लगभग सभी विधानसभा में रहने वाले प्रकाश सिंह बादल अपने पूरे परिवार से समेत चुनाव हार गए

पंजाब विधानसभा के 2022 के चुनाव के परिणाम लगभग वैसे ही हैं जैसे 1989 में लोकसभा के चुनाव हुए थे। 1989 के संसदीय चुनाव में भी पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण बराड़, सुखदेव सिंह ढींडसा ,बलवंत सिंह रामूवालिया जैसे दिग्गजों को नए नए चेहरों मात दी वहीं इन विधानसभा चुनाव ने 1989 का इतिहास दोहराया।
जिसमें सबसे दिलचस्प बात है कि 1957 से लेकर अभी तक लगभग सभी विधानसभा में रहने वाले प्रकाश सिंह बादल अपने पूरे परिवार से समेत चुनाव हार गए हैं।

मजीठिया की पत्नी गुनीव कौर ने बचाई इज्जत

1957 से लेकर अभी तक 11 बार चुनाव जीतने वाले प्रकाश सिंह बादल पांच बार मुख्यमंत्री भी रहे और 95 साल की आयु में चुनाव मैदान में अपनी 12वीं जीत का स्वाद नहीं चख सके। उन्हें लंबी सीट से आम आदमी पार्टी के गुरमीत सिंह खुडियां ने 11396 के फर्क से हरा दिया। यह संयोग ही कहा जाएगा कि उनके 1989 में जगदेव सिंह खुडियां ने पूर्व मुख्यमंत्री हरचरण सिंह बराड़ को फरीदकोट सीट से हराया था।
1997 में बादल परिवार के एक से ज्यादा पारिवारिक सदस्य विधानसभा के सदस्य रहे हैंं, लेकिन यह पहला मौका होगा जब परिवार के सभी नेता हार गए हैं। प्रकाश सिंह बादल के अलावा उनके बेटे सुखबीर बादल, उनके भतीजे मनप्रीत बादल, उनके दामाद आदेश प्रताप सिंह कैरों हार गए। सुखबीर बादल के साला साहिब बिक्रम मजीठिया भी अपनी सीट नहीं बचा पाए। हालांकि उनकी पत्नी गुनीव कौर ने मजीठा सीट जीत ली है।
Source Link - Parkash Singh Badal, who lived in almost all the assembly, lost the election along with his entire family.

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