सरकार ने सीएम विंडो के 'प्रख्यात' लोग बदले , विधानसभा वाइज की गई है नए लोगों की नियुक्तियां
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सीएम विंडो को सशक्त बनाने के लिए प्रदेश सरकार की ओर से सिरसा जिला के प्रख्यात लोगों में बदलाव किया है। जिला की सभी पांचों विधानसभा क्षेत्रों में चार-चार प्रख्यात लोगों को शामिल किया गया है। इस बार चयनित किए गए लोग पहले के मुकाबले अधिक प्रभावी है और धरातल से जुड़े हुए है। सीएम विंडो की प्रक्रिया में 'एमिनेंट पर्सनÓ के लिए केवल राजनीतिक लोगों को ही नहीं चुना गया है, बल्कि समाजसेवा के क्षेत्र में सक्रिय लोगों को भी इसमें शामिल किया गया है। समाज में पहले से ही प्रख्यात ऐसे लोगों को एमिनेंट पर्सन नियुक्त किए जाने से सीएम विंडो को अधिक मजबूती मिल पाएगी। लोगों की समस्याओं का असल निपटारा भी हो सकेगा।
जानकारी के अनुसार रानियां के लिए तय की गई सूची में सिरसा के प्रमुख समाजसेवी एवं आयकर अधिवक्ता संजीव जैन को शामिल किया गया है। इसके अलावा भाजपा नेता रामचंद्र कंबोज, महाबीर गोदारा निवासी केहरवाला, भाजपा नेता बलवान जांगड़ा व रणजीत सिंह कंबोज इस सूची में शामिल है। सिरसा के लिए तय की गई एमिनेंट पर्सन की सूची में वरिष्ठ भाजपा नेता रोहताश जांगड़ा के अलावा हरपिंद्र शर्मा, तरूण गुलाटी, अजैब औला निवासी मोचीवाली को शामिल किया गया है। जबकि कालांवाली की सूची में नरेश गर्ग कालांवाली, कालांवाली मंडी के आढ़ती ओमप्रकाश, सुभाष चंद व बलकरण सिंह भंगू शामिल किए गए है।
इसी प्रकार डबवाली के लिए सुरेंद्र बर्तनवाले, सुनील साहू रिसालियाखेड़ा, सतनाम सिंह कुंडर ओढां, शमशेर सिंह चौटाला तथा ऐलनाबाद के लिए नीमला निवासी भूरा राम डूडी, डा. विनय ऐलनाबाद, नीकू राम रूपावास व अनिल कासनिया नाथूसरी को सीएम विंडो की एमिनेंट पर्सन की सूची में शामिल किया गया है। सीएम विंडो के लिए पहले नियुक्त किए गए एमिनेंट पर्सन की सेवाएं समाप्त कर दी गई है।
होती है अहम भूमिका
हरियाणा में सीएम विंडो 25 दिसंबर 2014 को पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई के जन्मदिन पर शुरू की गई थी। जन-जन तक सीएम कार्यालय की पहुंच बनाने और जन शिकायतों को प्रभावी बनाने की दिशा में एमिनेंट पर्सन नियुक्त किए थे। इनकी इस प्रक्रिया में अहम भूमिका थी। चूंकि बाबूओं द्वारा पब्लिक की शिकायतों का कागजी निपटारा दर्शा दिया जाता था। जबकि लोगों की समस्या जस की तस बनी रहती थी। ऐसे में एमिनेंट पर्सन शिकायतकत्र्ता की पैरवी करने के लिए नियुक्त किए गए थे, जोकि समस्या का समाधान करवाने और शिकायतकत्र्ता की संतुष्टि करवाते थे। लेकिन सरकार को वह लक्ष्य हासिल नहीं हुआ, जिसकी उसे अपेक्षा थी। सीएम विंडो पर अंसतुष्ट शिकायकत्ताओं की भीड़ जुटती ही चली गई। इसलिए नए एमिनेंट पर्सन नियुक्त करने का निर्णय लिया गया है।
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