जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर व बिश्नोई सभा डबवाली द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आवासीय जाम्भाणी संस्कार शिविर का समापन समारोह आयोजित
Dabwalinews.com


जाम्भाणी साहित्य अकादमी बीकानेर व बिश्नोई सभा डबवाली द्वारा आयोजित पांच दिवसीय आवासीय जाम्भाणी संस्कार शिविर का समापन समारोह बिश्नोई धर्मशाला डबवाली में सम्पन्न हुआ। सभा सचिव इन्द्रजीत बिश्नोई ने बताया कार्यक्रम के मुख्य अतिथि अखिल भारतीय जीव रक्षा बिश्नोई सभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष वृक्ष मित्र साहबराम रोहज का डबवाली सभा अध्यक्ष कुलदीप कुमार जादूदा व समाज के लोगों द्वारा फूलमालाओ से गर्मजोशी के साथ स्वागत किया। मुख्य अतिथि ने सबसे पहले धर्मशाला में स्थित गुरु जंभेश्वर भगवान मंदिर में माथा टेका, उसके बाद समापन समारोह का कार्यक्रम शुरू हुआ।मुख्य अतिथि व जाम्भाणी साहित्य अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ बनवारी लाल सहु, स्वामी विवेकानंद, स्वामी इन्द्रदास व समाज के गणमान्य व्यक्तियो ने सबसे पहले गुरु जांभो जी के चित्र के सामने ज्योति प्रज्ज्वलित कर भगवान से आशीर्वाद लिया व स्वामी जी ने साखी सुनाई। सिविल हस्पताल डबवाली के एस एम ओ डा महेंद्र कुमार भादू ने स्वाथ्य से संबंधित बातों से अवगत कराया। अकादमी के उपाध्यक्ष डॉ बनवारी लाल सहु ने कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनना चाहिए, संस्कार शिविर में भाग लेने से अनेक बातें सीखने को मिलती हैं।साहित्य से जुड़ी सभी बातें बताई अकादमी द्वारा शुरू किये गए कार्यक्रम जैसे जाम्भाणी ज्ञान परीक्षा व जाम्भाणी संस्कार शिविर आदि के बारे में विस्तार से बताया। बिश्नोई सभा डबवाली द्वारा आये हुए सभी मुख्य मेहमानों व समाज के गणमान्य व्यक्तियो का स्वागत किया। डबवाली शहर की धड़कन रंगमंच के प्रसिद्ध कलाकार संजीव शाद ने माइक हाथ में थामते ही अपनी वाणी से बच्चों व उपस्थित गणमान्य व्यक्तियो में ऊर्जा का संचार पैदा किया। तालियों की गडगडाहट से हाल गूज़ उठा। उन्होंने कहा कि समय अनुसार बच्चों के इस तरह संस्कार शिविर लगाना बहुत जरूरी है ताकि बच्चे गलत रास्ते पर न जाकर संस्कारवान बनें तथा वृक्षों के लाभ भी बताये। सभा के पदाधिकारियों द्वारा संजीव शाद को मोमेंटो देकर सम्मान दिया। अंत में मुख्य अतिथि साहबराम रोहज ने शहीद माता अमृता देवी द्वारा वृक्षों की रक्षार्थ दी गई कुर्बानी को विस्तार से बताया और कहा कि पर्यावरण सरक्षण का ऐसा उदाहरण पुरी दुनिया में नहीं मिलता है जीवन में पेड़ लगाने बहुत जरूरी हैं। बच्चों को भी यही संस्कार दें, ज्यादा से ज्यादा पेड़ लगायें। बच्चों को माता पिता गुरू जनो का आदर करना चाहिए ओर उनकी सेवा करनी चाहिए, नशों से दूर रहना, गुरू महाराज जांभो जी ने युक्ति के साथ जीवन जीने के लिए 29 नियम बताये जिनको हमे धारण करना चाहिए, बताये नियमों पर चलना चाहिए। प्रकृति का संतुलन बनाये रखने के लिए भगवान ने वन्य जीवों को धरती पर भेजा है जिनकी हमे रक्षा करनी चाहिए। प्रकृति का संतुलन व पर्यावरण संरक्षण दोनों बहुत जरूरी ह।ै रिटायर्ड अध्यापक हरिराम खीचड का शिविर में सेवा देने लिए आभार जताया व मोमेंटो देकर सम्मान किया। सभा द्वारा मेहमानों को शाल मोमेंटो देकर सम्मान किया गया। बच्चों को प्रमाण पत्र, शिविर ग्रुप फोटो ,पुस्तक भेंट की। जिन बच्चों ने अनुशासन में रहने का परिचय दिया, योगा में, ज्ञान परीक्षा में प्रथम, दूसरा, तीसरा स्थान प्राप्त करने वालो को मोमेंटो देकर सम्मान किया। रिटायर्ड प्रिसिंपल हंसराज बिश्नोई व अध्यापक इन्द्रजीत खीचड़ ने मंच संचालन बखूबी से करने सभा के पदाधिकारियों ने आभार जताया। इस मौके पर अकादमी सदस्य विनोद कुमार काकड़, बिश्नोई सभा डबवाली सदस्य सुरेन्द्र कुमार गोदारा, मिठूराम थापन, बनवारी लाल गोदारा, रणवीर सहारण, सतपाल खीचड़, जीतराम पूनिया, सुशील धायल , राजेन्द्र कुमार देहडू, रामकुमार तरड, रिटायर्ड जिलेदार कृष्ण कुमार खीचड़, सिकन्दर जादूदा, भूपसिंह देहडू,कृष्ण कुमार गोदारा, राजेश खीचड़, रामेश्वर गोदारा ,पृथ्वी राज अग्रवाल, शिवकुमार खीचड़, राजेन्द्र कुमार धतरवाल, सुशील गोदारा सभी ने संस्कार शिविर की प्रशंसा की और सभा सदस्य सुरेन्द्र कुमार गोदारा ने घोषणा की अगले वर्ष फिर लडकों का जाम्भाणी संस्कार शिविर आयोजित करवाएंगे।
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