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सिरसा नगर परिषद : अंधेर नगरी-चौपट राजा! जिसकी शिकायत, उसी से शिकायत के निपटान की आस

Dabwalinews.com
सिरसा नगर परिषद में किस कद्र अंधेरगर्दी मची हुई है, इसका जीता जागता उदाहरण प्रोपर्टी सर्वे में हुई गड़बड़ी से लगाया जा सकता है।प्रोपर्टी सर्वे में गड़बड़ी की वजह से सिरसावासी भारी परेशानी झेल रहे है, लोगों को अपनी ही प्रोपर्टी पर अपना हक साबित करना पड़ रहा है। सर्वे एजेंसी द्वारा गलत डाटा फीड करने का खामियाजा आमजन को चुकाना पड़ रहा है। नगर के प्रोपर्टी डीलर नगर परिषद के कार्यकारी अधिकारी का पुतला फूंक रहे है। मगर, नगर परिषद के अधिकारी प्रोपर्टी सर्वे करने वाली एजेंसी को आज भी बचाने की कथित रूप से कोशिश कर रहे है। चूंकि सीएम विंडो पर सर्वे करने वाली एजेंसी की शिकायत करने पर नगर परिषद के अधिकारी मामले की जांच करने और दोषी के खिलाफ कार्रवाई करने की बजाए एजेंसी को ही शिकायत के निपटान के लिए आग्रह कर रहे है।शहर के प्रमुख आरटीआई एक्टिविस्ट भीम सैनी निवासी पटेल बस्ती ने शहर में प्रोपर्टी सर्वे का कार्य करने वाली एजेंसी के कामकाज की खामियों को जानकार एक अक्टूबर 2021 को सीएम विंडो खटखटाई थी। जिसमें सीएम से आग्रह किया गया था कि सर्वे एजेंसी के कर्मचारी गलत सर्वे कर रहे है। उनकी ओर से प्रोपर्टी का सबूत जुटाए बगैर ही डाटा फीड किया जा रहा है। जिन जगहों पर किराएदार अथवा कब्जाधारक है, उन्हें प्रोपर्टी का मालिक तक दर्शा रहे है। इसके साथ ही सर्वे के दौरान प्रोपर्टी के साइज को लेकर भी अनुमान के आधार पर डाटा फीड किया जा रहा है। प्रोपर्टी की मलकीयत के दस्तावेज जांचे बगैर प्रोपर्टी रिकार्ड तैयार करने से विवादों को जन्म होगा। सीएम कार्यालय से यह शिकायत 4 अक्टूबर को उपायुक्त कार्यालय पहुंची। यहां से इस शिकायत को सिरसा नगर परिषद को भेजा गया। बीती 6 अक्टूबर से यह शिकायत नगर परिषद के ईओ के पास लंबित है। डेढ़ माह नगर परिषद की ओर से 22 नवंबर को शिकायत के निपटान के लिए सर्वे करने वाली एजेंसी 'याशी कंस्लेटिंग सर्विस प्रा. लि., जयपुरÓ को पत्र लिखा गया है। जिसमें ईओ सिरसा की ओर से कहा गया है कि इस बारे में नियमानुसार कार्रवाई करते हुए शिकायत का निपटान करें। शिकायतकत्र्ता के साथ-साथ उन्हें भी इस बारे में सूचित करें। बड़ा सवाल यह है कि सर्वे में खामियां बरतने वाली प्राइवेट एजेंसी क्या अपनी गलती स्वीकार करेगी? क्या प्राइवेट एजेंसी पर सीएम विंडो निपटाने की जवाबदेही है? जिससे शिकायत होगी, क्या उसे शिकायत दूर करने के लिए कहा जाएगा? सवाल यह है कि क्या सिरसा नगर परिषद के अधिकारियों को प्रोपर्टी सर्वे के मामले में लोगों की शिकायतें दिखाई नहीं दे रही? क्या कार्यालय में लोगों का रोज लगने वाला जमघट दिखाई नहीं देता? क्या प्रोपर्टी डीलरों का विरोध-प्रदर्शन और पुतला दहन भी दिखाई नहीं पड़ता? क्या सिरसा नगर परिषद के अधिकारी आज भी प्रोपर्टी सर्वे करने वाली एजेंसी को पाक-साफ समझते है? यदि सर्वे में खामियां बरती गई है तो एजेंसी के खिलाफ कार्रवाई करने से हिचक क्यों? क्या संदेश देना चाहते है नगर परिषद सिरसा के ईओ?
विवादों का घर बन चुका है प्रोपर्टी सर्वे
जनता के पैसे से करवाए गए प्रोपर्टी सर्वे के कार्य की वजह से आमजन के लिए परेशानी ही पैदा की गई है। जो लोग सिरसा नगर परिषद की हद में रहते है। वर्षों से हाऊस टैक्स अदा कर रहे है। जिन्हें नगर परिषद से बकायदा आईडी प्राप्त है। उन्हें भी प्रोपर्टी आईडी को पुन: तस्दीक करवाना पड़ रहा है। तस्दीक करवाने पर यह ज्ञात हो रहा है कि जिस प्रोपर्टी पर आप काबिज है, वह किसी दूसरे के नाम चढ़ी हों! संभावना है कि आपकी 100 गज की प्रोपर्टी को 110 अथवा 90 गज ही दर्शा दिया गया हों। दोनों ही स्थितियों में आपकों को नगर परिषद के रिकार्ड में इसे सुधरवाना पड़ेगा। सर्वे एजेंसी द्वारा की गई गलती को सुधरवाना भी आसान नहीं है। इसमें सुधार चंडीगढ़ से होगा, स्थानीय स्तर पर कोई बदलाव नहीं होगा। इसके लिए आवेदन देना होगा, जेई, एमई, एक्सईएन और ईओ से होते हुए फाइल चंडीगढ़ भेजी जाएगी। वहां से रिकार्ड अपडेट होगा या नहीं, कब होगा, यह भी नहीं पता। आमजन को बेवजह परेशानी में डालने का काम प्रोपर्टी का सर्वे करने वाली एजेंसी द्वारा किया गया है। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। अचरज की बात यह है कि लाखों रुपये शुल्क लेकर गलत काम करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने से सरकारी अधिकारी हिचक रहे है? क्यों?


Sirsa Municipal Council : Andher city - Chaupat Raja! The one whose complaint is expected to be disposed of
Dabwalinews.com
Sirsa Municipal Council is a living example of how much darkness has been created, it can be gauged from the disturbances in the property survey. is falling The public has to pay the brunt of feeding wrong data by the survey agency. Property dealers of the city are burning the effigy of the executive officer of the city council. However, the city council officials are allegedly trying to save the property survey agency even today. Since the city council officials are urging the agency to settle the complaint instead of investigating the matter and taking action against the guilty, after complaining about the survey agency on the CM window. Patel, a resident of city's leading RTI activist Bhim Saini Basti had knocked on the CM window on October 1, 2021, knowing the shortcomings of the functioning of the agency doing property survey work in the city. In which the CM was requested that the employees of the survey agency are doing wrong survey. The data is being fed without collecting the proof of property from their side. Even the owner of the property is showing the places where there is a tenant or occupier. Along with this, data is being fed on the basis of estimates regarding the size of the property during the survey. Preparing property records without checking the ownership documents of the property will lead to disputes. This complaint from the CM's office reached the Deputy Commissioner's office on October 4. From here this complaint was sent to Sirsa Municipal Council. Since last October 6, this complaint is pending with the EO of the city council. For one and a half months, on November 22, the surveying agency 'Yashi Consulting Service Pvt. Ltd., JaipurÓ a letter has been written. In which it has been asked on behalf of EO Sirsa to take action in this regard as per rules and settle the complaint. Inform the complainant as well as them about this. The big question is whether the private agency, which has made mistakes in the survey, will accept its mistake? Is it the responsibility of the private agency to settle the CM window? Whoever complains, will he be asked to redress the complaint? The question is whether the officials of Sirsa Municipal Council are not seeing the complaints of the people in the matter of property survey? Can't see the daily gathering of people in the office? Is the protest of property dealers and effigy burning also not visible? Do the officials of Sirsa Municipal Council still consider the agency conducting property survey as pure? If there have been lapses in the survey, then why hesitate to take action against the agency? What message do you want to convey, the EO of Municipal Council Sirsa?
Property survey has become a house of controversies
Due to the work of property survey done with public money, trouble has been created for the common man. People who live within the limits of Sirsa Municipal Council. Paying house tax for years. Those who have got proper ID from the city council. They also have to get the property ID re-attested. On getting it verified, it is becoming known that the property on which you are in possession, has been given to someone else's name! Chances are that your property of 100 yards is shown as 110 or 90 yards only. In both cases, you will have to get it corrected in the city council's records. It is also not easy to rectify the mistake made by the survey agency. It will be improved from Chandigarh, there will be no change at the local level. For this, the application will have to be made, the file will be sent to Chandigarh through JE, ME, XEN and EO. Whether the record will be updated from there or not, when it will happen, it is also not known. The work of causing unnecessary trouble to the common man has been done by the agency surveying the property. Due to which the common man is suffering. The surprising thing is that the government officials are hesitant to take action against the wrongdoers by charging lakhs of rupees? Why?

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