तीस वर्षों से डबवाली की विशेष पहचान बन चुका सिल्वर जुबली चौक,अब बन जाएगा अतीत, किया जा रहा है नवीकरण
डबवाली । लगभग पिछले तीस वर्षों से डबवाली की विशेष पहचान बन चुका सिल्वर जुबली चौक जिसे गोल चौक के नाम से भी जाना जाता है। तीन राज्यों को अपनी आगोश में समेटकर रखने वाला यह चौराहा अब ऐसा लगता है कि वाहनों का बोझ ढोते-ढोते वृद्धावस्था में आ पहुंचा था जिसके कारण प्रतिदिन वाहनों से लगने वाले जाम से कराहने लगा था। वाहनों का बोझ ढोते-ढोते अकसर यह चौक जाम के साथ-साथ दुर्घटनाओं का भी कारण लगने लगा था। जाम और दुर्घटनाओं पर अंकुश लगाने के लिए मात्र 30 वर्ष की आयु में ही बूढ़े हो चुके इस चौक को फिर से जवान करने की जरूरत महसूस होने लगी थी। इसलिए सिल्वर जुबली चौक को अब अतीत के झरोखें में ले जाना आवश्यक था। कांग्रेस के विधायक अमित सिहाग ने इस ओर प्रयास किया। अनेक बार मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के साथ-साथ हाईवे आर्थोर्टी के अधिकारियों से मुलाकात करने के बाद आखिर वे इस चौराहों को संकरा करवाने में सफल हो गए और हाईवे आर्थोटी ने इसे मंजूरी दे दी तो वहीं सोमवार को इस चौक को छोटा करने के लिए बठिंडा की एक फर्म ने काम शुरू कर दिया। एक करोड़ 32 लाख रूपये की अनुमानित राशि से इस चौक का नवीनीकरण किया जाएगा। 55 मीटर के दायरे वाला यह विशाल चौक अब मात्र 30 मीटर का रह जाएगा और 25 मीटर का दायरा कम हो जाएगा। यही नहीं इसके साथ-साथ बाईं तरफ मुडऩे वाले यातायात की सुविधा के लिए चारों ओर 5.5 मीटर चौड़ाई की स्लिप रोड बनेगी, बरसाती पानी की निकासी की व्यवस्था भी की जानी है। वहीं दूसरी ओर नैशनल हाईवे अधिकारियों ने यह स्पष्ट कर दिया गया है कि यातायात को नियंत्रण करने वाली टै्रफिक लाइटें अभी फिलहाल लगाने की कोई योजना नहीं है। इसे भविष्य के लिए सुरक्षित रख लिया गया है। सबसे बड़ी बात तो यह हैै कि इस चौराहे का नवीनीकरण हो जाने से केवल यातायात व्यवस्था ही दुरूस्त नहीं होगी बल्कि बरसात के दिनों में समुद्र का रूप धारण करने वाले मार्ग से भी छुटकारा मिलेगा और राह सुगम हो जाएगी। एक बात और जब चौराहे के निर्माण के लिए कार्य आरंभ किया गया उस दौरान सोशल मीडिया पर कुछ समाजसेवी संस्थाओं सहित अनेक लोगों ने चौराहे पर लगे हरे भरे पेड़ों को काटे जाने पर अपना एतराज जताया लेकिन धरातल पर किसी ने भी आकर इन पौधों को बचाने के लिए कोई उचित कदम नहीं उठाया। यही नही बल्कि इससे पहले नंदीशला में बनाए गए पार्क के स्थान पर हरे भरे पेड़ों को उखाड़ दिया गया था तब एक भी समाजसेवी और किसी अन्य व्यक्ति ने एक शब्द भी नहीं नहीं बोला था। इससे संबंधित समाचार एक न्यूज चैनल पर प्रसारित भी किया गया था इसके बावजूद भी किसी ने कुछ नहीं बोला। अब जब शहर का विकास हो रहा है और इसमें अवरोध उत्पन्न करने के लिए हरियाली की बात बड़े जोर शोर से सोशल मीडिया पर उठाई जा रही है। सोशल मीडिया पर कुछ भी अंकित कर देना बड़ा आसान है लेकिन उस समस्या को धरातल पर लाना बहुत मुश्किल है। डबवाली शहर की यह परंपरा रही है जब भी कोई विकास कार्य आरंभ होता है उससे पहले अवरोध उत्पन्न कर दिए जाते हैंं।
हरियाली रहेगी कायम:विनोद बांसल
सिल्वर जुबली चौक का निर्माण कार्य आरंभ होने के बाद एकाएक सोशल मीडिया पर हरे-भरे पौधों को नष्ट किए जाने की बातें आने लगी और अनेक लोगों ने इसकी निंदा भी जमकर की लेकिन इस विषय को लेकर यह में होने वाले विकास कार्यों के बारे में हर तरह की जानकारी रखने वाले निर्वतमान नगर पार्षद विनोद बांसल से बात की तो उन्होंने बताया कि जब उन्हें चौक के निर्माण कार्य आरंभ होने की सूचना मिली तो वे मौके पर पहुंचे और हाई स्कूल के प्रिंसीपल से बात कर स्कूल विद्यार्थियों के सहयोग से लगभग 250 फूलों के पौधों को स्कूल परिसर में स्थापित करवाया। इसके अतिरिक्त आस-पास के सैंकड़ों दुकानदार अपने घरों और अन्य स्थानों पर लगाने के लिए इन पौधों को लेकर गए। बांसल ने बताया कि हाईवे ओर्थोटी के अधीन आने वाले मार्ग पर लगे पेड़ पौधों की जिम्मेवारी नगर परिषद की नहीं होती। इसके बावजूद भी नगर परिषद द्वारा पौधों को बचाने का भरसक प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सोशल मीडिया पर बड़ी-बड़ी बातें करने वाले लोगों इस विषय को लेकर हाईवे आर्थोटी से बात करनी चाहिए। यूं ही सोशल मीडिया पर भ्रामक प्रचार करना अच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि चौराहे का दायरा कम किया जा रहा है हरियाली फिर भी कम नहीं होने दी जाएगी।
Silver Jubilee Chowk, which has become a special identity of Dabwali for thirty years, will now become the past, renovation is being done
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