फ्रेंड रिक्वेस्ट करने वालियों की करतूतें 'तालिबानी'! लोकलाज की वजह से ब्लैकमेलिंग का शिकार हो रहें लोग
Dabwalinews.com

समाज में मान-प्रतिष्ठा रखने वाले कुछेक लोग इन दिनों घर बैठे ही ऐसे गिरोह की चंगुल में फंसते जा रहे है। जिनकी सदस्याएं पहले फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजती है और फिर अपने रूप जाल में फंसाकर शोषण करने पर उतर आती है। इस गिरोह द्वारा इज्जत उछालने की धमकी देकर ब्लैकमेलिंग शुरू की जाती है। लोकलाज की वजह से लोग इनकी फरमाईशें पूरी ही करते रहते है। जिसके कारण उनका दिन का चैन और रातों की दिन उड़ जाती है।अंतरिक्ष के इस युग में जब हर आम और खास ट्विटर, फेसबुक, व्हाट्सअप व अन्य संचार माध्यमों से जुड़ा हुआ है। अपराधियों द्वारा इन माध्यमों का दुरुपयोग भी जमकर किया जा रहा है। साइबर क्राइम को अंजाम देने वालों द्वारा ही कभी एटीएम कार्ड ब्लॉक होने का भय दिखाकर खाते साफ किए जाते है। कभी मोबाइल टॉवर लगाने का झांसा देकर और कभी करोड़ों की लॉटरी निकलने का झांसा देकर ठगा जाता है।इन दिनों अपराधियों द्वारा लड़कियों को टूल बनाकर लोगों को फांसने का धंधा अपनाया हुआ है। जिसके तहत पहले अनजान लोगों को फेसबुक पर फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजी जाती है। अज्ञात युवती की ओर से आई रिक्वेस्ट को अधिकतर लोग उत्सुकता के कारण स्वीकार कर लेते है। इसके बाद महिला मित्र द्वारा उस व्यक्ति के बारे में अधिक से अधिक जानकारी जुटाई जाती है। अंतरंग बातें की जाती है। फिर व्हाट्सअप कालिंग की जाती है और मामले को वीडियो कालिंग तक पहुंचाया जाता है।मामला जब वीडियो कालिंग पर पहुंचता है, तब हुस्न का जाल फेंका जाता है। लोकलाज की सीमाओं को लांघकर गिरोह की महिला सबकुछ 'ओपनÓ कर देती है और पार्टनर से भी 'ओपनÓ करने के लिए कहा जाता है। गिरोह की इन चालबाज महिलाओं के चंगुल में आया व्यक्ति जैसे ही 'ओपनÓ होता है, इनके द्वारा स्क्रीन रिकार्डर की मदद से पूरी वीडियो चैट को रिकार्ड कर लिया जाता है। इसके बाद इसे यू-ट्यूब पर अपलोड किया जाता है, जिसे प्राइवेट की श्रेणी में रखा जाता है। इसका लिंक उस व्यक्ति को ही भेजा जाता है। जब वह व्यक्ति उस लिंक को ओपन करता है, तब उसमें अपने को ही पाता है। जिंदगी भर की कमाई हुई साख और लोकलाज की वजह से वह बिना विरोध किए ही गिरोह की मांग पूरी करने लगता है। गिरोह द्वारा धनराशि की मांग की जाती है। ऐसे फंसे हुए लोग फरमाइश पूरी करने लगते है। एक बार मांग पूरी करने के बाद मांगों का ऐसा सिलसिला शुरू होता है, जो कभी खत्म नहीं होता। चंगुल में फंसे व्यक्ति के पास झटपटाने के अलावा कोई दूसरा उपाय नजर नहीं आता। मांग पूरी न करने पर घर-परिवार की इज्जत उछलने का डर रहता है। न जाने कितने लोग इस गिरोह की चंगुल में फंसकर लुट चुके है। मगर, लोकलाज की वजह से बहुत से लोग पुलिस के पास विरोध दर्ज करवाने भी नहीं पहुंचतें।
कालांवाली में सामने आ चुका मामला
मंडी कालांवाली में ऐसा ही मामला सामने आ चुका है। जिसमें मंडी के एक इज्जतदार व्यक्ति को गिरोह की युवती ने अपने प्रेमजाल में फांसा। उसके साथ वीडियो कालिंग के दौरान दोनों ओर से सबकुछ 'ओपनÓ कर दिया गया। इसके बाद युवती की ओर से स्क्रीन रिकार्डर के माध्यम से रिकार्ड किए गए पूरे घटनाक्रम को यू-ट्यूब पर अपलोड करके लिंक भेजा गया। ऐसा न करने पर यू-ट्यूब पर अपलोड लिंक को सार्वजनिक करने की धमकी दी गई। बताया जाता है कि मंडी के इस व्यक्ति ने ब्लैकमेलिंग से बचने के लिए संपर्क ही काट दिया और कुछ घंटे के लिए अपना मोबाइल ही बंद कर दिया। जिसके बाद युवती की ओर से यू-ट्यूब के इस लिंक को पब्लिक कर दिया गया और उसका लिंक इस व्यक्ति के फ्रेंडस को शेयर कर दिया। कुछ ही घंटों में मंडी कालांवाली के इस इज्जतदार व्यक्ति की इज्जत सरेबाजार उतर गई। हर मोबाइल तक यह वीडियो पहुंच गई। पूरी मंडी में यह चर्चा का विषय बनी रहीं। लेकिन लोकलाज की वजह से उक्त व्यक्ति की ओर से इस बारे कोई शिकायत पुलिस में नहीं दी गई है। उसे ब्लैकमेल न होने की सजा इज्जत दांव पर लगाकर चुकानी पड़ी है।
No comments:
Post a Comment