, दर्जनों मामले दर्ज होने के बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई दिखाई नहीं पड़ रहीं। जांच वहीं की वहीं दिखाई पड़ रही है। फर्जी फर्मों का संचालन करके सरकार को करोड़ों रुपये की चपत लगाने वाले आज भी खुले घूम रहे है। सवाल यह है कि आखिर कब तक फर्जी फर्मों के सरगनाओं को छूट दी जाएगी?
विभागीय अधिकारियों पर भी नजर-ए-इनायत
फर्जी फर्मों की वजह से सरकार को हुए नुकसान के मामले में विभागीय अधिकारियों की कथित संलिप्तता भी पाई गई। कराधान आयुक्त हरियाणा की अनुशंसा पर आबकारी एवं कराधान विभाग सिरसा के आधा दर्जन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला भी दर्ज किया गया। लेकिन छह माह से अधिक का समय बीत जाने पर भी विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ कोई कार्रवाई अमल में नहीं लाई गई। जिसके कारण टैक्स चोरों के हौंसले बुलंद है।
सिरसा-हिसार में झूल रही जांच
फर्जी फर्मों के सिरसा से जुड़े मामलों को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। सिरसा पुलिस द्वारा मामले दर्ज करके कार्रवाई शुरू भी की गई। लेकिन परिणाम सामने नहीं आ पाया। पड़ताल करने पर बताया गया कि मामला आईजी हिसार ने अपने अधीन लिया हुआ है। सूत्र बताते है कि पूरे मामले को लटकाया गया है। यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि कौन सा मामला सिरसा पुलिस द्वारा और कौन से मामले की एसआईटी जांच कर रही है। ऐसे में जांच सिरसा व हिसार के बीच झूल रही है। संभवत: जिसका फायदा फर्जी फर्म संचालकों को मिल रहा है।
क्या होगा बिचौलियों का?
फर्जी फर्मों के कारोबारियों के लिए बिचौलिए का काम करने वालों का अब क्या होगा, यह सवाल उठने लगा है? सूत्रों की मानें तो पूर्व में बनी व्यवस्था में सिरसा के कुछ लोग बिचौलिए का काम करते थे। मामले के जांच कत्र्ताओं से उनके मुधर संबंध थे। ऐसे लोगों द्वारा आरोपियों को बचाने की एवज में पैसा वसूली करके आगे पहुंचाने की बात कथित तौर पर की जाती थी। चूंकि सरकार की ओर से काफी बदलाव कर दिए गए है, ऐसे में सवाल उठने लगा है कि स्वयं को बिचौलिया होने का दावा करने वालों का अब क्या होगा? क्या वे नई व्यवस्था में भी ऐसा कर पाएंगें? क्या वे फर्जी फर्मों के कारोबारियों को अब बचा पाएंगें? क्या नई व्यवस्था में ऐसे बिचौलियों को चिह्नित करके उन्हें भी सलाखों के पीछे भेजा जाएगा?
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