विधायक अमित सिहाग के खेल नर्सरी व लाइब्रेरी के सुझाव को बजट में मिला स्थान

शिक्षा प्रेरकों की पुनः नियुक्त की जगी आस,दबाव के बाद पुराने खालों की मुरम्मत के लिए बनाये नियम पर एक साल के लिए रोक
Dabwalinews.com
हल्का डबवाली के विधायक अमित सिहाग द्वारा बजट सत्र रखी मांगों एवं सुझावों के चलते हरियाणा वासियों की कुछ अहम मांगों को सरकार ने बजट में शामिल किया है।इसकी जानकारी विधायक अमित सिहाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी करके दी।सिहाग ने जारी प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया कि सरकार द्वारा मौजूदा बजट सत्र के लिए विधायकों से सुझाव मांगे थे जिस पर उन्होंने सरकार को डबवाली एवं हरियाणा से जुड़े अहम सुझाव भेजे थे।उन्होंने बताया कि उनके द्वारा सरकार को हरियाणा में क्लस्टर स्तर पर लाइब्रेरी व खेल नर्सरी खोलने का सुझाव प्रमुखता से भेजा था जिसे सरकार ने इस बजट सत्र में मान लिया है।उन्होंने बताया कि उनके सुझाव को मानते हुए सरकार ने पूरे हरियाणा में कुल 1100 खेल नर्सरी खोलने का फैसला लिया है। जिनमे से 500 सरकार द्वारा खोली जाएंगी व 600 खेल नर्सरी, पब्लिक सेक्टर यूनिट अर्थात निजी शिक्षा संस्थाओं व कोचिंग सेंटरों में खोली जाएंगी जिसके तहत 25000 युवाओं को विभिन्न खेल प्रतिस्पर्धाओं के लिए तैयार किया जाएगा।उन्होंने बताया कि सरकार ने खेल नर्सरी के लिए मॉडल संस्कृति स्कूलों को चुना है जिनकी मौजूदा संख्या 138 है जिसे बढ़ा कर 500 किया जाएगा।
सिहाग ने बताया कि उनके द्वारा क्लस्टर स्तर पर लाइब्रेरी खोलने के सुझाव को सरकार ने मानते हुए राजकीय वरिष्ठ माद्यमिक विद्यालयों में लाइब्रेरी खोलने का फैसला किया है।उन्होंने सरकार को लाइब्रेरी को ई लाइब्रेरी बनाने की मांग की है ताकि वहां पढ़ने आने वाले विद्यार्थियों को इंटरनेट आदि की सुविधा मिल सके।
अमित सिहाग ने बताया कि पिछले बजट सत्र में उन्होंने 20 साल या इससे पुराने खालों की मुरम्मत व नए खालों के निर्माण के लिए खेत मे 30 प्रतिशत माइक्रो इरिगेशन सिस्टम(ड्रिप सिंचाई, फुव्वारा) होने के नियम को रद्द करने की मांग की थी।उन्होंने बताया कि बढ़ रहे दबाव व उनकी मांग को मानते हुए सरकार ने फिलहाल इस नियम पर एक वर्ष के लिए रोक लगा दी है जिसके चलते हरियाणा के हज़ारों किसानों को लाभ होगा।
विधायक ने बताया कि उनके द्वारा वर्ष 2017 में हटाये गए शिक्षा प्रेरकों को पुनः नियुक्त करने की मांग भी विधानसभा में जोरदार ढंग से उठाई गई थी और उसी के चलते उनकी पुनः नियुक्ति की आस जगी है।उन्होंने बताया कि कोरोना के चलते स्कूल बंद होने से बच्चों की शिक्षा पर बुरा असर पड़ा है और पैरा मिलेटरी फ़ोर्स के एक जगह से दूसरी जगह शिफ्ट होने के चलते उनके बच्चों की शिक्षा भी बाधित हुई है ऐसे में सरकार ने पहली से दसवीं कक्षा तक कोचिंग कक्षाएँ लगाने का निर्णय लिया है।सिहाग ने बताया कि ये कक्षाएं स्कूल की छुट्टी के बाद लगाई जाएंगी और इनको पढ़ाने के लिए सरकार ज़िला स्तर पर योग्यता के हिसाब से शिक्षा प्रेरकों से अनुबंध करेगी जिससे उनके पुनः नियुक्त होने की आस बंधी है।

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