कोरोना काल में अनाश्रित हुए बच्चों की पहचान के लिए जिला में सर्वे जारी, अबतक 142 की हुई पहचान : उपायुक्त अनीश यादव
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उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि कोरोना महामारी में जो बच्चे अनाथ हो गए हैं या माता-पिता में किसी एक की मृत्यु हो गई है, ऐसे बच्चों की पहचान के लिए नगर पालिका / परिषद द्वारा शहरी क्षेत्रों व महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा ग्रामीण क्षेत्रों में सर्वे किया जा रहा है।उन्होंने बताया कि अबतक ऐसे 142 बच्चों की पहचान की गई है जिनमें से चार बच्चों के माता-पिता दोनों का देहांत हो गया गया है, तथा 138 बच्चों के माता या पिता में से किसी एक का देहांत हुआ है। उन्होंने बताया कि इन बच्चों को वर्चुवल माध्यम से चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के समक्ष प्रस्तुत किया गया है तथा इनका डाटा बाल स्वराज पोर्टल पर भी अपलोड किया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों का एक बार सर्वे का कार्य पूरा किया जा चुका है तथा सीआरआईडी (क्रीड) की सूची अनुसार पुन: वैरीफिकेशन की जा रही है।उन्होंने बताया कि अगर कोई व्यक्ति बच्चे के पालन पोषण में सक्षम नहीं है तो ऐसे बच्चों गोद प्रक्रिया में शामिल करने या बाल देखरेख गृह में रखने के लिए संपर्क कर सकते हैं। अगर कोई व्यक्ति गैर कानूनी तरीके से बच्चों को गोद लेता है तो उसके विरुद्ध ज्यूविनाइल जस्टिस एक्ट के तहत कानूनी कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। बच्चों को गोद लेने के लिए सीएआरएडॉटएनआईसीडॉटइन (cara.nic.in) पर आवेदन कर सकते हैं। इसके अलावा अधिक जानकारी के लिए जिला बाल संरक्षण अधिकारी कार्यालय में भी संपर्क कर सकते हैं।
- अनाश्रित हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू : उपायुक्त अनीश यादव
- अनाश्रित बच्चों को दाखिला की सुविधा के साथ-साथ फीस, वर्दी, पाठ्य पुस्तक व नोटबुक की भी होगी सुविधा
उपायुक्त अनीश यादव ने बताया कि प्रदेश सरकार ने कोरोना महामारी से अनाश्रित हुए बच्चों के लिए मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना शुरू की है। इस योजना के तहत विभिन्न आयु वर्ग के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा, उच्च शिक्षा के लिए सहायता, स्वास्थ्य बीमा, सावधि जमा (फिक्स डिपोजिट) आदि की सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने बताया कि योजना के तहत 10 वर्ष से कम आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के लिए नजदीकी केंद्रीय विद्यालय/निजी स्कूल डे स्कॉलर के रूप में दाखिला की सुविधा प्रदान की गई है। निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत फीस, वर्दी, पाठ्य पुस्तकों व नोटबुक की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। उन्होंने बताया कि 11 से 18 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए स्कूली शिक्षा के लिए किसी भी आवासीय विद्यालय जैसे सैनिक स्कूल, नवोदय विद्यालय इत्यादि में दाखिला की सुविधा दी गई है। निजी स्कूल में दाखिला के लिए पीएम केयर्स से आरटीई (शिक्षा का अधिकार) के तहत फीस, वर्दी, पाठ्य पुस्तकों व नोटबुक की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। दादा-दादी या विस्तारित परिवार की देखरेख में रहने वाले बच्चे को निकटतम केंद्रीय विद्यालय या निजी स्कूल में डे-स्कॉलर के रूप में दाखिला का प्रावधान किया गया है।
उपायुक्त ने बताया कि उच्च शिक्षा के लिए भी मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत सहायता प्रदान की जाती है। देश में व्यावसायिक पाठ्यक्रमों/उच्च शिक्षा के लिए शिक्षा ऋण दिलाने मेंं बच्चे की मदद के साथ-साथ ऋण के ब्याज का भुगतान का भी पीएम केयर्स द्वारा होगा। विभिन्न योजनाओं के तहत ऐसे बच्चों को स्नातक/व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के लिए शिक्षा शुल्क/पाठ्यक्रम शुल्क के बराबर छात्रवृति दी जाएगी, जो बच्चे मौजूदा छात्रवृति योजनाओं के तहत पात्र नहीं है तो उनके लिए पीएम केयर्स द्वारा समकक्ष छात्रवृति सुविधा दी जाएगी।
उन्होंने बताया कि स्वास्थ्य बीमा सुविधा के तहत ऐसे सभी बच्चों को आयुष्मान भारत योजना के अंतर्गत 5 लाख रुपये का स्वास्थ्य बीमा कवर दिया जाएगा तथा 18 वर्ष की आयु तक के इन बच्चों की प्रीमियम की राशि का भुगतान पीएम केयर्स द्वारा किया जाएगा। बच्चे के नाम पर सावधि जमा (फिक्स डिपॉजिट) के तहत 18 वर्ष की आयु पूरी करने पर पीएम केयर्स द्वारा 10 लाख रुपये का कोष बनाया जाएगा, 18 वर्ष की आयु से अगले 5 वर्षो तक उच्च शिक्षा की अवधि के दौरान मासिक वित्तीय सहायता /छात्रवृति प्रदान की जाएगी तथा 23 वर्ष की आयु पूरी करने पर बच्चे को व्यक्तिगत एवं व्यावसायिक उपयोग के लिए एकमुश्त राशि प्रदान की जाएगी।
इस दिशा मेंं हरियाणा सरकार की घोषणाएं :
हरियाणा सरकार द्वारा 18 वर्ष तक 2500 रुपये प्रति बच्चा प्रति मास की आर्थिक सहायता दी जाएगी। बिना परिवार के बच्चोंं की देखभाल करने वाले बाल देखभाल संस्थान को 1500 रुपये प्रति बच्चा प्रति महीना 18 वर्ष तक की आयु तक सहायता राशि प्रदान की जाएगी। अन्य पूरा खर्चा बाल देखभाल संस्थान द्वारा वहन किया जाएगा। सरकार द्वारा 18 वर्ष तक पढ़ाई के दौरान 12 हजार रुपये प्रति वर्ष अन्य खर्चो के लिए आर्थिक सहायता प्रदान की जाएगी तथा 8वीं से 12वीं या व्यावसायिक पाठ्यक्रम में किसी भी कक्षा में पढऩे वाले बच्चोंं को टैबलेट की सुविधा प्रदान की जाएगी।
किशोरियों के लिए सुविधाएं :
प्रदेश के 25 कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालयों में किशोरियों के लिए आवासीय शिक्षा मुफ्त उपलब्ध है। मुख्यमंत्री विवाह शगुन योजना के तहत 51 हजार रुपये की राशि किशोरियों के बैंक खातों में डाली जाएगी, जो विवाह के समय उन्हें ब्याज सहित मिलेगी। इस संदर्भ में अधिक जानकारी के लिए राज्य हेल्पलाइन 85588-93911 एवं 1075 (गुरुग्राम व फरीदाबाद को छोड़कर) पर संपर्क किया जा सकता है।
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