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दो करोड़ की लॉटरी का झांसा देकर 32 लाख ठगे,ठगों के जाल में फंसा तिगड़ी का जमींदार
Dabwalinews.com
पुलिस प्रशासन की ओर से लगातार जागरूक किए जाने के बावजूद लोग साइबर ठगों की गिरफ्त में फंसकर अपनी जमापूंजी गंवा रहे है।डबवाली सदर थाना क्षेत्र के गांव तिगड़ी के जमींदार ने दो करोड़ की लॉटरी के झांसे में आकर अपनी 32 लाख रुपये की जमा पंूजी गंवा दी। शिकायत मिलने पर पुलिस ने ठगों के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्जकर तलाश शुरू कर दी है।गांव तिगड़ी निवासी हरमेल सिंह पुत्र गुरदेव सिंह ने पुलिस में दर्ज करवाई अपनी शिकायत में बताया कि 10 नवंबर 2020 को एक फोन आया। फोन करने वाले ने स्वयं का नाम राणा प्रताप सिंह बताया और कहा कि उसकी दो करोड़ की लॉटरी निकली है। लॉटरी पर सरकार को टैक्स भरना है। इस बारे में जसपाल सिंह नामक व्यक्ति से बात करवाई। जसपाल सिंह ने उससे कहा कि वह सरकार का टैक्स भर देगा तो लॉटरी की रकम उसके खाते में आ जाएगी। उनकी बातों पर विश्वास करके सुजीत कुमार के खाते में 8 लाख 10 हजार रुपये, फिर दिनेश के खाते में डेढ़ लाख रुपये, संदीप कुमार के खाते में 3 लाख 54 हजार रुपये, शंकाटा के खाते में डेढ़ लाख रुपये, वीर सिंह के खाते में 2 लाख 36 हजार रुपये, अनिल के खाते में एक लाख एक हजार रुपये, सीता देवी के खाते में 2 लाख 45 हजार रुपये जमा करवाए। यह सिलसिला जारी रहा और आरोपियों ने उससे विकास के खाते में 30 हजार, गौरव के खाते में एक लाख, राजकुमार के खाते में 64 हजार, अनंत सिंह के खाते में 3 लाख 83 हजार, अविनाश के खाते में 26 हजार, वीके सिंह के खाते में 1 लाख 85 हजार रुपये, राजू रानी के खाते में 62100 रुपये, पंकज के खाते में 5 हजार, राजेश के खाते में 49 हजार, नवीन के खाते में एक लाख 20 हजार, प्रमोद यादव के खाते में 15 हजार, अनीता के खाते में 20 हजार, धीरज के खाते में एक लाख 55 हजार रुपये जमा करवाए। इस प्रकार कुल 32 लाख 60 हजार 600 रुपये विभिन्न बैंकों खातों में जमा करवा लिए। पीडि़त ने बताया कि लॉटरी की रकम हासिल करने के लिए उसने एक एकड़ जमीन बेचकर पैसा दिया। बाकी पैसा रिश्तेदारों से एकत्रित करके दिया था। जब उसने लॉटरी के पैसे का तकाजा किया तो कहा कि उन्होंने ठगी करनी थी, कर ली। हमारे खिलाफ कार्रवाई की तो जान से मरवा देंगे। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपियों के खिलाफ भादंसं की धारा 420, 379, 506 के तहत मामला दर्ज किया है।
साइबर ठगी बारे सचेत कर रही पुलिस
ठगों से आमजन को बचाने के लिए पुलिस अधीक्षक डा. अर्पित जैन की अगुवाई में जिला पुलिस द्वारा जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है। स्कूल-कालेजों, गांव-गांव और चौपालों में जाकर लोगों को इससे बचने की सलाह दी जा रही है। पुलिस के लाख प्रयत्न के बावजूद कोई न कोई व्यक्ति ठगों के चंगुल में फंस ही जाता है और अपनी जमा पूंजी गंवा देता है। साइबर ठगों द्वारा बड़े सुनियोजित ढंग से ठग का धंधा संचालित किया जाता है। उनके द्वारा 1000 लोगों को फोन किए जाते है, इनमें एक भी फंस गया तो उनके लाखों के वारे-न्यारे हो जाते है। ठगों द्वारा पैसे की मांग बैंक खातों में की जाती है, ऐसे में लगता है कि यह वैध ही होगा। मगर, बैंक खाते भी दूसरों के इस्तेमाल किए जाते है। ऐसे में शातिर लोग पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पातें।
सीधा सवाल : टिकट नहीं खरीदी तब लॉटरी कैसी?
ठगों द्वारा अमूमन लॉटरी निकलने का झांसा दिया जाता है। लॉटरी पर लगने वाले टैक्स का तकाजा किया जाता है। टैक्स के रूप में शुरूआत में महज कुछ हजार रुपये की ही मांग की जाती है। यही से लालच पैदा होता है और टैक्स की मामूली रकम देकर बड़ी राशि हासिल होने की चाह में पैसा देने का सिलसिला शुरू होता है। एक बार पैसा देने के बाद ठगों द्वारा फिर से जीएसटी के नाम पर, इंकम टैक्स के नाम पर पैसे का तकाजा किया जाता है। हर बार पैसे की मांग की जाती है। यह सिलसिला तब तक चलता रहता है, जब तक ठगी का शिकार पैसा देता रहता है। पैसा देना बंद करने पर लूट का सिलसिला बंद हो जाता है। हैरानी की बात तो यह है कि ठगी का शिकार होने वालों द्वारा एक बार भी इस बात पर गौर नहीं किया जाता कि क्या उन्होंने लॉटरी की टिकट खरीदी थी? जब लॉटरी की टिकट ही नहीं खरीदी, तब ईनाम कैसे निकल सकता है? इतना-सा सवाल यदि अपने आप से पूछ लिया जाए तो ठगों के चंगुल में आने से बचा जा सकता है। यह भी कि करोड़ों रुपये की लॉटरी निकलने की खुशी ही अड़ोसी-पड़ौसी से सांझा कर ली जाए तो आसपास के लोग ही ठगों से बचाने में मदद कर सकते है। मगर, झांसे में आए लोग करोड़ों रुपये की लॉटरी की भनक अपने पासपड़ोस व रिश्तेदारों को भी नहीं लगने देना चाहते। इस वजह से नुकसान लगातार बढ़ता चला जाता है। जमा पूंजी खत्म हो जाती है और रिश्तेदारों से कर्ज लेने की नौबत आ जाती है। लोगों को इस बारे में सचेत होने की जरूरत है ।
32 lakhs cheated on the pretext of two crore lottery
Dabwalinews.com
Despite being constantly made aware by the police administration, people are losing their deposits by getting caught in the grip of cyber thugs. Gave. On receiving the complaint, the police have started the search by registering a case of cheating against the thugs. Harmel Singh, son of Gurdev Singh, a resident of Tigdi village, in his complaint lodged with the police, said that a call was received on November 10, 2020. The caller named himself as Rana Pratap Singh and said that his lottery of two crores has come out. The government has to pay tax on lotteries. I got to talk to a person named Jaspal Singh about this. Jaspal Singh told him that if he pays the tax of the government, then the lottery money will come in his account. Believing his words, 8 lakh 10 thousand rupees in Sujit Kumar's account, then one and a half lakh rupees in Dinesh's account, 3 lakh 54 thousand rupees in Sandeep Kumar's account, one and a half lakh rupees in Shankata's account, 2 in Veer Singh's account. Lakh 36 thousand rupees, one lakh one thousand rupees in Anil's account, 2 lakh 45 thousand rupees in Sita Devi's account. This process continued and the accused took 30 thousand in Vikas's account, one lakh in Gaurav's account, 64 thousand in Rajkumar's account, 3 lakh 83 thousand in Anant Singh's account, 26 thousand in Avinash's account, VK Singh's account. Rs 1 lakh 85 thousand, Rs 62100 in Raju Rani's account, 5 thousand in Pankaj's account, 49 thousand in Rajesh's account, one lakh 20 thousand in Naveen's account, 15 thousand in Pramod Yadav's account, Anita's account 20 thousand, deposited one lakh 55 thousand rupees in Dheeraj's account. In this way, a total of 32 lakh 60 thousand 600 rupees were deposited in various bank accounts. The victim told that to get the lottery money, he sold one acre of land and gave money. The rest of the money was collected from relatives and given. When he asked for the lottery money, he said that he had to cheat, did it. If action is taken against us, we will die. Based on the complaint, the police have registered a case against the accused under sections 420, 379, 506 of IPC.
Police alerting about cyber fraud
To save the general public from thugs, an awareness campaign is being run by the district police under the leadership of Superintendent of Police Dr. Arpit Jain. People are being advised to avoid this by going to schools-colleges, village-villages and chaupals. Despite the efforts of the police, some person gets caught in the clutches of thugs and loses their deposits. The business of thugs is run by cyber thugs in a very systematic manner. 1000 people are called by him, if even one of them gets trapped, then millions of them become different. Money is demanded by the thugs in the bank accounts, so it seems that it will be legitimate. However, bank accounts are also used by others. In such a situation, clever people cannot get caught by the police.
Direct question: How is the lottery if the ticket is not bought?
Fraudsters usually give the illusion of winning the lottery. Taxes are levied on lottery. Initially only a few thousand rupees are demanded as tax. This creates greed and the process of giving money in order to get a large amount by paying a small amount of tax starts. Once the money is paid, the fraudsters again ask for money in the name of GST, in the name of Income Tax. Every time money is demanded. This cycle continues as long as the victim of the fraud keeps on giving money. When you stop giving money, the process of robbery stops. Surprisingly, even once, the victims of fraud do not notice whether they had bought a lottery ticket? How can I get the prize when I haven't even bought a lottery ticket? If you ask yourself such a question, then you can avoid falling in the clutches of thugs. Also, if the happiness of winning the lottery worth crores of rupees is shared with the neighbors, then only the people around can help in saving them from the thugs. However, people who have come under the hoax do not want to let their neighbors and relatives know about the lottery worth crores of rupees. Because of this the loss keeps on increasing. Deposited capital gets exhausted and there is a situation of taking loans from relatives. People need to be aware about this.
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क्या डबवाली में BJP की इस गलती को नजर अंदाज किया जा सकता है,आखिर प्रशासन ने क्यों नहीं की कार्रवाई
fv
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