संतों की शिक्षाएं संपूर्ण समाज के लिए होती है न कि किसी विशेष वर्ग के लिए :: मनोज सिरसवाल

डबवाली।भगवान बाल्मीकि जयन्ति पर्व के उपलक्ष्य में वार्ड 13 में न्यू बस स्टैंड रोड पर स्तिथ भगवान बाल्मीकि मंदिर में बुधवार को श्री रामायण पाठ का शुभारंभ हुआ। समस्त कार्यक्रम पंडित रमेश शास्री के सानिध्य में विधिवत पूजा अर्चना के बाद शुरू किया गया। इस संबंध में जानकारी देते हुए मंदिर के सेवक राकेश बाल्मीकि ने बताया कि पाठ के दूसरे दिन 26 अक्टूबर बृहस्पतिवार को पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष आशा बाल्मीकि , खजाना अधिकारी वेद प्रकाश चंडालिया व वरिष्ठ पत्रकार मनोज सिरसवाल व उनकी धर्मपत्नी राशु सिरसवाल ने भगवान का पूजन करवाया और पूजा अर्चना के बाद मंगल आरती करते हुए भगवान का आशीर्वाद लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन के दौरान पत्रकार मनोज सिरसवाल ने कहा की भगवान महर्षि वाल्मीकि जी वेदों के ज्ञाता थे और उनके द्वारा रचित महान ग्रंथ रामायण के माध्यम से दी गई उनकी शिक्षाएं आज भी प्रासंगिक है। महापुरुषों का विचार है कि समाज में समानता, समता और समरसता आनी चाहिए और आज समाज को महापुरुषों की शिक्षा का अनुसरण करना चाहिए। सिरसवाल ने कहा कि हमें आदिकाल से चली आ रही मान्यताओं को आने वाली पीढ़ी तक पहुंचाना होगा। संतों की शिक्षाएं संपूर्ण समाज के लिए होती है न कि किसी विशेष वर्ग के लिए। उन्होंने सभी को भगवान वाल्मीकि जी जन्मोत्सव की बधाई देते हुए कहा कि भगवान महर्षि वाल्मीकि जी केसिद्धांत आज भी समाज के लिए प्रासंगिक हैं। उन्होंने कहा कि भगवान महर्षि वाल्मीकि ने पवित्र रामायण की रचना कर पूरी मानव जाति के कल्याण हेतु धर्म का मार्ग प्रशस्त किया है और ऐसे संत-महात्माओं की शिक्षाएं पूरे मानव समाज की धरोहर हैं। इस मौके पर वार्ड पार्षद मधु बागड़ी , पूर्व पार्षद रविंद्र बबलू , विजय पुहाल , सुखविंदर सिंह , पवन कुमार सहित अन्य लोग मौजूद थे।

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