बिश्नोई भूषण चोधरी बृज लाल खीचड़ की पुण्यतिथि पर विशेष

Dabwalinews.com
डबवाली की बिश्नोई धर्मशाला के निर्माण में अहम भूमिका निभाने तथा समाज के अन्य कार्यों में उल्लेखनीय योगदान देने के लिए महान कर्मयोगी चोधरी बृज लाल खीचड़ को बिश्नोई समाज के लोग कभी भुला नही पाएंगे। अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष चौधरी बृजलाल खीचड़ का जन्म वर्ष 1920 को जनवरी माह में पाकिस्तान के बहाबलपुर रियासत के मुहारवाली गांव में श्री जवानाराम खीचड़ (बिश्नोई) के घर व माता घोटी देवी की कोख से हुआ। वर्ष 1947 के विभाजन पश्चात गांव अबूबशहर में आकर बस गए। उनकी पहचान डबवाली क्षेत्र के अग्रणी व उन्नत कृषक के रूप में रही। काफी समय तक खेती-बाड़ी व पारिवारिक दायित्वों का निर्वाह करते हुए वर्ष 1983 में पूर्ण रूप से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हो गए। धार्मिक संस्कारों से ओतप्रोत माता-पिता से बचपन में ही संस्कारित जीवन ग्रहण कर समाज के लिए संघर्षशील व कर्म योगी व्यक्तित्व के धनी चौधरी बृजलाल ने 11 जनवरी 1984 को बिश्नोई समाज के सहयोग से डबवाली में बिश्नोई धर्मशाला का शिलान्यास चौधरी भजनलाल बिश्नोई मुख्यमंत्री, हरियाणा के कर कमलों से करवाया। तब से लेकर 30 जून 2010 तक बिश्नोई सभा डबवाली के अध्यक्ष पद पर रहकर बिश्नोई समाज के उत्थान का बीड़ा उठाया और निरंतर बिश्नोई समाज को एक गौरवशाली स्थिति तक पहुंचाना का अथक प्रयास करते रहे। उन्होंने अपने कार्यकाल के दौरान मुकाम धाम में डबवाली बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण भी करवाया। अखिल भारतीय सेवक दल का स्थायी सदस्य बनने के पश्चात बिखरे हुए सेवक दल का पुनर्गठन करके 26 अगस्त 1992 में लंगर सेवा प्रारंभ की जो अब वटवृक्ष की तरह विशाल रूप धारण कर निरंतर सेवारत है। उन्होंने जांबा जी में भी जनसहयोग द्वारा निर्माण कार्य करवाकर वहां भी लंगर सेवा प्रारंभ करवाई। उन्होंने सामाजिक कार्यों के दौरान बीकानेर बिश्नोई धर्मशाला में मंदिर निर्माण, मुकाम निज मंदिर का निर्माण, दिल्ली बिश्नोई धर्मशाला निर्माण तथा बिश्नोई धर्मशाला हनुमानगढ़ आदि सभी निर्माण कार्यों में शुरू से लेकर कार्य पूर्ण तक सक्रिय सेवा की। दिल्ली बिश्नोई धर्मशाला के लिए चंदा इक_ा करने के लिए हरियाणा पंजाब राजस्थान व मध्यप्रदेश में भी गए। इनके मृदुल स्वभाव इमानदार छवि व सेवा भावना के कारण ही बिश्नोई धर्मशाला के निर्माण में अविस्मरणीय योगदान रहा। इनके प्रयास से ही डबवाली क्षेत्र की सर्वश्रेष्ठ बिश्नोई धर्मशाला का निर्माण संभव हुआ। उन्होंने क्षेत्र के सभी सामाजिक व धार्मिक कार्यों के लिए तन मन धन से सहयोग दिया। उनके सतत प्रयास से ही बिश्नोई मंदिर डबवाली का शिलान्यास संभव हो सका। वर्ष1983 से चौधरी बृज लाल खीचड़ को विभिन्न संस्थाओं के प्रमुख पदों जैसे अध्यक्ष कार्यवाहक अखिल भारतीय बिश्नोई महासभा मुकाम, अध्यक्ष राष्ट्रीय सेवक दल मुकाम, अध्यक्ष बिश्नोई धर्मशाला डबवाली, अध्यक्ष निर्माण कमेटी दिल्ली बिश्नोई धर्मशाला, अध्यक्ष जंभेश्वर हितकारिणी सभा हनुमानगढ़, संरक्षक राष्ट्रीय सेवक दल मुकाम व संरक्षक बिश्नोई धर्मशाला डबवाली आदि पर सुशोभित किया गया। बिश्नोई सभा के समाज के कर्तव्यनिष्ठ प्रकाश पुंज को वर्ष 2005 में आसोज मेला मुकाम में बिश्नोई रतन चौधरी भजनलाल मुख्यमंत्री हरियाणा ने बिश्नोई भूषण व विशिष्ट समाज सेवक की उपाधि से अलंकृत किया।
बिश्नोई सभा सचिव इन्द्रजीत बिश्नोई ने बताया कि कल 14 सितम्बर बुधवार को बिश्नोई धर्मशाला डबवाली में एक श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर चौधरी बृज लाल खीचड़ के कार्यों को याद करते हुए उन्हें श्रद्धा सुमन अर्पित किए जाएंगे ।

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