अगस्त 18-19 को मनाया जाएगा अन्न उत्सव,प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के लाभार्थियों को थैले में दी जाएगी गेहूं
Dabwalinews.com
खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय की ओर से प्रदेशभर में 18 व 19 अगस्त को अन्न उत्सव का आयोजन किया जाएगा। जिसके तहत प्रदेश के 10 हजार से अधिक डिपूओं पर लाभार्थियों को 5 व 10 किलो के थैले में गेहूं वितरित की जाएगी। इसके लिए विभाग द्वारा विशेष रूप से थैले तैयार करवाए गए है।गरीबों के कल्याणार्थ चलाई जा रही इस स्कीम के माध्यम से सरकार का प्रचार भी होगा। इन थैलों पर एक तरफ पीएम, सीएम व डिप्टी सीएम की तस्वीर छपी होगी। जबकि थैले के दूसरी ओर पीएम की फोटो और उनका संदेश 'हमारा ये संकल्प है कि हर परिवार सशक्त हो, सम्पन्न हो और संकट के समय में भी निश्चिंत होÓ अंकित होगा। सिरसा जिला के लिए 5 किलो गेहूं के 57166 थैले तथा 10 किलो गेहूं के 2 लाख 24 हजार 550 थैले तैयार करवाए गए है।अन्न उत्सव को लेकर सरकार की ओर से व्यापक प्रचार प्रसार किया जाएगा तथा 18 व 19 अगस्त को सारा दिन डिपू खुले रहेंगे। अन्न उत्सव के दौरान वार्ड पार्षद अथवा सरपंच की उपस्थिति में राशन का वितरण किया जाएगा। इसके साथ ही जो लाभार्थी 18 व 19 अगस्त से पहले अगस्त माह का राशन हासिल करना चाहता है, वह पहले भी कर सकता है। मगर, सितंबर माह में उन्हें थैले वाली गेहूं प्रदान की जाएगी। यानि हरेक लाभार्थी को 5 व 10 किलो पैकिंग वाली गेहूं हासिल हो पाएगी। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले निदेशालय द्वारा प्रदेशभर में 5 व 10 किलो पैकिंग में गेहूं वितरण के लिए विशेष प्रकार के थैले तैयार करवाए गए है। विभाग की ओर से 5 किलो वाले 12 लाख 84 हजार 751 थैले तथा 10 किलो वाले 54 लाख 77 हजार 684 थैलों का आर्डर दिया गया है। यानि अन्न उत्सव के माध्यम से प्रदेश सरकार की ओर से अपनी योजना का जमकर प्रचार-प्रसार किया जाएगा और घर-घर तक यह संदेश दिया जाएगा कि किस प्रकार सरकार ने गरीबों के लिए कल्याणकारी योजना क्रियान्वित की।
क्या है गरीब कल्याण अन्न योजना
दरअसल, केंद्र सरकार द्वारा कोरोना की पहली लहर के दौरान ही गरीबों के हितार्थ इस योजना को शुरू किया गया था। जिसके तहत केंद्र सरकार द्वारा गरीबों को राज्य सरकार द्वारा रियायती दरों पर दिए जाने वाले राशन के अलावा 5 किलो गेहूं हर माह फ्री दी गई। इस योजना के तहत देश के 80 करोड़ लोगों को फ्री गेहूं दिया गया। योजना के तहत उन प्रवासी मजदूरों को भी शामिल किया गया जोकि दूसरे प्रदेशों में फंस गए और कमाई का साधन न होने के कारण उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। योजना में उन निराश्रित, विधवाओं, शारीरिक रूप से विकलांग व जरूरतमंदों को भी शामिल किया गया, जोकि सस्ती दर के राशन से वंचित थे।
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