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बैंकों के निजीकरण के विरोध में राष्ट्रव्यापी हड़ताल का डबवाली में भी व्यापक असर,भारतीय स्टेट बैंक के सामने किया जोरदार प्रदर्शन
Dabwalinews.com
डबवाली, 17 दिसम्बर। बैंकों के निजीकरण के विरोध में देशभर में चल रही दो दिवसीय हड़ताल के दूसरे दिन भी बैंक कर्मचारियों ने केन्द्र सरकार के खिलाफ मोर्चा बंदी करते हुए जमकर नारेबाजी की और धरने पर डटे रहें।राष्ट्रव्यापी इस हड़ताल का डबवाली में भी व्यापक असर देखने को मिला जहां डबवाली बैंकर्स क्लब के पदाधिकारी एवं सदस्यों द्वारा यूनाइटेड फोरम ऑफ बैंक यूनियन के आह्वान पर चौटाला रोड़ स्थित भारतीय स्टेट बैंक के सामने जोरदार प्रदर्शन किया।धरने को संबोधित करते हुए डबवाली बैंक कर्ज क्लब के प्रधान नवदीप बंसल ने बताया कि देशभर में बैंककर्मी निजीकरण के विरोध में हड़ताल पर है।उन्होंने कहा कि बैंक इस देश की राष्ट्रीय संपत्ति है, इसे निजी हाथों में बेचने का हम मुखर विरोध करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि हड़ताल से आम आदमी को थोड़ी असुविधा होगी लेकिन उनकी जमापुंजी निजी हाथों में जाने से बचाने के लिए हम सब को मिलकर ये लड़ाई लडऩी होगी। नवदीप बंसल ने कहा कि बैंकों का राष्ट्रीयकरण मजबूत अर्थव्यवस्था की निशानी है ताकि आमलोगों की गाढ़ी कमाई सुरक्षित रखी जा सकें। लेकिन केन्द्र सरकार अपने पुंजीपति मित्रों को खुश रखने के लिए बैंक कर्मचारी और आम लोगों के हितों को दरकिनार कर बैंकों का नीजिकरण कर रही जिसे किसी भी सुरत में बर्दास्त नहीं किया जा सकता। मोहित कुमार ने कहा कि मुनाफा कमा रहे राष्ट्रीय उपक्रमों को निजी हाथों में बेचने की नीति का बेरोजगारी और महँगाई पर भी प्रतिकूल असर पड़ रहा है।
महासचिव पंकज अरोड़ा ने कहा कि मुनाफा कमा रहे बैंकों को निजी हाथों में बेचना देशहित में नहीं हैं। क्योंकि सरकारी बैंकों का एकमात्र मकसद फायदा कमाना नहीं होता बल्कि जनता की सेवा, गरीबों को आर्थिक सुरक्षा और जनकल्याण कार्यों को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाना होता है।
पीआर विनोद ने कहा कि मुनाफे में चल रहे बैंकों का निजीकरण देश की अर्थव्यवस्था को कमजोर करेगा। इसलिए यह मुद्दा सिर्फ बैंक कर्मचारियों का ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों का भी है। विशेषकर गरीब, मध्यम वर्ग और युवाओं के लिए तो यह गंभीर मुद्दा है।
उपप्रधान टेकचंद बागड़ी ने कहा कि आमजनता बैंक कर्मचारियों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर इस मुहिम में एकजुट है। संसद के वर्तमान सत्र में बैंक निजीकरण के उद्देश्य से लाए जाने वाले विधेयक की सुगबुगाहट ने इन विरोध प्रदर्शनों को और तेज कर दिया है। किसान बिल की तरह इस बिल को भी केन्द्र सरकार को वापिस लेना पड़ेगा।
वरिष्ठ उपप्रधान रविनंदन ने कहा कि बैंकों के नीजिकरण के विरोध में एक बार फिर डबवाली बैंकर्स क्लब द्वारा जोरदार नारेबाजी कर केन्द्र सरकार का विरोध किया गया है। उन्होंने कहा कि प्राइवेट सैक्टर केवल नीजि स्वार्थ पर टिके होते हैं उनका अपने कर्मचारियों या आम जनता से कोई सरोकार नहीं होता। नीजि क्षेत्र केवल मुनाफा कमाना जानते है, जनता की सेवा नहीं।
चीफ मैनेजर विक्रमजीत चौधरी और राजेश कुमार ने भी धरने को संबोधित करते हुए कहा कि बैंकों के प्रति जनता का वर्षों पुराना जो विश्वास और भरोसा है निजीकरण से वो एक झटके में समाप्त हो जाएगा। उन्होंने कहा कि बैंकों का निजीकरण ना तो देश के आम नागरिकों के हित में है और ना कर्मचारियों के इसलिए केन्द्र सरकार को जल्द से जल्द अपने इस फैसले को तुरंत वापिस लेना चाहिए।
महिला इकाई की कोऑर्डिनेटर रंजना गोयल ने कहा कि ये दो दिवसीय हड़ताल बैंकों के निजीकरण के विरोध की शुरूआत मात्र है।
अगर केन्द्र सरकार ने निजीकरण का ये फैसला वापिस नहीं लिया तो विरोध और भी व्यापक होने वाला है।
मोहित कुमार व अमन सुखीजा ने अपने संबोधन में कहा कि केन्द्र सरकार आनन-फानन में बिना तैयारी देश की सुव्यवस्थित बैंकिंग प्रणाली को तबाह करने पर तुली हुई है। उन्होंने कहा कि सौंपा भी उन हाथों में जा रहा है जो खुद बैंक करप्ट है। केन्द्र सरकार अपनी मित्रता निभाने के चक्कर में देश को बर्बाद करना बंद करें। इस मौके पर मनदीप सिंह, राकेश कुमार, हर्षल गर्ग, सैंपी सरदाना, पंकज अरोड़ा, अमन सुखीजा, राजेश कुमार, टेकचंद बागड़ी, मनप्रीत सिंह, भूपिन्द्र कुमार, प्रिंस, दीपक कुमार, हरबंस लाल, संजय, विपिन कुमार, गिपन मेहता अमित धवन, सुखप्रीत सिंह, लविस सिंघल, राजेश गोयल, जोगिन्द्र सिंह, रामदीता मेहता, सुधीर कुमार, सुरेन्द्र कुमार, रवि नंदन, प्रिंस खान ,उमेद खान, आशीष गर्ग, विक्रम, प्रवीण सचदेवा, राधाकिशन, सुदेश वर्मा, प्रमल गोयल, अनमोल छाबड़ा, रामकृष्ण, स्वदेश कुमार, मोहित कुमार सहित अनेक बैंक कर्मी एवं आमजन मौजूद रहें।
Source Link - Nationwide strike against privatization of banks had a huge impact in Dabwali too, demonstrated vigorously in front of State Bank of India
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12:00:00 PM
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क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
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