चालू शैक्षणिक सत्र के साढ़े चार माह बीते ,प्रदेश के 15 लाख छात्रों को किताबों का इंतजार

Dabwalinews.com
शिक्षा विभाग की अदूरदर्शी नीति की वजह से प्रदेश के 15 लाख से अधिक छात्रों को चालू शैक्षणिक सत्र के साढ़े चार माह बीत जाने पर भी पुस्तकें हासिल नहीं हो पाई है।ऐसे में उनकी पढ़ाई-लिखाई का सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है। कोरोना की वजह से पिछला शैक्षणिक सत्र पूरी तरह से प्रभावित रहा और इस वर्ष भी अब तक ऑफ लाइन कक्षाएं नहीं लग पाई है।शिक्षा विभाग की ओर से पहली से आठवीं के छात्रों को निशुल्क किताबे मुहैया करवाई जाती है। राइट टू एजूकेशन एक्ट के तहत निशुल्क किताबे दिए जाने की बाध्यता है। इसके बावजूद संबंधित विभाग द्वारा किताबें मुहैया नहीं करवाई। बगैर किताबों के बच्चे कैसे पढ़ाई कर पा रहे होंगे, और कैसे परिणाम प्राप्त करेंगे, इसका अंदाजा लगाया जा सकता है। प्रदेश में पहली से 8 तक के लगभग 15 लाख बच्चे विभागीय नीति की वजह से पुस्तकों से वंचित है। अग्रसेन कालोनी निवासी व्हीस्ल ब्लोअर प्रो. करतार सिंह ने पुस्तकों से वंचित इन लाखों छात्रों को पुस्तकें मुहैया करवाने को लेकर प्रदेश के मुख्य सचिव को पत्र भी लिख था। सरकार को उच्च न्यायालय में खड़ा करने की भी चेतावनी दी थी। इसके बावजूद अगस्त माह का एक पखवाड़ा बीत जाने पर भी विभाग छात्रों को किताबें मुहैया करवा पाने में विफल साबित हुआ है।अचरज की बात तो यह है कि सरकार विभिन्न इवेंट का आयोजन करना नहीं भूलती। मगर, जो छात्र हित में अति आवश्यक है, उस पर आंख मूंद लेती है। इस बार स्वतंत्रता दिवस के मौके पर छात्रों को राष्ट्रगान अपलोड करने के लिए कहा गया है, जिस पर सर्टिफिकेट भी जारी किया जाएगा। लाखों छात्रों तक पहुंचने की कोशिश की गई है लेकिन उनकी मूल समस्या को नजरअंदाज किया जा रहा है। देखना है कि यह कब तक चलता है?

Four and a half months of the current academic session passed, 15 lakh students of the state are waiting for books

No comments:

IMPORTANT-------ATTENTION -- PLEASE

क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई