Ellenabad by-election चुनाव लाया दीवाली से पहले दीवाली! कड़े चुनावी मुकाबले में वोटरों की होगी 'पूजा', किए जाएंगे 'प्रसन्न'

Dabwalinews.com
इस साल दीवाली भले ही 4 नवंबर की हों लेकिन ऐलनाबाद हलके के मतदाताओं के लिए अक्टूबर का पूरा महीना ही त्यौहारी बन गया है।उपचुनाव के लिए 30 अक्टूबर को मतदान होगा और 2 नवंबर को मतगणना होगी। लेकिन यह तय है कि इन चुनावों को लेकर वोटरों की पौ-बारह होनी तय है।भारतीय राजनीति में चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपनाया जाता है। मतदाता को देवताओं से भी अधिक पूजा जाता है। हर पांच साल के बाद होने वाले चुनाव के समय ही मतदाताओं की आरती की जाती है।
उन्हें प्रसन्न करने के प्रयास किए जाते है। पांच साल तक नेताओं को कोसने वाले मतदाता भी वोटिंग से ऐन पहले अपने गिलेशिकवे त्याग देते है। भला-बुरा, सिद्धांत, पार्टीवाजी सब एकतरफ धरकर वे अपने पसंदीदा के पक्ष में मतदान करते है। परिणाम स्वरूप चुनाव में अधिकांश बाहुबली और प्रभावशाली लोग ही बाजी मारते है।चुनाव के समय जितना कड़ा और करीबी मामला होगा, मतदाता की मान मनुहार उतनी ही बढ़ जाएगी। नेता भी एक-एक वोट हासिल करने के लिए मनुहार की स्थिति में पहुंच जाते है। देश के अनेक हिस्सों में मतदाताओं को लुभाने के लिए धोतियां, चप्पल, सिलाई मशीन, वाशिंग मशीन, बाइक, फ्रिज जैसी चीजें उपहार में देने के किस्से सामने आए है। ऐसे में दीवाली से ठीक पूर्व आए चुनाव ऐलनाबाद हलका के मतदाताओं के लिए भी त्यौहार बनकर आए है। इस हलके में एकबार चुनाव लोहड़ी पर्व पर आए तो घर-घर मूंगफली और रेवडिय़ां पहुंच गई। अब 4 नवंबर को दीवाली है और 30 अक्टूबर को वोटिंग है। ऐसे में कितने घरों तक मिठाई पहुंचती है और कौन मिठाई पहुंचाता है, यह देखना होगा। मगर, यह तय है कि इस बार चुनाव रोमांचक होने जा रहा है। मतदाता भी दीवाली से पहले मुंह मीठा करने की ठानी बैठे है। वैसे भी ग्रामीण अंचल में लोगों को मीठा कुछ ज्यादा ही पसंद है। कोई भी शुभ कार्य से पूर्व मीठे का बांटना और सेवन करना शुभ माना जाता है।
Elections brought Diwali before Diwali! Voters will be 'worshiped' in a tough election, will be 'delighted'

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