अमित सिहाग ने विधानसभा में उठाया परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों का मुद्दा
परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों के चलते बहुत से लाभार्थियों को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ:अमित सिहाग
Dabwalinews.Com
परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों के चलते लोगों के काटे गए बीपीएल कार्ड पर सरकार को घेरते हुए विधायक अमित सिहाग ने प्रश्न काल मे सरकार से सवाल किया।
प्रश्नकाल के दौरान विधायक सिहाग ने सरकार से सवाल किया कि बीपीएल कार्ड बनाने का सरकार का क्या पैमाना है और सरकार द्वारा कितने बीपीएल कार्ड काटे गए हैं और कितने बीपीएल कार्ड इस वर्ष नए बनाए गए हैं? विधायक के प्रश्न का जवाब देते हुए विभाग के मंत्री, उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में 1.80 लाख रुपये की आमदन को आधार बनाकर बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं, जिनकी आमदनी 1.80 से कम है उनके बीपीएल कार्ड बनाए जाते हैं।
सिहाग ने कहा कि जब परिवार पहचान पत्र बनाए गए थे तब सर्वे करने वालों और परिवार पहचान पत्र बनवाने वालों को इसकी जानकारी नहीं थी कि यह किस के लिए बनाए जा रहे हैं और लोगों ने अंदाजन ही अपनी आमदनी लिखवाई थी जिसके कारण इनमें बहुत ही त्रुटियां हैं और बहुत से लाभार्थी सरकारी सुविधाओं का लाभ प्राप्त नहीं कर पा रहे। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा की त्रुटियों को दूर किया जा रहा है और अगर आपका भी कोई सुझाव है तो बताया जाए सरकार उस पर भी अमल करने का काम करेगी।
सिहाग ने उपमुख्यमंत्री से कहा कि त्रुटियों को दूर करने के लिए जो कैंप लगाए जा रहे हैं वहां पर मुख्य रूप से आमदनी को सही करने के लिए कोई सरल तरीका नही बताया जा रहा, जिसके कारण आमजन को भारी असुविधा का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कोई ऐसा तरीका निकालें जिससे कि कैंपों में हाथों-हाथ परिवार पहचान पत्र में अंकित गलत आमदनी को सही किया जा सके और लाभार्थियों को लाभ मिल सके।
विधायक ने कहा कि परिवार पहचान पत्र में आमदनी 1.80 लाख के अलावा एक मापदंड यह भी है कि अगर किसी के पास दो कमरों मकान हैं और फर्श पक्का है तो उसको भी सरकारी सुविधाओं का लाभ नहीं दिया जा रहा। उन्होंने कहा कि यह कोई जरूरी नहीं है कि जो मौके पर उस मकान में रह रहा है, वह मकान उसने बनाया है।उन्होंने कहा कि ये भी हो सकता है कि यह मकान उसका पुश्तैनी हो और दूसरा खासकर कोरोना के चलते बहुत से लोगों की आमदन पर बुरा असर पड़ा है जिसके चलते उनकी आमदनी 1.80 लाख से कम हो चुकी है।विधायक ने कहा कि ऐसे में सरकार को चाहिए कि इस प्रकार की नियम व शर्तों को परिवार पहचान पत्र में से बीपीएल कार्डों के लिए हटाया जाए ताकि सही लाभार्थी को लाभ मिल सके।
अमित सिहाग ने चौटाला गांव का उदाहरण देते हुए कहा कि चौटाला गांव में कई लोग परिवार पहचान पत्र में त्रुटियों को लेकर धरने में बैठे हैं क्योंकी उनका बीपीएल कार्ड केवल इसलिए नहीं बन पाया कि उनकी रिहाइश को गलती से शहरी क्षेत्र में 100 गज से ज्यादा दिखाया गया है, जबकि उनकी कोई भीड़ है शहरी क्षेत्र में नहीं है। सिहाग ने उप मुख्यमंत्री से आग्रह किया कि परिवार पहचान पत्र की उपरोक्त सभी त्रुटियों को दूर करके सही लाभार्थियों को लाभ दिया जाए।
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