जीवन को सफल व सार्थक बनाने के लिए करें राग और द्वेष का त्याग: साध्वीश्री कनकरेखा जी
डबवाली।जैनधर्म तेरापंथ धर्मसंघ के ग्यारवें अनुशास्ता महातपस्वी आचार्य श्री महाश्रमण जी की सुशिष्या साध्वी श्री कनकरेखा जी, सहयोगी साध्वी श्री गुणप्रेक्षा जी, साध्वीश्री संवरविभा जी, साध्वीश्री केवलप्रभा जी, साध्वीश्री हेमंतप्रभा जी बीकानेर चार्तुमास संपन्न कर आचार्य प्रवर के इंगितानुसार श्रीजैन तेरापंथ भवन मंडी डबवाली में पधार चुके हैं।
तेरापंथ भवन में साध्वी श्री कनकरेखा जी के मंगल प्रवचन का आगाज नंवकार महामंत्र के जाप से हुआ। इसके बाद वहां उपस्थित श्रावकों को अपने मंगल उदबोधन में कहा कि मनुष्य को संतों के बताए हुए रास्ते पर चलना चाहिए। क्योंकि संतों के बताए रास्ते पर चलकर ही मानव मोक्ष को प्राप्त कर सकता है। मानव को अपनी रूचि एवं प्रिय वस्तु का त्याग मात्र करने से ही तपस्या कर फल मिलता है। अतः मानव को अपने गृहस्त जीवन में रहते हुए त्यागमय और अनुशासित जीवन जीना चाहिए। क्योंकि जीवन को सफल व सार्थक बनाने के लिए राग और द्वेष रूपी कर्म बीज को नष्ट करना होगा तभी कर्मां का राजा मोहनीय कर्मों को क्षीण कर सकते हैं। मनुष्य जीवन की मूल्यक्ता को समझ सकते हैं। मनुष्य को अपने जीवन में कुछ क्षण निकालकर संतों का संग करना चाहिए। संतों का संग करने से मानव जीवन में शीतलता की अनुभूति होती है। प्रवचन समापन के बाद साध्वी श्री सभी श्रावकों को मंगलपाठ सुनाया।सभाध्यक्ष दीपक गर्ग ने आमजन से आह्वान किया कि साध्वीश्री ठाणा 5 तेरापंथ भवन में विराज रहे हैं आमजन सांय साढे 7 बजे तेरापंथ भवन में उनके दर्शन एवं प्रवचन का लाभ लें। इस अवसर पर सभाध्यक्ष दीपक गर्ग, बलदेव गर्ग, देव कुमार शर्मा, आचार्य रमेश सचदेवा, अशोक गर्ग, जवाहर कामरा, नरेश गर्ग, नवीन जिंदल, कमल कुमार, ललित गर्ग, हैप्टी गर्ग, देवेन्द्र मित्तल, बलजिन्द्र बांसल, चाहत बांसल, रवि सेठी एडवोकेट, दीपक गर्ग बाबा पार्षद, रजत गर्ग, अंकित गर्ग, विपिन गुप्ता, अशोक गुप्ता, संतोष शर्मा सहित भारी संख्या में महिला श्रावक मौजूद रहे।
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